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पटना : नेटवर्क या अन्य कारणों से स्कूली छात्र-छात्राएं समय पर ऑनलाइन टेस्ट या परीक्षा न दे पाए तो वैसे बच्चों के लिए पुनः टेस्ट की हो व्यस्था:-प्रमंडलीय आयुक्त

प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने निजी स्कूल प्रशासन को दिया निर्देश।कहा बच्चों व उनके पैरेंट्स से ऑनलाइन क्लास का फीडबैक लें टीचर।

  • सभी प्राचार्य ऑनलाइन टीचिंग का पर्यवेक्षण भी करें।
  • प्रमंडलीय आयुक्त श्री अग्रवाल ने स्कूलों द्वारा ऑनलाइन क्लास चला रहे शिक्षकों की की प्रशंसा।कहा इस बदलते चुनौती में शिक्षकों ने अपने आपको ऑनलाइन क्लासेस के लिए अपडेट किया।
  • कोविड-19 को देखते हुए सभी विद्यालय द्वारा जो प्रयास किए जा रहे हैं, वे काफी सराहनीय है।हम सबको इस चुनौती से मिलकर लड़ना है।
  • छात्र-छात्राएं भी ऑनलाइन क्लासेज के नए दौर से गुजर रहे हैं, उन्हें भी मोटिवेट करें।
  • नेटवर्क या अन्य कारणों से बच्चों की टेस्ट या परीक्षा नहीं होगी बाधित।
  • कोई परिवार कोविड-19 से संक्रमित हैं तो उन परिवारों के बच्चों के लिए अलग से परीक्षा आयोजित कराएं।
  • बच्चों एवं पेरेंट्स का फीडबैक भी लें टीचर्स।
  • व्हाट्सएप या ईमेल के माध्यम से प्रश्न भेजने की हो व्यवस्था।
  • एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज भी कराएं।
  • सभी प्राचार्य ऑनलाइन टीचिंग की करें मॉनिटरिंग।

पटना/त्रिलोकीनाथ प्रसाद, प्रमंडलीय आयुक्त श्री संजय कुमार अग्रवाल ने ऑनलाइन क्लास करा रहे सभी स्कूल प्रशासन/टीचर्स से कहा है कि मोबाइल नेटवर्क या अन्य कारणों से छात्र-छात्राएं समय पर ऑनलाइन टेस्ट या परीक्षा न दे पाए तो वैसे बच्चों के लिए पुनः टेस्ट की व्यस्था होनी चाहिए।नेटवर्क की वजह से किसी बच्चों की पढ़ाई या परीक्षा बाधित नहीं होनी चाहिए।उन्होंने कहा है कि ऑनलाइन लिए जाने वाले टेस्ट या परीक्षा के दौरान कनेक्टिविटी की समस्या तथा अच्छे लैपटॉप, मोबाइल ना होने की समस्या के कारण बच्चों को आ रही परेशानी पर भी नजर रखें।कई पैरेंट्स की शिकायत मिली है कि नेटवर्क या अन्य तकनीकी कारणों से टेस्ट या परीक्षा समय पर नहीं दे पाने की स्थिति में बच्चों को दुबारा टेस्ट या परीक्षा के लिए मौका नहीं देने की बात टीचर्स द्वारा कही जा रही है।प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने कहा है कि कोविड-19 को देखते हुए सभी विद्यालय द्वारा जो प्रयास किए जा रहे हैं, वे काफी सराहनीय है।हम सबको इस चुनौती से मिलकर लड़ना है। छात्र-छात्राएं भी ऑनलाइन क्लासेज के नए दौर से गुजर रहे हैं, उन्हें भी मोटिवेट कर के पढ़ाई एवं करोना की चिंता से मुक्त भी करवाना है तथा इससे उबरने के लिए तथा परीक्षा की चिंता एवं अन्य बातों को समय-समय पर क्लास में डिस्कस करते हुए मोटिवेट करने की आवश्यकता है।प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा है कि यदि किसी परिवार में कोई कोविड-19 से संक्रमित है तो उन परिवारों के बच्चों के लिए अलग से परीक्षा आयोजित कराने, टेस्ट आयोजित कराने और एक्स्ट्रा क्लासेस कराने की भी व्यवस्था स्कूल करें।ऑनलाइन क्लासेस से बच्चों मे आत्मविश्वास पैदा हो, इसके लिए लगातार बच्चों एवं पेरेंट्स का फीडबैक भी लेना चाहिए।यदि कोई छात्र छात्राओं को कोई समस्या आती है तो उसका निराकरण भी विद्यालय करें।विभिन्न माध्यमों से बच्चों को ऑनलाइन क्लास में पढ़ाई जा रहे विषय की बातें समझ में ना आए, तो वे छात्र छात्राओं को मौका दें कि वह पूछ सकते हैं, उनको जो पूछना है उनके संबंध में व्हाट्सएप या ईमेल के माध्यम से प्रश्न भेजने की व्यवस्था भी रहे।केवल सब्जेक्ट की पढ़ाई ना करवाकर बीच में कक्षाएं एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज जैसे पेंटिंग, क्विज, डिबेट, मोटिवेशनल क्लासेस की भी होनी चाहिए।सभी प्राचार्य ऑनलाइन टीचिंग का पर्यवेक्षण भी करें तथा शिक्षकों को समय-समय पर विभिन्न अद्यतन प्रक्रियाओं एवं राष्ट्रीय स्तर पर चल रही इनोवेटिव प्रैक्टिसेस की भी जानकारी दें, ताकि ऑनलाइन पढ़ाई को और अधिक रोचक बनाया जा सके।प्रमंडलीय आयुक्त ने शिक्षकों की की भी तारीफ की है कि उन्होंने इस बदलते चुनौती में अपने आपको ऑनलाइन क्लासेस के लिए अपडेट किया तथा कई शिक्षक नई नई तकनीक के माध्यम से कक्षा को रोचक बना रहे हैं तथा छात्र छात्राओं को बेहतर तरीके से समझा रहे हैं एवं उनके साथ लगातार संपर्क भी रख रहे हैं जो सराहनीय है।

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