DGP बड़ा या थानेदार ? DGP साहब, नही सुनते और नही आपका आदेश मानते हैं थानेदार, पुलिस इंट्री माफिया के साथ मिलकर बिक्रमशीला सेतु को ध्वस्त करने की एक साजिश है…

डीजीपी बिहार श्री गुप्तेश्वर पांडे ने ओवरलोड ट्रक को पुलिस को नही पकड़ने का आदेश दिया है।ना की इंट्री माफिया को, जो दिन दहाड़े राजस्व को चुना लगा रहे है उसको तो पुलिस पकड़ ही सकती है।पर इंट्री माफिया को नही पकड़ ओवरलोड ट्रक को पकड़ती है।अगर पुलिस को ओवरलोड ट्रक ही पकड़ना है तो मजिस्टेट के साथ ओवरलोड ट्रक को पकड़ सकता है।पर ओवरलोड तो दूर अंडरलोड भी पकड़ लिया जा रहा है।भागलपुर डीजीपी के आदेश का सरेआम उल्लंघन कर रहे है भागलपुर जिले के सभी थानेदार से लेकर पुलिस महकमें कुछ बिगाड़ नही पा रहे डीजीपी साहेब आये दिन भागलपुर जिले के कहगांव के एएसपी के नेतृत्व मे सैकडो अंडरलोड और ओवरलोड कह कर पकडा जा रहा है अवैध वसुली कर कुछ गाड़ी को रात को ही छोड दिया जा रहा है पैसा नही देने बाले गाडियों को परिवहन और खनन विभाग के हवाले किया जा रहा है।ट्रक मालिको का सवाल बस है यह कि अगर पुलिस ही परिवहन विभाग चलाती तो माईनिग और डीटीओ और मोबाईल और एमभीआई की जरूरत ही क्या है यह सरकार बताये ?ट्रक मालिको का कहना है कि थाने के आगे से दलालो के इशारे पर खुलेआम ओभरलोड ट्रको का परिचालन कर के सरेआम परिवहन विभाग के सारे नियमों को तार तार करते हुये बिक्रमशीला सेतु को ध्वस्त करने की एक साजिश है।जब इसका ट्रक मालिक विरोध करते है तो पुलिस और परिवहन और दलाल मिलकर ट्रक मालिको को आर्थिक रुप से कमजोर करने के लिए तरह तरह के धारा लगा कर उनसे अवैध वसुली कर रहे है।इस पुलिसिया जुल्म के खिलाफ जो भी ट्रक मालिक अवाज उठा रहे है उनके खिलाफ कारवाई होने मे देरी भी नही किया जा रहा है।कैसे ट्रक मालिक अपना व्यवसाय सुगम तरीके से करे यह सवाल प्रदेश के मुखिया के सुशासन के वायदे को भी तार तार करने मे पुलिस कोई कसर नही छोड रही है ? बिहार पुलिस के सामने ट्रको से अवैध वसुली ही मुख्य व्यवसाय का एक साधन बना लेने का आरोप ट्रक मालिक और ड्राईबर का है।
आपके आदेश की धज्जियां उड़ा रहे थानेदार खुद को dgp से कम नहीं समझते और अपराध नियंत्रण से ज्यादा अवैध वसूली में मशगूल रहते हैं और शिकायत करने पर उल्टा चोर कोतवाल को डाटे वाली कहावत को चरितार्थ करते हैं।
भागलपुर : दानवीर कर्ण के अंगक्षेत्र इन दिनों पुलिस विभाग के द्वारा अंगक्षेत्र मे अवैध् वसूली का खेल बड़े ही ध्ड़ल्ले से खुलेआम दिन दहाड़े हो रहा है।ऐसा भी नही है कि इस बात की जानकारी स्थानीय थानेदार, डीएसपी, एसपी, डीआईजी, आईजी, और डीएम सहित जिला परिवहन पदाधिकारी को न हो।शराब बंदी और बालू अधिनियम को लागू होने के बाद बिहार पुलिस के थानेदारों के द्वारा अवैध् वसूली का खेल बहुत ही तेजी से फल फूल रहा है।और कारोबार को आगे बढ़ाने मे माफियाओं के साथ स्थानीय पुलिस प्रसाशन का भी संलिप्तता है।एक तरफ सूबे के सुबेदार श्रीमान नीतिश कुमार जी बिहार की खोई प्रतिष्ठा एंव जिला मे हो रहे भ्रष्टाचार को समाप्त करने का बिड़ा उठाया है वही दुसरी और उनके ही सरकार के कर्मचारी, और पदाधिकारी अपने व्यक्तिगत राजस्व की पुर्ति के लिए मुख्यमंत्री के सपनों को चकनाचुर कर रहे है।भागलपुर शिल्क सिटि के रूप मे तथा बिक्रमशिला के नाम से पुरे विश्व मे जाना जाता है।वही इन दिनों भागलपुर पुलिस की गुंडागर्दी एवं अवैध् वसूली को लेकर चर्चा मे है।बिक्रमशिला सेतु अपने अस्तित्व को बचाने मे ओवरलोड ट्रकों के परिचालन से ध्वस्त होने का दंस कभी भी झेल सकता है।लेकिन चंद हजार रूपए के कारण पुलिस और जिला परिवहन पदाधिकारी, एमभीआई, आरटीओं से मिलिभगत से यह षंडयंत्र बदसूतर जारी है।बिहार पुलिस के बहुत चर्चित कप्तान श्री गुप्तेश्वर पांडे आम आवाम की आवाज को प्राथमिकता देकर भ्रष्टाचार एंव अपराध् पर नकेल कसना चाहते है।इसका प्रमाण स्वंय कई बार डीजीपी श्री पांडे ने खुले मंच से मीडिया को इंटरभियु और सोशल मीडिया पर देते नजर आए है।वाबजूद इसके उनके इस प्रयास का कोई भी असर भागलपुर पुलिस पर और जिला परिवहन पदाधिकारी, एमभीआई, व आरटीओं के पदाधिकारीयों पर नही दिखता।अब देखना है कि भ्रष्टों पर डीआईजी विकाश वैभव और आईजी, एवं डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे किस प्रकार की कार्रवाई करते है।या फिर भ्रष्ट पुलिसकर्मी का आंतक यू ह चलता रहेगा।आम लोगो का कहना है कि डीजीपी बिहार श्री गुप्तेश्वर पांडे ने ओवरलोड ट्रक को पुलिस को नही पकड़ने का आदेश दिया है।ना की इंट्री माफिया को, जो दिन दहाड़े राजस्व को चुना लगा रहे है उसको तो पुलिस पकड़ ही सकती है।पर इंट्री माफिया को नही पकड़ ओवरलोड ट्रक को पकड़ती है।अगर पुलिस को ओवरलोड ट्रक ही पकड़ना है तो मजिस्टेट के साथ ओवरलोड ट्रक को पकड़ सकता है।
ओवरलोड वाहनों की धरपकड़ के नाम पर वाहनों से अवैध वसूली करने वाले पुलिसकर्मी अब सावधान हो जाएं।वाहनों से अवैध वसूली का मिला साक्ष्य तो डायरेक्ट सस्पेंड, खनन व परिवहन ही करेगी ओवरलोड वाहन की जांच..
किशनगंज ओवर लोड वाहनों की धरपकड़ के नाम पर वाहनों से अवैध वसूली करने वाले पुलिसकर्मी अब सावधान हो जाएं।अब बालू व गिट्टी लदे ओवरलोड वाहनों को रोका तो उनकी खैर नहीं।सूचना व शिकायत मिलने पर उन्हें सीधे सस्पेंड कर दिया जाएगा।वाहनों से अवैध वसूली का साक्ष्य (वीडियो या ऑडियो फुटेज) मिला तो जेल भी जाना पड़ सकता है।डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय ने सभी एसपी को इस आशय का आदेश जारी किया है।उक्त आदेश के आलोक में किशनगंज एसपी कुमार आशीष ने सभी थानेदारों को निर्देश जारी किया है।एसपी ने कहा कि डीजीपी के निर्देश के अनुसार ओवरलोड वाहनों की जांच खनन व परिवहन विभाग के अधिकारी करेंगे।खनन व परिवहन विभाग को पर्याप्त पुलिस बल दिया गया है।अगर इन दोनों विभाग के द्वारा इसके अलावे भी पुलिस बल मांगी जाएगी तो उन्हें उपलब्ध करा दिया जाएगा।ओवरलोडिंग को रोकना पुलिस का काम नहीं है।जिस कारण पुलिस को इस काम से अलग किया गया है।उन्होंने कहा कि सभी थानाध्यक्षों को निर्देशित किया गया अपने अपने थानों में ओवरलोड ट्रकों को नहीं पकड़ेंगे।इस तरह की शिकायत मिलने पर संबंधित थानेदार व अन्य पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।एसपी ने कहा कि पूर्व में पुलिस इस ओवर लोड के कारण बदनाम हुई है।इससे बचने के लिए डीजीपी के द्वारा कड़ा कदम उठाया गया है। आपको मालूम हो कि अप्रैल माह में अकबरनगर पुलिस को थाने के समीप दो ओवरलोडेड बालू गाड़ी को जब्त करना महंगा पड़ गया।ट्रक बालू यूनियन के सचिव ने डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे को फोन कर रुपये मांगने शिकायत की।उसके बाद एसएसपी आशीष भारती अकबरनगर थाना पहुंचकर पूरे मामले की जांच की और आरोप को सही पाया।एसएसपी ने कहा है कि थानेदार समेत पूरी टीम पर कार्रवाई की जाएगी।वहीं यूनियन ने कहा कि थानेदार से लेकर डीएसपी तक को नजराना देना होता है।तारापुर निवासी मनोज चौधरी व संजय मंडल की बालू लोड गाड़ी शाहकुंड व अकबरनगर के रास्ते नाथनगर की ओर जा रही थी।अकबरनगर थाना के समीप एएसआई ओमप्रकाश सिंह ने पुलिस बल के सहयोग से दोनों बालू गाड़ी को जब्त कर लिया। एएसआई ने इसकी जानकारी थाना प्रभारी मो. दिलशाद को दिया।इसी दौरान यूनियन के सचिव मुन्ना यादव ने डीजीपी को मोबाइल से पुलिस द्वारा बालू गाड़ी पकड़ने व पैसा मांगने की शिकायत कर दी।उसके बाद डीजीपी ने भागलपुर एसएसपी आशीष भारती को जांच का निर्देश दिया।कुछ देर बाद एसएसपी, सिटी एसपी सुशान्त कुमार सरोज व डीएसपी अकबरनगर थाना पहुंच गए।थाने पर यूनियन के सचिव और चालक से बात की।अकबरनगर थाने में तीन घंटे चली जांच के बाद एसएसपी ने थानेदार समेत पूरे टीम को दोषी पाया।एसएसपी ने थाना प्रभारी, एएसआई ओमप्रकाश सिंह, होमगार्ड जवान सुधीर कुमार और रविंद्र कुमार के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही।थाने की स्टेशन डायरी में जांच-पड़ताल और कानूनी कार्रवाई को अंकित किया।
दोनों वाहनों में ओवरलोड मिला बालू
अकबरनगर में पुलिस द्वारा दो बालू गाड़ी को जब्त करने का मामला पुलिस महकमे में आग की तरह फैल गई थी। डीटीओ के निर्देश पर परिवहन विभाग के इंसपेक्टर सतीश कुमार व विकास कुमार जांच के लिए थाना पहुंचे।थाने में जांच पड़ताल के बाद इंस्पेक्टर ने दोनों गाड़ी को मापी के लिए ले गए।दोनों गाड़ी में बालू ओवरलोड पाया गया।इंस्पेक्टर ने दोनों गाड़ी का सीजर काटकर जुर्माना किया।इंस्पेक्टर ने बताया कि ओवरलोड गाड़ी के परिचालन को लेकर थाना प्रभारी को जब्त करने का निर्देश दिया गया था।परिवहन विभाग ने ओवरलोड वाहनो का चेकिंग अभियान चलाने की बात कही।आरोप : हर खेप पुलिस लेती है 250 रुपये
यूनियन के सचिव मुन्ना यादव ने भागलपुर एसएसपी आशीष भारती को पूछताछ के दौरान बताया कि बालू की ढुलाई को लेकर बेलहर से लेकर नाथनगर थाना तक कुल नौ थाने, एक डीएसपी व दो इंस्पेक्टर को बालू गाड़ी पार कराने के लिए नजराना देना पड़ता है।बिना नजराना गाड़ी पार नहीं होती है।थाने को 3500 रुपये महीना और हर खेप पर ढाई सौ रुपये देना पड़ता है।महीने का एक दिन ज्यादा होने पर गाड़ी जब्त की गयी है।चौकीदार विष्णुदेव पासवान भी महीना लेता है।इस संबंध में भागलपुर के एसएसपी आशीष भारती ने बताया कि बालू गाड़ी को गलत मंशा से पकड़ा गया था।जांच में आरोप सही पाया गया है।चुनाव आयोग से अनुमति लेकर थानेदार और एएसआई के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।आरोपों की गहराई से जांच की जा रही है।
रिपोर्ट-प्रदीप कुमार सिन्हा/सोनू यादव