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गड़खा थाना एरिया के नारायणपुर गांव में जमीन के विवाद में रिश्तेदारों ने एक ही फैमिली के सात लोगों को मारी गोली…

गड़खा थाना एरिया के नारायणपुर गांव में जमीन के विवाद में रिश्तेदारों ने एक ही फैमिली के सात लोगों को गोली मार दी।इसमें तीन की मौके पर ही मौत हो गई।तीन अन्य घायल हैं जिनका इलाज हॉस्पिटल में चल रहा है।घटना के बाद आरोपी फरार हैं।इस संबंध में घायलों के बयान पर रिश्तेदारों समेत तीन अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है।जानकारी के अनुसार नारायणपुर के पारस राय की फैमिली एक साथ सो रही थी।इसी दौरान उनके रिश्तेदार अनिल राय ने बदमाशों को बुलाकर हमला बोल दिया।बदमाशों ने घर के सभी सात लोगों पर एक-एक कर गोली और बम से हमला किया।घटना में पारस राय, उनकी पत्नी बसमतिया देवी और पोता विजेन्द्र राय की मौत हो गई।घायल बेटा राजेश्वर राय और उनकी पत्नी सुशीला 
  • ट्रिपल हत्याकांड में बताया जा रहा है कि पारस राय व शांति राय दोनों भाई के बीच जमीन का विवाद वर्षों से चल रहा है। इसको लेकर चार बार मारपीट की घटना हो चुकी है। क्रांति राय के मरने के बाद उनके बेटे अनिल राय और पारस राय के बीच विवाद चल रहा है। गांववालों के मुताबिक, इस जमीन के इस विवाद में अबतक चार लोगों की हत्या हो चुकी है। तीन बार मारपीट हुई और रेप के मुकदमे भी दर्ज हैं। क्रांति राय के नाती और अनिल राय के भांजे मनीष कुमार की मौत मई 2014 में हो गई थी। दोनों पक्षों के बीच इसी को लेकर मारपीट हुई थी जिसमें पिटाई से मनीष कुमार की इलाज के दौरान मौत हो गई थी।
  • 2015 में दूसरे पक्ष के लोगों द्वारा पारस राय के घर में घुसकर महिलाओं के साथ मारपीट व दुष्कर्म करने का आरोप लगाकर थाना में प्राथमिकी की गई।जिसमें अनिल राय को नामजद अभियुक्त बनाया गया। इस मामले में पिछले 7 माह पहले कोर्ट द्वारा अनिल राय पर गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया लेकिन पुलिस ने गिरफ्तारी नहीं किया।नारायणपुर जमीनी विवाद में तिहरे हत्याकांड के बाद ग्रामीण बहुत ही आक्रोशित हो गए थे।आक्रोशित ग्रामीण तीन-चार बार पुलिस पर पथराव कर दिए जिसके बाद मौके पर एसपी अनसुइया रण सिंह साहू एएसपी मनीष कुमार एसडीएम,इस्पेक्टर,भेल्दी थानाध्यक्ष खालिद अख्तर डेरनी परशुराम सिह थानाध्यक्ष मुस्फिल थानाध्यक्ष व गड़खा थानाध्यक्ष सन्तोष रजक तथा स्थानीय जनप्रतिनिधि पहुंचे।इन लोगों ने मामला को शांत कराया।उसके बाद पुलिस शव को अपने कब्जे में लेकर सदर अस्पताल छपरा पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

देवी तथा उनकी बेटी प्रतिमा हॉस्पिटल में एडमिट है।पुलिस उनके बयान के आधार पर बदमाशों की पहचान में लगी है।एक मेंबर हरेकृष्णा राय जान बचाकर भाग गया है।जानकारी के मुताबिक,रात के एक बजे थे।पारस राय के घर में शाम सभी मेंबर थे और सो हुए थे।अचानक करीब चार की संख्या में बदमाशों ने गोली और बम से हमला कर दिया।ये लोग कुछ समझ पाते कि ताबड़तोड़ फायरिंग होने लगी।ये सब देख बचाव में पारस राय के पोता ने लाठी लेकर मुकबला करने की कोशिश की लेकिन बदमाशों ने एक-एक कर सबको गोली और बम से हमला कर घायल कर दिया।पारस राय के एक पोता हरेकृष्णा राय को गोली नहीं लगी थी।पारस ने हरेकृष्णा को कहा था कि तुम भाग जाओ नहीं तो ये सबको मार देंगे।इसके बाद बदमाशों ने हरेकृष्णा पर भी गोली चलाई लेकिन बीच में पारस आ गए और गोली उनके सीने में लग गई।करीब 15 मिनट तक हमला का दौर जारी रहा।उधर, बम और गोली की आवाज सुनने के बाद गांववालों को लगा कि किसी के घर में डकैती हो रही है।आस-पास के लोगों ने जब शोर मचाया तो बदमाशों ने बंदूक लहराते हुए हवाई फायरिंग की और बम चला फरार हो गए।लोगों ने इसकी जानकारी तुरंत गड़खा थानाध्यक्ष संतोष रजक को दी।गड़खा पुलिस सूचना पाते ही घटना स्थल पर पहुंची और छापेमारी की।लोगों ने पुलिस पर देरी से पहुंचने का आरोप लगाते हुए पथराव कर दिया।पुलिस व स्थानीय लोगों की माने तो इसकी शुरुआत साल 2014 के मई माह में शुरू हुई थी।इस दौरान जमीनी विवाद को लेकर पारस राय और उनके रिश्तेदारों के बीच मारपीट हुई थी।उस दौरान दूसरे पक्ष के कांति राय के पोते की मौत हो गई थी। मौके पर पुलिस ने 6 खोखा, एक जिंदा करतूत और दो जिंदा बम बरामद किया था।पुलिस ने घटना स्थल से नमूने ले गई थी।इस मामले में पारस राय का एक पोता हरेराम राय जेल में है।

रिपोर्ट-न्यूज़ रिपोटर 

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