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पूर्व विधायक को रास्ते से हटाने को लेकर हुई डील, जमुई में बना है राजनेता-नक्सली गठजोड़…

एक वेबसाइट ने पर्दाफांस करते हुए कहा है की सूबे की सियासत को सशक्त बनाने में पूर्व बिहार का बहुत बड़ा योगदान है और इसी पूर्व बिहार का एक जिला है जमुई जो बिहार में राजनीति की दिशा और दशा तय करती है। राजनीतिक दृष्टिकोण से जमुई की धरती बहुत ही उर्वरक है। एक से बढ़कर एक राजनेताओं को पैदा करने वाली जमुई की धरती औज नक्सलियों के कब्जे में है।संयुक्त बिहार में जमुई के इलाकों में जब प्रतिबंधित नक्सली संगठनों ने अपने पांव फैलाने शुरू किए थे, तब यहां के नागरिकों के साथ-साथ यहां के राजनेताओं तक को इस बात का अंदेशा नहीं था कि राजनीतिक रुप से सबल जमुई क्षेत्र नक्सलियों की मजबूत शरणस्थली बन जाएगी। लेकिन सामाजिक असमानता व राजनीतिज्ञों की स्वार्थ भरी राजनीति ने जमुई जिले में नक्सलियों को फलने-फूलने का भरपूर अवसर 

 

दिया।इसी का नतीजा है कि प्रतिबंधित नक्सली संगठनों ने जमुई के इलाकों में अपनी जड़ अंगद की तरह जमा दी और आज आलम ये है कि वो जब जो चाहता है करता है।हम कह सकते हैं कि जमुई जिले में नक्सलियों की समानान्तर सरकार चल रही है।मामला चाहे बड़े किसानों की भूमि पर लाल झंडा गाड़ने का हो या पुलिस की मुखबिरी करने का आरोप लगाकर किसी की हत्या करने का या फिर विकास कार्यों में लेवी वसूलने का या फिर नक्सलियों के विरोध में बयान देने वाले राजनेताओं को टारगेट कर हत्या करने का हो, सभी में नक्सली सफल रहे हैं। इन मामलों में नक्सलियों को राजनीतिक संरक्षण मिलने की बात भी सामने आती रही है।सूत्रों से मिल रही पुख्ता जानकारी के अनुसार ये खबर मिल रही है कि इन दिनों पुन: नक्सली संगठनों ने राजनीतिक सांठगांठ कर राजनेताओं को अपने निशाने पर योजना बना रहे हैं। खबर ये है कि जमुई के कई राजनेताओं की डील भी नक्सलियों से हो चुकी है वो भी जिले के ही एक राजनेता को रास्ते से हटाने के लिए।जानकारी ये मिल रही है कि नक्सली प्रवक्ता अविनाश के माध्यम से जिले के दो राजनेताओं की कई दौर की मीटिंग नक्सलियों के बड़े नेताओं के साथ हुई है जिसमें पैसे का लेन-देन भी हुआ है। सूत्रों पर यकीन करें तो चकाई के पूर्व विधायक सुमित कुमार सिंह की हत्या कराने को लेकर नक्सलियों को सुपारी दे दी गयी है। कई लाख रुपये में सौदा तय हुआ है जिसमें बतौर अग्रिम दो लाख रुपये का भुगतान भी किया जा चुका है।चकाई के पूर्व विधायक सुमित कुमार सिंह के पिता व बिहार सरकार के पूर्व कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह भी नक्सलियों के निशाने पर रहे हैं। नक्सलियों ने नरेन्द्र सिंह की हत्या के लिए कई बार प्रयास भी किया लेकिन सुरक्षा कारणों से नक्सली अपनी योजना में विफल रहे। जमुई जिले के तथाकतिथ राजनेताओं के इशारे पर नक्सली संगठन लगातर इस फिराक में है कि कैसे सुमित कुमार सिंह को रास्ते से हटाया जाए।पिछले विधानसभा चुनाव में चकाई से पराजित होने के बाबजूद सुमित सिंह का क्षेत्र में आना-जाना लगातार जारी है और दिनोंदिन उनकी 

लोकप्रियता बढ़ती जा रही है।सुमित की लोकप्रियता से परेशान जमुई के कई राजनेताओं के रातों की नींद हराम हो गयी है और थक-हारकर उन्होंने नक्सलियों की शरण ली है।कहा तो ये भी जा रहा है कि नक्सलियों ने हाल के दिनों में पूर्व विधायक सुमित कुमार सिंह के कई कार्यक्रम में एंबुस लगाने का असफल प्रयास किया। नक्सलियों की गतिविधियों की जानकारी पूर्व विधायक को हो चुकी है।नक्सलियों से राजनेताओं की सांठगांठ से पूर्व विधायक हैरान व परेशान हैं।नक्सली गतिविधि की जानकारी होने के बाद चकाई के पूर्व विधायक सुमित कुमार सिंह ज्यादा कुछ न बोलते हुए सिर्फ ये कहा कि उन्हें अपने कर्म पर यकीन है।सुमित कुमार सिंह ने कहा कि वो इस तरह की गंदी राजनीति से घबराने वाले तो नहीं है लेकिन राजनेताओं की सोच को लेकर हैरान जरुर हैं।उन्होंने कहा कि उनके शरीर में जबतक खून का एक कतरा मौजूद रहेगा वो चकाई व जमुई जिले के विकास के लिए काम करते रहेंगे।जमुई जिले के साथ-साथ आसपास के जिलों में नक्सली संगठनों ने अबतक गुरिल्ला युद्ध की तरह ही अपने टारगेट पर कार्रवाई की है या फिर बारुदी सुरंग लगाकर हिंसक कार्रवाई को अंजाम दिया है।नक्सलियों ने ऐसी कई घटनाओं को अबतक अंजाम दिया है जो न केवल बिहार की बल्कि देश की सुर्खियां बनी है। सच कहा जाये तो अर्द्धसैनिक बलों के तमाम प्रयासों के बाद भी नक्सलियों के खिलाफ कोई कारगर कार्रवाई अबतक नहीं हो पायी है….

रिपोर्ट-न्यूज़ रिपोटर 

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