देशराजनीति

मोदी सरकार ने पूंजीपतियों का नौ सालों में 15.31 लाख करोड़ रुपये का कर्ज किया माफ।…..

त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव कॉमरेड रामनरेश पाण्डेय ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर अपने नौ वर्षों के कार्यकाल में पूंजीपतियों का 15.31 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बयान जारी कर कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान भी 2.10 लाख करोड़ रुपये के कर्ज को बट्टे खाते में डाल दिया गया है। पिछले तीन साल में बट्टे खाते में डाले गए रुपये के पांचवें हिस्से से भी कम राशि की वसूली बैंकों ने की है, जबकि पिछले पांच वर्षों में कुल 10.57 लाख करोड़ रुपये का ऋण माफ किया है। जब किसी बैंक द्वारा किसी की ऋण को बट्टे खाते में डाल दिया जाता है, तो वह उसकी संपत्ति से बाहर चला जाता है और इस राशि की वसूली नहीं की जाती है।

भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार लोक कल्याणकारी योजनाओं की राशि में लगातार कटौती कर रही है। वहीं दूसरी तरफ पूंजीपतियों का कर्ज माफ किया जा रहा है। जब गरीब किसान और मध्यम वर्ग बैंकों से कर्ज लेने के बाद चुकता नहीं कर पाता है तो उनकी संपत्ति को जब्त कर लिया जाता है, लेकिन पूंजीपतियों का ऋण बट्टे खाते में डाल दिया जाता है। केंद्र में बैठी मोदी सरकार को गरीबों और किसानों की चिंता नहीं है सिर्फ पूंजीपतियों की चिंता है। जब से केंद्र में मोदी की सरकार आयी है तब से लगातार पूंजीपतियों के कर्ज माफ करने में बढ़ोतरी हुई है। केंद्र सरकार सभी फैसले पूंजीपतियों के हित में लेती है। चुनावी साल में केंद्र सरकार पूंजीपतियों पर ज्यादा हीं मेहरबान है। 2018 के लोकसभा चुनाव से पहले 2018-19 में पूंजीपतियों के 2.38 लाख करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया गया था वहीं इस साल 2.10 लाख करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया गया है।

भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि केंद्र सरकार को देश की गरीब जनता की नहीं, पूंजीपतियों की चिंता है। सरकार सभी फैसले पूंजीपतियों के हित में ले रही है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने केंद्र सरकार की तमाम जन विरोधी नीतियों के खिलाफ आवाज उठाती रही है और संघर्ष कर रही है।

Related Articles

Back to top button