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किशनगंज : जिले में हमारी भूमि’ नारे के तहत भूमि बहाली, मरुस्थलीकरण और सूखे पर केंद्रित है की थीम पर मनाया गया विश्व पर्यावरण दिवस

विश्व पर्यावरण दिवस को ध्यान में रख कर किये जा रहे जागरूकता संबंधी कार्यक्रम, सामूहिक प्रयास से पर्यावरण संरक्षण संबंधी उपायों का मिलेगी मजबूती

किशनगंज, 05 जून (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, धरती व इस पर मौजूद जीवन को संरक्षित रखने के लिये पर्यावरण की शुद्धता व संरक्षण जरूरी है। आधुनिकता के इस दौर में दुनिया भर में ऐसे चीजों का इस्तेमाल काफी बढ़ गया है। जो हमारे पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचा रहा है। इससे हमारा जीवन बुरी तरह प्रभावित होने लगा है। वैश्विक महामारी, प्राकृतिक आपदाओं के बढ़ते मामले से हमें हर दिन दो चार होना पड़ रहा है। इसे देखते हुए पर्यावरण संरक्षण के उपायों को बढ़ावा देना जरूरी हो गया है। पर्यावरण संरक्षण के उपायों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हर साल पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस पूरी दुनिया में मनाया जाता है। विश्व पर्यावरण दिवस को केंद्र में रख स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जिले के सभी प्रखंडों के स्वास्थ्य संस्थानों में जागरूकता संबंधी विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गये हैं। सदर अस्पताल प्रांगण में सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार एवं डीपीएम डॉ. मुनाजिम ने संयुक्त रूप से पौधा रोपण किया। वहीं सिविल सर्जन की अध्यक्षता में पर्यावरण की शुद्धता व संरक्षण के लिए सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ अनवर हुसैन ने सभी को शपथ दिलायी।

इसमें ग्राम प्रधान, जीविका दीदी, आंगनबाड़ी, आशा सहित स्थानीय ग्रामीणों की सहभागिता सुनिश्चित करते हुए पर्यावरण संरक्षण के उपायों को मजबूती देने का प्रयास किया जा रहा है। जिलाधिकारी तुषार सिंगला ने विश्व पर्यावरण दिवस की सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा की पर्यावरण का अर्थ संपूर्ण प्राकृतिक परिवेश से है जिसमें हम रहते हैं। इसमें हमारे चारों ओर के सभी जीवित और निर्जीव तत्व शामिल होते हैं, जैसे कि हवा, पानी, मिट्टी, पेड़-पौधे, जानवर और अन्य जीव-जंतु। पर्यावरण के घटक परस्पर एक-दूसरे के साथ जुड़कर एक समग्र पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करते हैं। हालांकि प्राकृतिक संसाधनों के दोहन और मानव जीवनशैली के लिए इनके गलत उपयोग से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। दूषित पर्यावरण उन घटकों को प्रभावित करता है, जो जीवन जीने के लिए आवश्यक हैं। ऐसे में पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने, प्रकृति और पर्यावरण का महत्व समझाने के उद्देश्य समझना आवश्यक। प्राकृतिक संसाधनों के दोहन और मानव जीवनशैली के लिए इनके गलत उपयोग से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। दूषित पर्यावरण उन घटकों को प्रभावित करता है, जो जीवन जीने के लिए आवश्यक हैं। ऐसे में पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने, प्रकृति और पर्यावरण का महत्व समझाने के उद्देश्य से हर साल विश्व पर्यावरण दिवस मनाते हैं। सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया की पर्यावरण दिवस मनाने की नींव 1972 में पड़ी, जब संयुक्त राष्ट्र संघ ने पहला पर्यावरण दिवस मनाया है और हर साल इस दिन को मनाने का एलान किया। पहला पर्यावरण सम्मेलन 5 जून 1972 को मनाया गया था, जिसमें 119 देशों ने भाग लिया था। स्वीडन की राजधानी स्टाॅकहोम में सम्मेलन हुआ। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मानव पर्यावरण पर स्टाॅकहोम सम्मेलन के पहले दिन को चिन्हित करते हुए 5 जून को पर्यावरण दिवस के तौर पर नामित कर लिया।उन्होंने पर्यावरण क्षति पहुंचाने वाले विभिन्न कारकों के प्रति लोगों का ध्यान आकृष्ट कराया। उन्होंने कहा आधुनिकता के चक्कर में पूरी दुनिया में तेजी से पेड़ों की कटाई जारी है। पेट्रोलियम पदार्थ का अधिक उपयोग व आधुनिक जीवन शैली पर्यावरण को व्यापक नुकसान पहुंचा रहा है। हम अपने इन आदतों में बदलाव करते हुए अधिक से अधिक पेड़ लगाकर पर्यावरण को होने वाले नुकसान को कम कर सकते हैं। सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ अनवर हुसैन ने बताया की भारत समेत पूरे विश्व में प्रदूषण तेजी से फैल रहा है। बढ़ते प्रदूषण के कारण प्रकृति खतरे में हैं। प्रकृति जीवन जीने के लिए किसी भी जीव को हर जरूरी चीज उपलब्ध कराती है। ऐसे में अगर प्रकृति प्रभावित होगी तो जीवन प्रभावित होगा। प्रकृति को प्रदूषण से बचाने के उद्देश्य से पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत हुई। इस दिन लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाता है और प्रकृति को प्रदूषित होने से बचाने के लिए प्रेरित किया जाता है।

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