किशनगंज : जिले में अतिकुपोषित एवं कुपोषित बच्चों के बेहतर पोषण के लिए लाभार्थी को दिया गया पोषाहार व टीएचआर।
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आईसीडीएस के डीपीओ के नेतृत्व में सीडीपीओ, एलएस समेत अन्य कर्मी की पहल से मिल रहा है लाभ
- कुपोषण मुक्त समाज के निर्माण के लिये खानपान की बेहतर आदतों को बढ़ावा देना जरूरी।
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिले में मंगलवार को झमाझम बारिश के बीच सभी ऑगनबाड़ी केंद्रों पर पढ़ने वाले बच्चों को सरकार की तमाम योजनाओं का लाभ दिलाने को लेकर आईसीडीएस के पदाधिकारी एवं कर्मी काफी सजग दिखे हैं। ताकि सभी बच्चों को बेहतर सुविधा का लाभ सुनिश्चित रूप से मिल सके और एक भी बच्चा लाभ से वंचित नहीं रहे। इसे सुनिश्चित करने को लेकर जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर तमाम चुनौतियों के बावजूद भी बच्चों, गर्भवती व धातृ महिलाओं को सरकारी स्तर से मिलने वाली सुविधाओं का लाभ मिल रहा है। इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल का भी ख्याल रखा जा रहा है। यानी प्रोटोकॉल के पालन के साथ सभी लाभार्थियों को लाभ दिया जा रहा है।
ताकि किसी प्रकार संक्रमण की समस्या उत्पन्न नहीं हो। सभी लोग सुरक्षित माहौल में सुविधाजनक तरीके से सुविधाओं का लाभ ले सकें। लाभुकों को उक्त योजना का लाभ लेने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो, बल्कि सरकारी योजना का शत-प्रतिशत लाभ सीधा लाभुकों तक पहुँच सके। इसी क्रम में आज मंगलवार को जिले के सभी 1866 केन्द्रों में माह जून का पोषाहार (टीएचआर) का वितरण सभी लाभुकों के बीच किया गया। जिसका अनुश्रवन जिले के सभी सीडीपीओ, महिला पर्यवेक्षिका के साथ आईसीडीएस के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कविप्रिया ने भी किशनगंज प्रखंड का भ्रमण किया। वही जिला आईसीडीएस कार्यालय के शहबाज आलम, मंजूर आलम, पूजा रामदास सभी पदाधिकारियों ने भी केंद्र का निरिक्षण किया। आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषाहार वितरण के अनुश्रवन के दौरान आईसीडीएस के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कविप्रिया ने बताया कि जिले के सभी केन्द्रों में टीएचआर का वितरण किया गया है।
कुछ केन्द्रों में बारिश के वजह से स्थिति दयनीय पायी गयी है। जिसके सुधार के लिए सम्बंधित महिला पर्यवेक्षिका एवं सीडीपीओ को निर्देश दिया गया है। जिले के सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन ससमय करने का भी निर्देश दिया गया है। डीपीओ कविप्रिया ने बताया की बच्चों के समुचित विकास के लिये उचित पोषाहार का सेवन जरूरी है। गर्भधारण करने से लेकर धात्री महिलाओं के लिये भी पोषण युक्त आहार का सेवन जरूरी होता है। गर्भावस्था के दौरान पौष्टिक आहार का सेवन स्वस्थ शिशु के जन्म के लिये जरूरी है। गर्भावस्था व जन्म के बाद के शुरुआती दो वर्ष बच्चों के मस्तिष्क सहित अन्य महत्वपूर्ण अंगों के विकास के लिहाज से महत्वपूर्ण होता है। बच्चों के समुचित विकास के लिये नियमित आहार में विटामिन, कैल्सियम, आयरन, वसा व कार्बोहाइड्रेट जैसे पोषक तत्वों की उचित मात्रा का होना उनके स्वास्थ्य व सेहतमंद जिंदगी के लिये जरूरी है। जिले के पोठिया प्रखंड की सीडीपीओ जीनत यास्मीन ने बताया की सुविधाओं का लाभ लेने केंद्र पर आने वाले बच्चे, लाभार्थी एवं उनके अभिभावकों को कोविड से बचाव के लिए भी जागरूक किया जा रहा है।
जैसे कि, जो व्यक्ति वैक्सीन नहीं लिए हैं उन्हें वैक्सीनेशन कराने के लिए, जिसमें लक्षण दिखता है उन्हें जाँच कराने के लिए जागरूक किया जाता है। इसके अलावा इस घातक महामारी से बचाव के लिए अन्य जानकारियाँ भी दी जाती हैं। ताकि सभी लोगों का जल्द से जल्द वैक्सीनेशन सुनिश्चित हो सके और सामुदायिक स्तर पर लोग इस घातक महामारी से सुरक्षित हो सकें। वहीं, उन्होंने बताया, सभी योजनाओं का कोविड प्रोटोकॉल के पालन के साथ संचालन हो रहा है। ताकि संचालन के दौरान किसी प्रकार के संक्रमण का खतरा उत्पन्न नहीं हो और सभी लोग सुरक्षित माहौल में सुविधाजनक तरीके से योजनाओं का लाभ ले सकें।