एक महिला के झांसे में आ गए थे सीआरपीएफ के शहीद 12 जवान, वही नक्सलीयो का साजिश नाकाम मिली 15 मीटर लंबी सुरंग….
छत्तीसगढ़ के सुकमा में CRPF के एक दर्जन जवानों की शहादत की असली वजह का खुलासा हुआ है।इस खुलासे से CRPF हैरत में है।उसके अफसर इस बात को लेकर माथापच्ची कर रहे हैं कि जंगल के भीतर किसी पीड़ित की सहायता करना उनके लिए अब मुनासिफ होगा या नहीं।खासतौर पर किसी पीड़ित महिला की पुकार सुनना उन पर भारी ना पड़ जाए, फिलहाल CRPF और राज्य की पुलिस उस अज्ञात महिला की खोजबीन में जुटी है, जिसका हुलिया कुछ इस प्रकार है-उम्र बीस से पच्चीस वर्ष के बीच-रंग सावला-लंबे घने बाल-माथे पर बड़ी बिंदी-कानों में झुमका और भाषाई तौर पर साफ़-साफ़ हिंदी बोलने वाली। मालुम हो की इसी माह 11 मार्च को नक्सलियों ने बड़ी चालाकी के साथ CRPF के जवानों की घेराबंदी की थी।इस मुठभेड़ में CRPF की 219 बटालियन के कुल बारह जवान शहीद हुए थे।जबकि आधा दर्जन जवान बुरी तरह से घायल।घटना स्थल का मुआयना करने के लिए CRPF के आई0जी0 देवेंद्र सिंह चौहान ने ग्राउंड जीरो का रुख किया था।इसके अलावा चौहान ने दो दर्जन से ज्यादा गांव में नक्सलवाद की जड़े टटोली।मालू हो की CRPF पर हुए इस हमले की केंद्रीय ग्रहमंत्री राजनाथ सिंह ने कोर्ट ऑफ़ इन्क्वायरी का एलान किया है।CRPF घटना की पूरी रिपोर्ट तैयार कर रही है।मुठभेड़ में घायल जवान अब लगभग स्वस्थ हो चुके है।उनके विस्तृत बयान दर्ज किये जा चुके है।घटना स्थल से सटे गांव में रहनेवालों से भी पूछताछ की गई है।कुछ एक प्रत्यक्षदर्शियों के बयान भी दर्ज किये गए है।छत्तीसगढ़ पुलिस और CRPF की टीम उस महिला की तलाश में जंगलों की खाक छान रही है।जिसने CRPF के जवानों को फंसाने के लिए मत्वपूर्ण किरदार निभाया।बताया जा रहा है कि जब रोड ओपनिंग पार्टी अपनी नियमित गश्त पर थी और वो सड़क पर एक खास क्रम में अपने कदम आगे बढ़ा रही थी।तभी जंगल के एक छोर में चीखते चिल्लाते यह संदिग्ध महिला जवानों की ओर आई।उसने सड़क के दूसरे ओर हाथों से इशारा करते हुए कहा कि वहां मौजूद कुछ लोग उसके साथ जोर जबरदस्ती कर रहे हैं।जवान इस पीड़ित महिला पर भरोसा कर बैठे।कुछ जवानों ने अपना क्रम तोड़ते हुए उस ओर रुख कर लिया जहां वह महिला बदमाशों के होने का दावा कर रही थी।ये जवान इस बात से बेखबर थे कि वहां नक्सली अपनी पोजीशन लिए हुए है।इसी दौरान उस महिला ने एक जवान की रायफल को तेजी से जमीन की ओर झुकाया।इसके साथ ही CRPF के जवानों पर नक्सलियों ने ताबड़तोड़ हमले कर दिए।तीन जवानों के शरीर पर धारदार हथियार से वार किया गया।ये जवान इससे पहले कि संभल पाते नक्सलिओं ने उनका सीना गोलियों से छलनी कर दिया।अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि बीस-पच्चीस साल की यह महिला पेशेवर नक्सली ना होकर कोई सामान्य महिला थी।CRPF ने इस घटना के बाद अपने जवानों को सतर्क कर दिया है।किसी भी पीड़ित इंसान पर सीधे भरोसा ना करने की जवानों को हिदायत दी गई है।बस्तर के कोर एरिया में खासतौर पर सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर और नारायणपुर में CRPF की तैनाती है जबकि शेष प्रभावित इलाक़ो में BSF, ITBP और CISF ने मोर्चा संभाला हुआ है।
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सलियों की एक बड़ी साजिश तब नाकाम हो गई, जब एक ट्रक सड़क में भरभरा के धंस गया।ट्रक पर सवार तीन लोग बारूदी सुरंग की आशंका के चलते ट्रक से कूदकर भाग निकले।बाद में जांच करने पर पता चला कि नक्सलियों ने बारूदी सुरंग बनाने के लिए सड़क को अंदर से 15 मीटर तक खोद डाला था।दरअसल सुरक्षा बलों के कोंदापारा कैंप से महज 200 मीटर दूर माओवादियों ने बारूदी सुरंग बिछाने के लिए अरनपुर-जगरगुंडा मार्ग पर 15 मीटर तक सड़क खोद डाली थी।आशंका है कि माओवादी किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फ़िराक में थे।इस सुरंग का खुलासा तब हुआ, जब सड़क निर्माण में लगे एक ट्रक के गुजरने से सड़क अचानक धंस गई।जब उस ट्रक को निकाला गया, तो वहां पर एक लंबी सुरंग दिखाई दी।जिसकी जांच करने पर पता चला कि माओवादी सुरंग में विस्फोटक नहीं लगा पाए थे इससे पहले ही सुरंग का राज खुल गया और एक बड़ा हादसा टल गया।स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक कुछ अज्ञात शख्स माओवादियों के साथ मिलकर सड़क पर तीन चार दिनों तक काम कर रहे थे।इस दौरान माओवादियों ने इस मार्ग पर आवाजाही पर रोक लगा दी थी।गौरतलब है कि जिस मार्ग पर बारूदी सुरंग बिछाने की कोशिश की गई थी, उस मार्ग पर अक्सर पुलिस के आला अफसरों और वीआईपी का आना जाना लगा रहता है।राज्य के गृह सचिव, आंतरिक सुरक्षा सलाहकार से लेकर आईजी , एसपी और कलक्टर तक की गाड़ियां इस कच्ची सड़क पर दौड़ती हैं।