वारूण थानाध्यक्ष के वेतन से हर माह 50 प्रतिशत की कटौती का आदेश…

औरंगाबाद के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी डाo दिनेश कुमार, प्रधाान ने बारूण थानाध्यक्ष वीरेन्द्र पासवान के खिलाफ कारवाई की है।सीजीएम ने थानाध्यक्ष के वेतन से 50 प्रतिशत कटौती कर भुगतान करने का आदेश दिया है। थानाध्यक्ष के द्वारा मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी के न्यायालय को दिगभ्रमित करने के मामले में यह कारवाई की गई है।सीजीएम ने अपने आदेश की प्रतिलिपि डीएम एवं एसपी कोषागार पदाधिकारी एवं थानाध्यक्ष को भेजा है।अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि सीजीएम कोर्ट से बारूण थाना कांड संख्या 277/11 में सूचक बारूण थाना के लखेपुर गाँव निवासी कामेश्वर यादव को नोटिस देने के लिये थानाध्यक्ष को भेजा गया था। थानाध्यक्ष ने नोटिस का तामिला न कराकर यह लिखकर सीजीएम कोर्ट को लौटा दिया कि लखैपुर गाँव बारूण थाना में नहीं है।थानाध्यक्ष के इस जवाब पर सीजीएम ने असंतोष जाहिर करते हुए थानाध्यक्ष के वेतन से 50 प्रतिशत की कटौती करने का आदेश दिया है।स्पष्टीकरण भेजते हुए 7 दिनों के अंदर थानाध्यक्ष से जवाब माँगा है कि कोर्ट को दिगभ्रमित आसीर क्यों किया गया न्यायालय का कहना है कि बारूण थाना कांड संख्या 277/11 में सूचक का गाँव लखैपुर लिखा गया है।केस के आईओ ने केस डायरी में गाँव का नाम लखैपुर लिखा है।कांड के अंतिम आरोप पत्र में गाँव का नाम लखैपुर लिखा गया है। अधिवक्ता के अनुसार जब पुलिस ने प्राथमिकी केस डायरी एवं आरोप पत्र में लखैपुर लिखा है, तो फिर सीजीएम कोर्ट से भेजा गया नोटिस को थानाध्यक्ष ने कैसे लौटा दिया। न्यायालय से इस मामले को गंभीरता से लिया है।बता दें कि पहले भी सीजीएम ने कई थानाध्यक्षों के खिलाफ सख्त कारवाई की है।