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किशनगंज : जिले में “मेंटल हेल्थ इज ए यूनिवर्सल ह्यूमन राइट” की थीम पर मनाया गया विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस

तनावमुक्त व खुशहाल जीवन के लिये चाहत व जरूरत के बीच सामंजस्य जरूरी, जीवन के प्रति सकारात्मक नजरिया अपना कर तनाव व उदासी को मात देना संभव, मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता जरूरी, खुश रहें व दूसरों को खुश रखने का करें प्रयास

किशनगंज, 10 अक्तूबर (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, मानसिक स्वास्थ्य जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है। ये न सिर्फ किसी व्यक्ति की मनोदशा व व्यवहार को प्रभावित करता बल्कि उसके सोचने, जीवन को देखने व चुनौतियों से लड़ने की क्षमताओं को परिभाषित करता है। मानसिक स्वास्थ्य की सही देखभाल व्यक्ति को खुश और समृद्ध जीवन जीने में मदद करती है। स्ट्रेस या तनाव एक प्रकार का मानसिक स्वास्थ्य विकार है। जिसका जोखिम तेजी से बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। युवा हों या बुजुर्ग, सभी उम्र के लोगों में इस विकार के मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, सभी लोगों के लिए अपने शारीरिक स्वास्थ्य की ही तरह से मानसिक सेहत का ख्याल रखना भी जरूरी है। दोनों स्वास्थ्य एक दूसरे पर निर्भर होते हैं, यानी अगर आप स्ट्रेस-एग्जाइटी जैसी मानसिक समस्याओं के शिकार हैं, तो इसका असर शारीरिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित करने वाले हो सकते हैं। जिले की सभी स्वास्थ्य संस्थानों में मंगलवार को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर ‘मेंटल हेल्थ इज ए यूनिवर्सल ह्यूमन राइट’ की थीम अर्थात ‘मानसिक स्वास्थ्य एक सार्वभौमिक मानव अधिकार है। वर्ष 2023 की थीम के साथ जागरूकता बढ़ाने पर जोर देते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों को लेकर विस्तृत परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सिविल सर्जन डा० कौशल किशोर की अध्यक्षता में आयोजित इस परिचर्चा में बड़ी संख्या में स्वास्थ्य अधिकारियों ने भाग लिया। उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुए मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौती व इसके समाधान पर अपने विचार रखे। सिविल सर्जन ने कहा कि अपने काम व जिम्मेदारियों के बीच बेहतर सामंजस्य, व्यवस्थित दिनचर्या व अपने आस-पास के माहौल को खुशनुमा बना कर हर तरह की तनाव व उदासी को मात दिया जा सकता है। ऑफिस के काम व पारिवारिक जीवन के बीच बेहतर तालमेल होना जरूरी है। प्राथमिकताओं का निर्धारण व इसका उचित प्रबंधन हमें मानसिक रूप से खुशहाल बनाता है। हर व्यक्ति की अपनी अलग समस्या है। ऐसी कोई समस्या नहीं जिसका समाधान न हो। अपनी समस्याओं को आपसे बेहतर कोई समाधान नहीं कर सकता है। इसलिये हर हाल में सकारात्मक बने रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शारीरिक गतिविधियां, पसंदीदा खेल में अपनी भागीदारी व्यक्तिगत जीवन के तनाव को कम करने का सबसे आसान जरिया है। सारी चीजों को नियंत्रित नहीं किया जा सकता है। इसलिये कुछ एक चीजों को ब्रह्मांडीय शक्ति पर छोड़ देना भी तनाव दूर करने में कारगर है। वहीं गैर संचारी रोग पदाधिकारी डा. उर्मिला कुमारी ने कहा कि खुशी व आनंद ही सभी के जीवन का परम लक्ष्य है। बहुत सारा पैसा, भौतिक संपदा से आपका जीवन आनंदमय नहीं हो सकता है। अपने शौक व खुशी को तलाशें। इसे हासिल करने में अपना वक्त व इनर्जी खपत करें। सदर अस्पताल उपाधीक्षक डा० अनवर आलम ने कहा कि जीवन का महत्वपूर्ण पहलू होने के बावजूद मानसिक स्वास्थ्य लोगों की निजी समस्या बन कर रह गयी है। इस पर विस्तृत चर्चा करते हुए इसके प्रति लोगों को जागरूक करना जरूरी है। जिला कार्यक्रम प्रबंधक डा० मुनाजिम ने कहा कि प्रतिर्स्पद्धाओं से भरे इस दौर में हर व्यक्ति तनाव व अवसाद के दौर से गुजरता है। इसलिये जीवन के प्रति  सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए स्वस्थ दिनचर्या अपनाना जरूरी है। वहीं डीपीसी विश्वजीत कुमार ने संयुक्त परिवार के महत्व से अवगत कराते हुए एकल परिवार व व्यक्तिवादी सोच को तनाव व अवसाद का बड़ा कारण बताया। कार्यक्रम में मानसिक स्वास्थ्य पर विचार रखते हुए एसीएमओ डा. सुरेश प्रसाद ने बताया कि विकासशील देशों में बीमारियों का स्वरूप भी बदलता रहता है। पूर्व में डायरिया, हैजा, चेचक, पोलियो, कालाजार स्वास्थ्य जनित मुख्य समस्या थी। इसके स्थान पर अब हृदय रोग, मोटापा, कैंसर जैसे रोग तेजी से फैल रहे हैं। इसमें  मानसिक स्वास्थ्य महत्वपूर्ण पहलू बन कर उभरा है। धीरे-धीरे लोग इसके प्रति जागरूक भी हो रहे हैं। डीआईओ डा. देवेन्द्र कुमार ने बताया कि हमें अतिवादी होने से बचना होगा। तनाव बीमारियों को आमंत्रित करता है। इसलिये इससे बचाव जरूरी है। चुनौतियों से भरे इस दौर में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या बेहद आम है। बावजूद इसके महत्व को अब तक नजरअंदाज किया जाता रहा है। इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है। दूसरों से जुड़ना, शारीरिक गतिविधियों में शामिल होना, दूसरों की मदद करना, पर्याप्त नींद लेना व सकारात्मक बने रहना मानसिक स्वास्थ्य के लिये जरूरी है। बैठक में कई स्वास्थ्य अधिकारी व सहयोगी संस्था के प्रतिनिधि मौजूद थे।

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