किशनगंज : जिले में बढ़ रही कोरोना संक्रमितों की संख्या, रोकथाम की कर रहे तैयारी।

सामाजिक सहयोग भी बेहद जरूरी : जिलाधिकारी
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिले में विगत 23 जून से लगातार एक दो संक्रमित मिल रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग को उम्मीद थी कि एक-दो दिन में जिला कोरोना मुक्त हो जाएगा। क्योंकि पिछले 41 दिनों से संक्रमितों की संख्या लगातार शून्य आ रही थी, लेकिन इसके बाद 02 से 18 तक केस का आंकड़ा पहुंचने की वजह से स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में आ गया है। राहत की बात यह है कि सभी संक्रमितो में बहुत मामूली लक्षण हैं व गुरुवार को दो संक्रमित रिकवर भी हुए हैं। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया कि एक दो संक्रमितों के बढऩे से यह नहीं माना जा सकता कि कोरोना फिर लौट रहा है।
लेकिन देश के विभिन्न हिस्सों में बढ़ रहे संक्रमण को देखते हुए इसकी रोकथाम की तैयारियां की जा रही है। अस्पतालों में बुखार व सांस के मरीज की अनिवार्य रूप से कोविड जांच कराई जा रही है। ताकि बाहर से आने वालों की भी जांच की जा सके। सावधानी व बचाव के नियमों का पालन करें। वैक्सीनेशन की वजह से संक्रमितों में बहुत मामूली लक्षण हैं। उसका इलाज घर पर ही चल रहा है। विभाग की टीम लगातार निगरानी कर रही हैं। कोविड जांच के भी निर्देश दिए गए हैं। कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए तैयारियां शुरू कर दी है। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने सभी प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि जो दवाएं या जरूरी सामान न हो, वे मंगा लिया जाए।
इलाज में उपयोग होने वाले उपकरणों की जांच कर ली जाए। वहीं स्वास्थ्य कर्मियों को ट्रेंड कर तैयार किया जाए। साथ ही सरकारी व प्राइवेट कोविड हॉस्पिटल्स को निर्देश दिया गया है कि वे वेंटिलेटर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, ऑक्सीजन सप्लाई की व्यवस्था की नए सिरे से जांच कर लें। कोई कमी हो तो उसे दुरुस्त कर लिया जाए। कोरोना जांच की संख्या बढ़ाई जाए। सीएमओ ने हेल्थ केंद्र प्रभारियों को निर्देश दिया है कि दूसरे राज्यों या विदेश से आने वालों की कोरोना जांच जरूर कराई जाए। साथ ही जांच की संख्या बढ़ाई जाए। बढ़ते संक्रमण को ध्यान में रखते हुए एडवाइजरी में सामुदायिक स्तर पर कोरोना की जाँच को बढ़ावा देने की बात कही गयी है। क्षेत्र में प्रवेश कर रहे लोगों की रैपिड एंटीजन टेस्ट किट से कोरोना की जाँच करने को अनिवार्य कहा गया है। क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं जैसे आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को रैपिड एंटीजन टेस्ट करने के लिए प्रशिक्षित करने की सलाह दी गयी है। साथ ही आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को संक्रमित व्यक्तियों पर निगरानी रखने के लिए सभी को ऑक्सीमीटर प्रदान करने की भी बात कही गयी है। इसके लिए जाँच या निगरानी में जुटे सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को एक प्रमाणित एन95 मास्क देने की सलाह दी गयी है। जिले में 2500 से अधिक लोगों की प्रतिदिन जांच हो रही है। गौरतलब हो कि जिले में कोरोना वायरस से बचाव के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ता, फ्रंटलाइन वर्कर एवं 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को लगातार प्रीकॉशनरी डोज दी जा रही है। अब तक करीब 54878 लोगों को यह डोज दी गयी। टीका की दोनों खुराक लिए जाने के नौ माह के उपरांत ही प्रीकॉशनरी डोज दी जाएगी। जिनके ड्यू होने की सूचना उनके पंजीकृत मोबाइल पर एसएमएस, कोविन पोर्टल के माध्यम से प्राप्त होगी जिले में कुल 12.05 लाख व्यक्तियों का प्रथम डोज़ एवं 10.37 लाख व्यक्तियों को दूसरा डोज़ टीकाकरण किया गया है।
अब तक कुल 14 लाख से अधिक लोगों की कोरोना जांच हो सकी है। डीएम श्रीकांत शास्त्री ने बताया की जिले में बढ़ते संक्रमण पर रोकथाम के लिए जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग हर आवश्यक कदम उठा रहा है। इसको लेकर प्रतिदिन आवश्यकतानुसार जरूरी निर्णय भी लिए जा रहे हैं। किन्तु, इस वैश्विक महामारी के बढ़ते प्रभाव पर विराम लगाने के लिए सामाजिक सहयोग भी बेहद जरूरी है। मैं जिलेवासियों से अपील करता हूं सभी लोग जारी गाइडलाइन का पालन करें और इस वैश्विक महामारी के खिलाफ लडाई में सकारात्मक सहयोग करें। तभी हम इसपर काबू पा सकते हैं और इसे मात देने में सफल हो सकते हैं।