उत्तर प्रदेश में एक और बड़ा रेल हादसा हो गया है जिसमे कम से अभी तक 22 से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है।महोबा में गुरुवार तड़के जबलपुर-महाकौशल एक्सप्रेस की आठ बोगियां (12189) पटरी से उतर गई।यह रेल दुर्घटना महोबा-कुलपहाड़ रेलवे स्टेशन के बीच रात दो बजे के लगभग हुई।दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन जबलपुर से निजामुद्दीन जा रही थी। ख़बरों के अनुसार जिस वक़्त रेल हादसा हुआ उस वक़्त ट्रैन की रफ़्तार भी बेहद कम थी।इस वजह से किसी को गंभीर चोटें नहीं आई हैं।इस रेल हादसे के बाद बांदा-झांसी रेल लाइन बंद हो गई है और झांसी से होकर गुजरने वाली कई ट्रेनें रद्द कर दी गई है।हादसे के बाद आधा दर्जन ट्रेनों का रूट बदल कर अब उन्हें कानपुर के रास्ते बांदा लाया जा रहा है।इन ट्रेनों में बनारस से ग्वालियर जाने वाली बुंदेलखंड एक्सप्रेस, मानिकपुर से दिल्ली के निज़ामुद्दीन स्टेशन जानेवाली यूपी संपर्क क्रांति एक्सप्रेस,ग्वालियर से हावड़ा जाने वाली हावड़ा एक्सप्रेस शामिल हैं।जिन्हें कानपुर के रास्ते बांदा और दिल्ली भेजा जा रहा है।आंकड़ों के मुताबिक देश में हर साल छोटी-बड़ी तीन सौ से अधिक रेल दुर्घटनाएं होती हैं।इसमें बड़े हादसों के अलावा छिटपुट कारणों से ट्रेन की चपेट में आकर मरने वालों के आंकड़े भी शामिल है।देश में करीब 15,000 ट्रेनों का रोज फेरा लगता है।भारतीय रेलवे में 64600 किलोमीटर रूट पर 55,000 से ज्यादा कोच और 2.39 लाख वैगन संचालित होते हैं।रेलवे के मुताबिक 75 प्रतिशत हादसे चालक की लापरवाही व अन्य स्तर की मानवीय चूक से होते हैं।रेलवे के आंकड़ों के मुताबिक 2011-12 में कुल 115 में से 87.78 प्रतिशत हादसे मानवीय भूल से हुए।मावरहित रेलवे क्रासिंग पर ट्रेन की चपेट में आकर हर साल करीब डेढ़ हजार लोगों की जान चली जाती है।30 हजार से ज्यादा रेलवे क्रासिंग में 11 हजार से अधिक क्रासिंग मानवरहित हैं।रेलवे ने विजन 2020 में देश के सभी मानवरहित फाटक खत्म करने का लक्ष्य रखा है।