किशनगंज : जिले के स्वास्थ्य केन्द्रों पर विश्व योग दिवस पर योग व मेडिटेशन सत्र आयोजित, विभिन्न संक्रामक बीमारियों से हमारा बचाव करता है योग

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, स्वास्थ्य विशेषज्ञों एवं योगाचार्य का मानना है कि योग से शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक रूप से हर व्यक्ति पूरी तरह से स्वस्थ्य रह सकता है। इसी क्रम में मंगलवार को जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में योगा फ़ॉर ह्यूमैनिटी की थीम पर विश्व योग दिवस पर योग् व मेडिटेशन सत्र आयोजित किया गया। ज्ञात हो की कोविड काल में रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखने के लिए इसका महत्व और भी अधिक बढ़ा है। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया कि नियमित रूप से योग अपना कर अवसाद और तनाव को भी दूर किया जा सकता है। योग शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना गया है। योग व मेडिटेशन शिविर में लोगों को स्वस्थ रहने के लिये नियमित योगाभ्यास व मेडिटेशन के लिये प्रेरित व जागरूक किया गया। साथ ही मानव जीवन में स्वास्थ्य के महत्व पर विस्तृत चर्चा का आयोजन किया गया। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने कहा कि आधुनिक विज्ञान योग व मेडिटेशन के महत्व को स्वीकारता है। योग व व्यायाम हमें कई संक्रामण रोगों के प्रभाव से मुक्त रखता है। व्यायाम से शरीर की त्वचा, मांसपेशियों व नसों में मजबूती आती है। शरीर के अंगों व हड्डी व जोड़ों में गतिशीलता बनी रहती है। जो बाहरी बैक्टीरिया व वायरस को शरीर के प्रवेश करने से रोकता है। नियमित रूप से योगाभ्यास व ध्यान करने से हमें मानसिक मजबूती मिलती है।सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने विश्व योग दिवस के 7वें वर्षगांठ में आयोजित कार्यक्रम में योग व मेडिटेशन के बारे में बताया कि जीवन के लिए आयुर्वेदिक दवा और योग को नियमित करने से अच्छा लाभ मिलता है। आज जिले के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में लोगों को प्राणायाम, अनुलोम-विलोम तथा योग के विभिन्न आसन सीएचओ के माध्यम से करवाया गया है। उन्होंने कहा कि योग के त्वरित लाभ से पूरी दुनिया के लोगों ने इसे अपनाना शुरू कर दिया है। वास्तव में योग के लिए धन की नहीं बल्कि थोड़ा समय निकालने की जरूरत है। इसके बाद योग से लाभान्वित होने वाला प्रत्येक व्यक्ति दूसरों को भी प्रेरणा देने लगता है। आज के महानगरीय जीवनशैली में जहां सब धीरे-धीरे व्यस्त और मशीनों पर निर्भर होते जा रहे, योगासन का महत्व अपने आप बढ़ गया है।
योगासन की मदद से हम प्राकृतिक स्वास्थ्य के साथ-साथ स्वभाविक सुंदरता भी पा सकते हैं। उन्होंने बताया कि स्वस्थ्य जीवन के लिए योग का विशेष महत्व है। उन्होंने बताया कि सुबह की विशुध्द हवा शरीर के लिए स्वास्थ्य दायक है। इसी वजह वे नियमित योग करने के साथ दूसरों को भी योग के लिए जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को जल्दी उठ कर योग अपनाने से निरोग काया का जल्द ही लाभ मिलने लगता है। प्रातः काल के सुखद वातावरण में घूमना फिरना लाखों की दवा के बराबर है। उन्होंने कहा कि लोगों को दिनचर्या में योग पर भी समुचित ध्यान देना चाहिए। किशनगंज प्रखंड में कार्यरत सीएचओ सिक्सिता शाहा ने बताया कि व्यायाम में मांसपेशियां पुष्ट होती हैं। जबकि योगाभ्यास से हमारे शरीर की ऊर्जा बढ़ती है। जिससे हमारी कार्यक्षमता के साथ-साथ मानसिक दक्षता भी बढ़ती है। योगाभ्यास से प्राण ऊर्जा की दिन प्रतिदिन वृद्धि होती है। शरीर के प्रत्येक अंग एवं अवयव ऊर्जावान होते हैं। जिससे शरीर स्वस्थ होता है। शरीर की बीमारियों से लड़ने की शक्ति भी बढ़ती है।
योगासन के लाभ
- आसन से पाचन संस्थान मजबूत होते हैं। यह पेट की सफाई के लिए उपयोगी साबित होता है।
- आसन आपके मन और तन दोनों को स्थायी रूप से स्वस्थ्य बनाता है।
- इसके नियमित अभ्यास से शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है। जिससे शरीर स्वस्थ बना रहता है।
- आसन से श्वास क्रिया का नियमन होता है, फेफड़ा तथा हृदय मजबूत होता है।
- आसन आपकी मांसपेशियों को बलिष्ठ बनाता है, जिससे मोटापा घटता और दुर्बल व्यक्ति स्वस्थ और सुंदर होता है।
- इसके लिए लिए किसी प्रकार का अत्यन्त खर्च नहीं उठाना पड़ता। थोड़ा सा संयम बरत कर आप इसका अधिक से अधिक लाभ ले सकते हैं।
- इससे चेहरे की सुंदरता तथा तेज बढ़ती है।
- आसन से रक्त की शुद्धि और वृद्धि होती है।
- आसनों के नियमित अभ्यास से आंखों और बाल की समस्या अपने आप दूर होती है।
योगासन करते समय बरतें कुछ सावधानी
खुले फर्श पर आसन नहीं करना चाहिए। वहां दरी या चादर बिछा लें। ध्यान रखें कि आसन करने का स्थान उबड़-खाबड़ ना हो। आसन का स्थान समतल होना चाहिए। आसन करते समय आपका चित्त शान्त होना चाहिए व मन प्रसन्न। आसन का वस्त्र मौसम के अनुकूल हो और अपेक्षाकृत ढीला-ढाला हो। अधिक दबाव, खिंचाव के साथ कोई आसन नहीं करें। किसी कुशल योग परीक्षक की सलाह और देखरेख में आसन प्रारंभ करना ही उचित होगा। मासिक धर्म के समय, गर्भावस्था के दौरान तथा प्रसव के तीन महीने बीत जाने तक महिलाएं योग ना करें।