योग भारत की प्राचीनतम विद्या है:विहंगम योग

औरंगाबाद बारूण प्रखंड के विहंगम ऑटो के परिसर में ब्रह्मविद्या विहंगम योग के तत्वधान में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में योग शिविर का आयोजन किया गया। जिसके संचालन कर्ता विद्यार्थी आचार्य मयंक शास्त्री ने की।कार्यक्रम का शुभारंभ सद्गुरु अनंत श्री सदाफल देव महाराज, सद्गुरु अनंत श्री धर्म चंद्र देव जी महाराज एवं सद्गुरु अनंत श्री स्वतंत्र देव जी महाराज के चित्र एवं चरणों में माल्यार्पण पुष्पार्पण करने के बाद अखंड दीप प्रज्वलित करा कर किया गया।अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर स्वागत गान, मंगल गान, स्वर्वेद पाठ के बाद आसन, प्रणायाम कराया गया।शिविर में मुख्य अतिथि के तौर पर बारुण थाना के थानाध्यक्ष रंजय कुमार को माल्यार्पण, अंग वस्त्र एवं अध्यात्मिक सदग्रंथ स्वर्वेद भेंट कर सम्मानित किया गया।विद्यार्थी मयंक शास्त्री बताया कि योग भारत की प्राचीनतम विद्या है।अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है।यह दिन वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घ जीवन प्रदान करता है।पहली बार यह दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया, जिसकी पहल भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 27 सितम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण से की थी।कहा कि “योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है।यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है।मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य है।विचार, संयम और पूर्ति प्रदान करने वाला है तथा स्वास्थ्य और भलाई के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को भी प्रदान करने वाला है।थानाध्यक्ष रंजय कुमार ने कहा कि योग करने से मानव निरोग रहता।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पहल काफी सराहनीय है।स्वस्थ जीवन के लिए योगासन करना जरूरी ताकि हमसभी उतम समाज का निर्माण कर सके।मौके पर कार्यक्रम के आयोजक कर्ता अमित कुमार पियूष, जिला सहसंयोजक डॉ श्याम प्रसाद, प्रखंड प्रभारी सुनील कुमार संगम, युमोभा प्रखंड अध्यक्ष पारस सिंह, संजीव कुमार, लव कुमार, डॉ नन्दकिशोर प्रसाद, वीरनाथ, बबन राम, प्रेमनाथ गुप्ता, सुमित कुमार, दीपक कुमार, राहुल कुमार, रोहित कुमार के साथ कई लोग शामिल रहे।
रिपोर्ट-मयंक कुमार