आईएसआईएस के आतंकी मोसुल में किस तरह क्रूरता को अंजाम दे रहे थे, इसका नया सबूत सामने आया है।शहर के एयरपोर्ट से 8 किमी दूर 100 फीट चौड़ा गड्ढा मिला है,जिसका इस्तेमाल आतंकी लोगों की हत्या और उनके शव फेंकने के लिए कर रहे थे।स्थानीय भाषा में इसे ‘खस्फा’ बोलते हैं।बता दें कि ढाई साल पहले इराक के इस शहर पर आईएसआईएस ने कब्जा कर लिया था।लंबे युद्ध के बाद अब शहर के ज्यादातर हिस्सों से मिलिट्री ने आतंकियों को खदेड़ दिया है।आईएसआईएस की क्रूरता के गवाह रहे स्थानीय नागरिकों के मुताबिक,आतंकी लोगों को मारकर उनके शव गड्ढों में फेंक देते थे।वहीं,कुछ लोगों को जिंदा ही गड्ढों में फेंक दिया जाता था।आईएसआईएस कई बार ट्रक में बॉडीज भरकर यहां फेंक जाते थे।जनसंहार के लिए इस्तेमाल हो रहे इस गड्ढे की जानकारी मोसुल के नागरिकों को थी,लेकिन वे आतंकियों के खौफ के
चलते सार्वजनिक तौर पर इसका जिक्र नहीं करते थे।पिछले महीने इराकी फोर्सेज द्वारा इस इलाके पर कब्जे के बाद इसके बारे में मालूम चला।स्थानीय लोगों से मिली जानकारी के आधार पर इराकी अधिकारियों ने बताया कि पिछले कुछ सालों में यहां हजारों लोगों की हत्या की गई होगी।कोई नहीं जानता कि इस गड्ढे की गहराई कितनी है।आतंकियों ने इसमें फेंके कई शवों पर विस्फोटक भी लगा रखे हैं, जिसके कारण इसे खाली करना मुश्किल हो रहा है।प्रॉविन्शल काउंसिल मेंबर हसम अल-अबर ने बताया कि इस गड्ढे में 3,000 से 5,000 शव दबे हो सकते हैं।बता दें कि इराक में आईएसआईएस की शुरुआत के बाद बड़ी संख्या में सामूहिक कब्रें मिली हैं।यहां के ह्यूमन राइट्स कमीशन को ऐसी कब्रें खोजने की जिम्मेदारी दी गई है।कमीशन ने पिछले साल इराक और सीरिया में 72 सामूहिक कब्रें खोजी थीं, जिनमें से 15,000 से ज्यादा शव निकाले गए।सद्दाम हुसैन के गढ़ रहे तिकरित शहर में भी आईएसआईएस ने 2014 में इराकी 1,700 सैनिकों का जनसंहार किया था।ये घटना कैंप स्पीशर के नाम से चर्चित है।आईएसआईएस ने इस जगह के आसपास भी विस्फोटक लगा रखे हैं।प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक,पिछले हफ्ते ही आतंकियों ने यहां 30 साल के शिफा गर्दी की हत्या की,जो कुर्दिश टीवी चैनल रुदा का रिपोर्टर था।उसके साथ एक मिलीशिया कमांडर और चार सैनिकों को भी मारा गया।