औरंगाबाद : शराब तस्कर फरार, मुंशी गया जेल…

औरंगाबाद बिहार बारुण-नवीनगर ntpc मुख्य पथ पर स्थित भारतीय रेल बिजली कंपनी लिमिटेड के पास बनी खैरा थाना का जो करिश्मा 30 अप्रैल 2019 को निकल कर प्रशासन से पब्लिक के बीच आया।वास्तव में थाना स्तर के भ्रष्ट पुलिस वाले ने बिहार सुशासन के नाम पर दाग तो अवश्य लगवा ही दी।लेकिन औरंगाबाद नवनिर्वाचित पुलिस कप्तान दीपक वर्णवाल ने जो मामले को गंभीरता से लेते हुए ईमानदारी के साथ कार्य किया है।स्वागत योग्य तो है ही।जिले भर के आम नागरिकों में भी पुलिस कप्तान के प्रति भरोसा अवश्य जाग उठा है।मामला है कि मंगलवार को शराब का कारोबार करने वाला नबीनगर प्रखंड अंतर्गत ओ0पी0 बड़ेम थाना क्षेत्र के दो अभियुक्त में शामिल प्रथम महुआव (पंचायत) गांव निवासी मंगल सिंह एवं इसी थाना क्षेत्र अंतर्गत द्वितीय माधे गांव निवासी मंटू सिंह के साथ थाने की मुंशी रजनीश कुमार रंजन के बीच मोबाइल पर पकड़ी गई वाहन छोड़ने एवं प्राथमिकी दर्ज न करने के लिए जो वार्ता हुई।वह ऑडियो इतनी जल्दी से वायरल हुई कि औरंगाबाद पुलिस कप्तान ने मामले को खुद गंभीरता से लेते हुए सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अनूप कुमार को फौरन थाने पर भेज कर अविलंब रिपोर्ट पेश करने को कहा।जब जांच की गई तो मामला सत्य निकला।इसके बाद वरीय पदाधिकारी के माध्यम से थाने का मुंशी पर कांड संख्या 32/19 दर्ज करते हुए दोनों शराब माफिया को थाना के हाजत से भगाने एवं उसके बदले में मंटू सिंह के यहां काम करने वाला ट्रैक्टर चालक श्रवण पासवान को बहला-फुसलाकर हाजत में बंद करने, रिश्वत का मोटी रकम सौदा करने के जुर्म गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।इस संबंध में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने एक संवाददाता सम्मेलन कर जानकारी भी दी।लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल उठता है कि थाने के हाजत में जब खुद खैरा थाना प्रभारी अमरेंद्र कुमार ने ही दोनों शराब माफिया को बंद किया था।तब ऐसी हालत में दोनों असली शराब माफिया को बिना थाना प्रभारी के इजाजत से क्या एक मुंशी बंद हाजत से भगा देगा ? और इसके बदले में शराब माफिया के ट्रैक्टर चालक को वाह वाही लूटने के उद्देश्य से हाजत में बंद कर देगा ? यह सवाल आम लोगों के जेहन से नहीं उतर पा रही है। दूसरा सवाल यह भी उठता है कि क्या 5 लाख रुपए दोनों शराब माफिया से तय की जाने वाली मोटी राशि को भी मुंशी अकेला जाता ? यह भी बात किसी के दिमाग से नहीं उतर पा रही है।गौर करने वाली बात यह भी है कि जब किसी भी थाना क्षेत्र के अंदर कोई बड़ी उपलब्धि प्राप्त होती है तो श्रेय थाना प्रभारी को दिया जाता है।तब दोनों शराब माफिया से इतनी मोटी रकम डील करने के मामले में क्या थाना प्रभारी की कोई भूमिका नहीं ? यह भी एक बहुत बड़ा सवाल बनकर ही खड़ा है ? इसी संबंध में जब राजद प्रदेश उपाध्यक्ष सह पूर्व मंत्री बिहार सरकार डॉक्टर सुरेश पासवान से वार्ता हुई तो कहा कि इस खेल में खैरा थाना प्रभारी के बिना इजाजत मुंशी इस प्रकार का खेल ही नहीं सकता ? थाना प्रभारी पर भी अवश्य प्राथमिकी दर्ज कर नियमानूकुल कार्रवाई होना चाहिए ? इसके अलावे बिहार सरकार पर प्रहार करते हुए कहा है कि जब प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव पूर्व में ऐसे गंभीर मामले में सरकार के खिलाफ बोलते थे।तब जदयू मुखिया कहते थे कि यह सब काम आरजेडी के लोग ही कर रहे हैं।इसलिए आज मैं पूछना चाहता हूं कि ऐसे गंभीर मामले में भी थाना प्रभारी को कौन बचा रहा है ? आखिर इस प्रकार के डील की राशि का सीधा हिस्सा क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के पास पहुंच रहा है ? इसके बाद राजद प्रदेश उपाध्यक्ष ने फोन पर वार्ता करते हुए कहा कि मैं बिहार पुलिस महानिदेशक महोदय से भी बात कर रहा हूं कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषी थाना प्रभारी पर भी कार्रवाई क्यों न की जाए ? गौरतलब हो कि थाने के ऑडी ड्यूटी से अनुपस्थित रहने के जुर्म में वरीय पदाधिकारी ने कन्हैया सिंह को भी निलंबित कर दिया है।वहीं युवा लोजपा जिलाध्यक्ष ने भी इस मामले में पुलिस महानिदेशक से शिकायत करते हुए ऑडियो भेजा है।युवा जिला अध्यक्ष ने दावा करते हुए कहा है कि इस षडयंत्र में थानाध्यक्ष का भी हाथ है।ज्ञातव्य हो कि जानकारी अनुसार शराब के धंधे में शराब तस्कर द्वारा ऑल्टो एवं ब्रेजा वाहन का भी इस्तेमाल किया गया है।वरीय पदाधिकारी का कहना है कि वाहन मालिक एवं वाहन चालक की भी पहचान हो चुकी है।जल्द ही पुलिस गिरफ्तार कर लेगी।गिरफ्तारी के लिए निरंतर छापेमारी जारी है।खैर मामला तो चल ही रहा है।लेकिन बिहार में माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी द्वारा विभिन्न प्रदेशों में घूम घूम कर पूर्ण शराब बंदी का नारा देना, बिहार में सुशासन कायम होने का नारा देने जैसी मुद्दे पर एक बार फिर प्रश्नचिन्ह तो अवश्य खड़ा कर दिया है ? इसलिए बिहार के माननीय मुख्यमंत्री जी को भी चाहिए कि मामले को गंभीरता से लेते हुए सख्त कदम उठा कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करें ताकि अपनी एवं पार्टी का साख बच सके।हालाकि बिहार के माननीय पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडे जी ने भी पूर्व में ही पत्रकार बंधु की माध्यम से साक्षात्कार देते हुए वीडियो संदेश जारी किया था कि बिहार के अपराधी, शराब कारोबारी, भ्रष्टाचारी सुधर जाए।अन्यथा मेरे पास यदि सबूत के साथ मामला पहुंच गया तो मैं किसी को भी नहीं बक्शूंगा।इसके अलावे यह भी संदेश जारी किया था कि मीडिया कर्मियों के साथ भी कोई बदसलूकी से बात न करें।इसलिए ऐसे गंभीर मामले में औरंगाबाद जिले के पब्लिक भी भरोसा कर रही है कि माननीय पुलिस महानिदेशक मामले को गंभीरता से लेते हुए निष्पक्ष रुप से दोषियों के खिलाफ कड़ी कारवाई करेंगे ? अब देखना होगा कि यह कार्रवाई कितनी तीव्र गति से होती है ? हालांकि दोनों शराब धंधे बाज अपने क्षेत्र में काफी दिनों से स्थानीय पुलिस की मिली भगत से धंधा कर रहे थे।जो क्षेत्र के किसी भी जनता से छुपी हुई नहीं है।पूरे क्षेत्र में पूर्व बड़ेम थानाप्रभारी चंद्रमौली बर्मा के कार्यकाल से ही चर्चा बना हुआ था कि इन लोगों का इस प्रकार प्रकार की मनमानी एवं थाने में दलाली कब तक चलती रहेगी ? ज्ञात हो कि माघे गाव निवासी मंटू सिंह महुआव पंचायत का फैक्स अध्यक्ष भी है।इस व्यक्ति पर किसानों से खरीदी गई धान की मोटी रकम राशि घोटाला मामले मैं भी विभागीय प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।इसके अलावे बड़ेम थाना क्षेत्र अंतर्गत अवैध रूप से चलाए जा रहे बालू घाट पर भी प्रशासन ने पूर्व में लगभग 50 बड़ी वाहन को जप्त किया था।जो मीडिया कर्मियों के सुर्खियों में भी आया था।इसके अलावे इस व्यक्ति का महुआव स्थित हर हरखू बीघा मोड के समीप इट् भट्ठा भी है।ज्ञातव्य हो कि वरीय पदाधिकारी ने निर्दोष पाए जाने के बाद शराब तस्करी के मामले में हाजत में बंद किए गए ट्रैक्टर चालक को छोड़ दिया था।
रिपोर्ट-अजय कुमार पांडे