लालू प्रसाद यादव के मंत्री बेटे तेजप्रताप यादव पर मिट्टी घोटाले के आरोप लगने के बाद नीतीश सरकार ने जांच के ऑर्डर दे दिए हैं।बिहार के चीफ सेक्रेटरी ने गुरुवार को ये ऑर्डर जारी किए और 7 दिन में रिपोर्ट मांगी है।लालू के बेटे पर आरोप लगने के बाद बीजेपी ने इस मामले की जांच की मांग की थी।लालू के बेटे पर 90 लाख रुपए के घोटाले के आरोप हैंबिहार में बीजेपी की सीनियर लीडर सुशील मोदी ने तेजप्रताप पर मिट्टी घोटाले का आरोप लगाया था।मोदी ने मंगलवार को कहा था कि ‘सॉइल परचेज स्कीम’ में नाम आने के बाद नीतीश कुमार को एन्वायरन्मेंट और फॉरेस्ट मिनिस्टर तेजप्रताप को बर्खास्त कर देना चाहिए।उन्होंने जांच की मांग भी की थी।मोदी ने कहा था,”संजय गांधी बायोलॉजिकल पार्क में मिट्टी की जरूरत नहीं थी,लेकिन बिना टेंडर के 90 लाख रुपए की मिट्टी भराई का काम हो गया है।मिट्टी आई कहां से ? पटना के अंदर बिहार का सबसे बड़ा मॉल बन रहा है।जिसके बारे में कहा जाता था कि ये मॉल जिस जमीन पर बन रहा है।ये लालू प्रसाद यादव जब रेल मंत्री थे तो रांची और पुरी के अंदर दो होटल गलत तरीके से हर्ष कोचर को दे दिए गए थे।ये आरोप मैंने नहीं जेडीयू के नेता ललन सिंह ने लगाए थे।इस वक्त वे मंत्री हैं।उन्होंने कहा था कि रांची और पुरी के दो होटलों को हर्ष कोचर को गलत तरीके से दे दिया था।इसके बदले में कोचर ने दो एकड़ जमीन डिलाइट मार्केटिंग कंपनी को दे दी थी।2014 में तेजस्वी,तेजप्रताप और चंदा यादव इस कंपनी के डायरेक्टर थे।सुशील मोदी ने कहा-मेरी मांग सिर्फ इतनी है कि नीतीश लालू के बेटे को बर्खास्त करें।यह मामला दिखाता है कि लालू चारा घोटाला के बाद भी सुधरे नहीं हैं।नीतीश की हिम्मत नहीं है कि वे उन्हें रोक सकें।