बारुन थाना प्रभारी गिरफ्तार, अवैध धंधा में बने हुए थे सहयोगी-सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी

बिहार के औरंगाबाद जिला अंतर्गत पड़ने वाली चर्चित बारूण नबीनगर NTPC मुख्य पथ पर मुख्य बाजार में स्थित बारुन थाना प्रभारी का आज आखिरकार काला कारनामा का राज खुल ही गया।ज्ञात हो कि बारुण थाना प्रभारी नेशनल हाईवे 2 (दिल्ली-कोलकाता राजमार्ग, संख्या-टू) पर अपनी ओर से फर्जी जिला परिवहन पदाधिकारी बहाल कर खुद सहयोगी बनकर इस रास्ते पर चलने वाले वाहन से दिन-रात अवैध उगाही ही कराते थे।इसी मामले में आज कैमूर पुलिस ने गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई।संवाददाता द्वारा सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अनूप कुमार के पूछे जाने के बाद पुष्टि करते हुए कहा कि मामला सत्य हैं।जब संवाददाता ने कहा कि इसके पूर्व भी जब मैं खबर को लिखता था कि बारुण- नवीनगर NTPC मुख्य पथ पर स्थित थाना द्वारा अवैध बालू का धंधा करने वाले वाहन चालको या मालिक से प्रतिदिन दिन रात अवैध उगाही की जा रही है।तब संवाददाता पर ही दबाव बनाया जाता कि खूद दबाव बनाकर इस धंधे के खेल में शामिल होना चाहते हैं।इसी मुद्दे पर जब पिछले वर्ष मेरे द्वारा खबर लिखा गया था।तब मुझसे समाहरणालय में ही पिछले वर्ष 20 अगस्त 2018 को जबरन दबाव बनाकर माफी नामा भी लिखवाया था। ओ आपने भी देखा था।आप इतना मान ले कि हम लोग खबर को सत्य ही लिखते हैं।तब अवेध धंधा में शामिल लोगों को आफत लगती है।तब सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने सत्य मानते हुए कहा कि वास्तव में आप खबर सत्य लिखते हैं।ज्ञात हो कि बारुन थाना से लगभग एक किलोमीटर से भी कम दूरी पर ntpc मुख्य पथ पर स्थित बालू घाट पर भी अवैध धंधा करने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर औरंगाबाद जिला परिवहन पदाधिकारी, सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, औरंगाबाद जिला खनन पदाधिकारी, बारुन अचलाधिकारी कि सयुक्त टीम ने भी इसी जून महीने में सुबह करीब 9:30 बजे छापेमारी कर कई वाहन एवं अवैध बालू को भी जप्त किया था। समाचार प्रेषण पूर्व जब अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी से पूछा कि क्या बारूण थाना प्रभारी के खिलाफ कैमूर जिला में पूर्व से FIR दर्ज था।तब कहां की हां।जब पूछा कि निलंबित कर दिया गया है और अभी थाना का चार्ज किसको दिया गया है ? तब कहां की जो उनसे नीचे हैं, उन्हें दिया जाएगा।बाद में थाना प्रभारी की पोस्टिंग कर दी जाएगी।ज्ञात हो कि औरंगाबाद सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के नंबर पर फोन करने के पूर्व जब औरंगाबाद पुलिस अधीक्षक के सरकारी नंबर पर फोन कर संवादाता ने गिरफ्तार थाना प्रभारी से संबंधित मामले पर जानकारी लेना चाहा तो घंटी बजी।लेकिन किसी कारण वश फोन नहीं उठाया गया।इसके बाद लैंडलाइन के नंबर से संवाददाता के नंबर पर कॉल आया।तब पूछे जाने पर कहा कि कैमूर के मामले में विस्तार से पता नहीं है।भाया PC पता चला है।आप एक बार सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी से बात कर ले।इसके बाद मैंने बात की तो डिटेल पता चला।
रिपोर्ट-अजय कुमार पांडे