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हमें अपनी सभ्यता और संस्कृति पर गर्व होना चाहिए-नवेन्दु मिश्र

केवल सच-मेदिनीनगर

क्या आप जानते हैं की वियतनाम और कंबोडिया के बीच सबसे बड़ा विवाद क्या है ? असल में दोनों में कौन भारत के ब्राह्मण कौण्डिल्य के सच्चे वंशज हैं जिसने वहां जाकर नागवंशी राजाओं को हराया और नागकन्या सोमा से विवाह कर साम्राज्य स्थापित किया ? दोनों ही देश मानते हैं कि वे भारतीय मूल के राजा कौंडिल्य के वारसदार  हैं दोनों ही अपने को अखंड भारत का हिस्सा मानते हैं और भारत की मूल संस्कृति से जुड़ने पर गर्व महसूस करते हैं । हमारे देश में कुछ ऐसे लोग हैं जिनका जन्म इसी भारत के पवित्र भूमि पर हुआ है सनातन संस्कृति के गर्भ से हुआ है , लेकिन इस पर ना गर्व करते हैं और ना ही कभी भारत की संस्कृति सभ्यता की प्रशंसा करते हैं।बल्कि इसके विपरीत भारत के बारे में बाहर की दुनिया में अनापेक्षित बयान देकर अपने आप को अच्छा साबित करने में खुद को पाश्चात्य संस्कृति के साथ जुड़ने का प्रयत्न करते रहते हैं । जो नाशवंत हैं जिसका एहसास पाश्चात्य संस्कृति के लोग आज खुद कर रहे हैं और भारतीय संस्कृति सभ्यता को अपनी इच्छा से अपना रहे हैं। ऊपर की तस्वीर में मिस कंबोडिया प्रतियोगिता के मंच के साथ विजेता लड़की हाथों में सनातन संस्कृति के मान्य सृजनहार श्री हरि भगवान विष्णु की प्रतिमा को हाथ में लिए खड़ी होने पर गर्व का अनुभव कर रही है। जबकि इसी तस्वीर के पीछे भी कुछ इसी तरह की झलकियां भी आभास हो रही हैं । हमारे देश में ऐसा सार्वजनिक मंच पर करने पर तो अशहिष्णुता की घुट्टी लोगों को सुबह – शाम ,दिन – रात एक करके कुछ तथाकथित ज्ञानचंद, बुद्धिजीवी टीवी चैनलों पर अखबारों में घुट्टी पिलाते रहते ।

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