District Adminstrationकिशनगंजप्रमुख खबरेंब्रेकिंग न्यूज़राज्य

किशनगंज : “तंबाकू: हमारे पर्यावरण के लिए खतरा” की थीम पर मनाया गया विश्व तंबाकू निषेध दिवस।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस :

आर्थिक, शारीरिक एवं मानसिक परेशानियों को आमंत्रित करता तम्बाकू–सिविल सर्जन

स्वास्थ्य संस्थानों में जागरूकता पर कई कार्यक्रम आयोजित।तंबाकू का सेवन मुंह व फेफड़ों के कैंसर की बड़ी वजह, हर साल होती है सैकड़ों मौत।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, तम्बाकू उत्पादों की बात करें तो यह बहुत पहले से ही मुखशोधन के नाम से पान के साथ सेवन किया जाता रहा है। तब इसका उपयोग यदा कदा एवं बहुत कम लोगों के द्वारा ही किया जाता था। लेकिन 20वीं सदी के उत्तरार्ध यानि 1980 के दशक से जैसे ही पान के स्थान पर गुटखा सेवन का प्रचलन आरंभ हुआ तब से आज तक इसका प्रचलन दिन व दिन जोर ही पकड़ता जा रहा है। तंबाकू के सेवन से मानव समाज को व्यापक नुकसान पहुंच रहा है। इसकी वजह से हर साल देश में लाखों लोग गंभीर जानलेवा बीमारियों की चपेट में पड़ कर अपनी जान गंवा रहे हैं। तंबाकू के सेवन से होने वाले नुकसान व शरीर पर पड़ने वाले इसके नकारात्मक प्रभावों के प्रति आम लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से आज जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के प्रति जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया। सर्वप्रथम सिविल सर्जन कार्यालय के प्रांगण में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी सह जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने सभी कर्मियों को तम्बाकू सेवन नहीं करने की शपथ दिलाई। इसके अलावा सभी स्वास्थ्य संस्थानों में भी सभी कर्मियों को तम्बाकू सेवन नहीं करने की शपथ दिलाई गयी। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि तंबाकू का सेवन मुंह व फेफड़ों के कैंसर का सबसे बड़ा कारण है। हाल के दिनों में खास कर युवाओं में तंबाकू उत्पाद के सेवन की लत बढ़ी है। वहीं वर्ष 2019-20 में जारी एनएफएचएस-5 के आंकड़ों के मुताबिक बड़ी संख्या में जिले की महिलाएं भी विभिन्न तंबाकू उत्पाद का सेवन करती हैं। रिपोर्ट के मुताबिक 15 साल से अधिक उम्र की 12.8 फीसदी महिलाएं किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन कर रही हैं। सिविल सर्जन ने बताया कि किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन मानव स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है। इसकी वजह से गंभीर बीमारियों की चपेट में पड़ कर हर साल सैकड़ों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ती है। सरकार द्वारा तम्बाकू सेवन रोकने के प्रति कई प्रकार के कार्यक्रम चलाये जाते हैं। इनका काफी प्रचार प्रसार भी किया जाता है। लेकिन जब तक सामाजिक स्तर से इसके प्रति जागरूकता नहीं आती है, इसपर रोक नहीं लगायी जा सकती है। तम्बाकू सेवन करने वाले लोगों को जागरूक करते हुए उन्हें तम्बाकू सेवन से रोकना चाहिए। समाज में नये तम्बाकू सेवक न बनने पाये इसके लिए सामाजिक स्तर से प्रयास किये जाने चाहिए। प्रभावकारी तौर पर सामाजिक स्तर से किये गये प्रयासों से ही तम्बाकू सेवन पर रोक लगायी जा सकती है। इसके लिए समाज के लोगों को आगे आना होगा। युवाओं में बढ़ते तम्बाकू सेवन को रोकने के लिए खासकर उनके अभिभावकों को प्रखर तौर पर अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी पड़ेगी। साथ ही जिले में 31 मई से 21 जून तक विभिन्न हेल्थ वेलनेस सेंटर पर योग सत्र का आयोजन किया जायेगा। इस दौरान शिविर में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को तंबाकू सेवन से दूर रहने के लिये प्रेरित किया जायेगा। स्कूली बच्चे, एएनएम व स्वास्थ्य कर्मियों की सामूहिक भागीदारी के साथ जागरूकता रैली निकाली जायेगी। स्कूलों में पेंटिंग, वाद-विवाद सहित अन्य प्रतिस्पर्द्धा आयोजित कर बच्चों को तंबाकू सेवन से दूरी बनाने के लिये प्रेरित किया जायेगा। ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे-2 के अनुसार बिहार में 25.9% लोग किसी न किसी प्रकार के तम्बाकू उत्पाद का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें 20.8 प्रतिशत लोग स्मोकलेस तम्बाकू का इस्तेमाल करते हैं (जैसे खैनी, गुटखा एवं पान मसाला) बिहार में 15 से 17 साल की आयु के बीच 24% लोग तम्बाकू इस्तेमाल शुरू कर देते हैं। देश में 28.6% लोग किसी न किसी प्रकार के तम्बाकू उत्पाद का इस्तेमाल करते हैं। देश में 42.4% पुरुष एवं 14.2% महिलाएं तम्बाकू उत्पादों का इस्तेमाल करती हैं। देश में 12.2% लोग 15 साल की आयु से पूर्व ही तम्बाकू उत्पादों का इस्तेमाल शुरू कर देते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button