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बिहार भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक श्री मनोज शर्मा ने बयान जारी करते हुए कहा कि ।।…

विपक्षी एकता की हवा निकली, चौटाला की रैली में कई विपक्षी नेता नही पहुंचे- मनोज शर्मा

त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-विपक्षी एकता का ढोल पीट रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आज उस समय पोल खुल गई, जब उनको ओम प्रकाश चौटाला की रैली में पहुंचना था। विपक्षी एकता के लिए यह रैली रखी गई थी। लेकिन, विपक्षी नेताओं के नाम पर जितने भी फ्यूज बल्ब से वह यहां पहुंचे थे। नीतीश कुमार जितना दावा करते थे कि उनके साथ देश के तमाम विपक्षी नेता हैं, उसकी हवा इस रैली में निकल कर सामने आ गई। कुछेक नेता छोड़कर इस रैली में विपक्षी दलों के प्रमुख नेता नहीं पहुंचे। इससे ये पता चलता है विपक्षी नेताओं में कोई एकता नहीं है।

 

इस रैली में ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल, सहित केसीआर, चंद्रबाबू नायडू, स्टालिन जैसे तमाम नेताओं को बुलाया गया था, लेकिन इनमें से कोई नही गया । यह माना जा रहा था कि यह रैली विपक्षी एकता  को मजबूत करने में बड़ी कड़ी साबित होगी। लेकिन, आज के रैली की तस्वीर को देखकर यह लग रहा था यह जो तमाम नेता है वह अपने अपने क्षेत्र के हारे और थके हुए नेता हैं। इनमें कोई जोश नहीं है। यह सभी फ्यूज बल्ब हैं जो रह-रहकर टिमटिमाते तो हैं लेकिन जलते नहीं है।

 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, लालू यादव और तेजस्वी यादव सोनिया गांधी का मनुहार कर रहे हैं कि वह विपक्षी एकता के साथ शामिल हो जाएं। सोनिया गांधी इस बात के लिए राजी नहीं है कि राहुल गांधी के अलावा कोई दूसरा प्रधानमंत्री बने। पहले नीतीश कुमार ने विपक्षी एकता के लिए कांग्रेस और वाम दल को जरूरी बताया लेकिन, यह भी जरूरी है कि राहुल गांधी के रहते कोई दूसरा प्रधानमंत्री का उम्मीदवार नहीं बन सकता है। हालांकि अभी कई दशकों तक विपक्षी दल छिटपुट तरीके से एकजुट होंगे और बिखर जाएंगे। देश में भारतीय जनता पार्टी कि आज भी सरकार है आने वाले समय में भी सरकार रहेगी। देश को प्रधानमंत्री नहीं प्रधान सेवक चाहिए और वह प्रधान सेवक भारतीय जनता पार्टी ही दे सकती है।

 

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