किशनगंज: महिला संवाद कार्यक्रम में उमंग और उत्साह से भरपूर सहभागिता, महिलाओं ने साझा किए अनुभव और आकांक्षाएं
सरकारी योजनाओं से आत्मनिर्भरता की राह पर महिलाएं, डुबानोची पंचायत की मीरा देवी और चंदना राय ने रखी अपनी बातें

किशनगंज,04जून(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, पिछले अड़तालीस दिनों से चल रहे ‘महिला संवाद कार्यक्रम’ में किशनगंज जिले की महिलाएं उत्साह, आत्मविश्वास और खुले मन से भाग ले रही हैं। कार्यक्रम में महिलाएं अपने अनुभव, आकांक्षाएं और सुझाव साझा कर रही हैं, जो इस पहल को जन-आधारित और प्रभावी बना रहे हैं। यह संवाद महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में उभर रहा है।
पोठिया प्रखंड की डुबानोची पंचायत से आई मीरा देवी ने बताया कि सरकार से घर में शौचालय निर्माण के लिए राशि मिली है, जिससे अब उन्हें सुरक्षा और सम्मान का अनुभव होता है। उन्होंने बताया कि उनके बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं और पोशाक, छात्रवृत्ति, साइकिल तथा मध्याह्न भोजन जैसी योजनाओं का लाभ उन्हें मिल रहा है।
मीरा देवी ने कहा, “मैं ‘जय माता दी जीविका स्वयं सहायता समूह’ से जुड़ी हूँ और समूह से ऋण लेकर स्वरोजगार कर रही हूँ। सरकार की योजनाओं से हमें आत्मनिर्भर बनने में मदद मिल रही है।” उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि जीविका संघ और ग्राम संगठनों के लिए भवन निर्माण किया जाना चाहिए, जिससे समूहों की गतिविधियों को सुचारु रूप से संचालित किया जा सके।
वहीं चंदना राय ने आंगनबाड़ी केंद्रों की सुविधाओं में सुधार की आवश्यकता जताई। उन्होंने कहा कि इससे बच्चों के पोषण और गर्भवती तथा धात्री महिलाओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेंगी।
कार्यक्रम में भाग ले रही महिलाओं ने गांवों में सोलर लाइट लगाने, जन वितरण प्रणाली में राशन की मात्रा बढ़ाने, वृद्धा, विधवा और दिव्यांग पेंशन की राशि बढ़ाने जैसे मुद्दों पर भी अपनी आकांक्षाएं और सुझाव दिए।
कार्यक्रम में जागरूकता वाहन पर लगे एलईडी स्क्रीन के माध्यम से सरकारी योजनाओं पर आधारित वीडियो फिल्मों का प्रदर्शन किया जा रहा है, जो महिलाओं के बीच मनोरंजन और जानकारी का माध्यम बन गया है। इन फिल्मों में स्वास्थ्य, शिक्षा, सामाजिक सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां रोचक शैली में दी गई हैं, जिससे महिलाओं की रुचि और जागरूकता दोनों बढ़ रही है।
महिला संवाद कार्यक्रम न केवल महिलाओं की आवाज़ को मंच दे रहा है, बल्कि नीतिगत सुधारों और योजनाओं के क्रियान्वयन में उनकी सक्रिय भूमिका सुनिश्चित करने की दिशा में भी एक सशक्त प्रयास बनकर उभरा है।