बिहार भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व विधायक श्री मनोज शर्मा ने बयान जारी करते हुए कहा कि

त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-अपनी बात दूसरे के मुंह से कहलवाते हैं नीतीश कुमार, शराबबंदी पर कही रॉलबैक ना हो जाएं – मनोज शर्मा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को यदि कुछ करना होता है तो वो अपने सहयोगियों के मुंह से बात कहलवाते हैं। यही बात हो रही है शराबबन्दी के मामले में। अब शाराबबन्दी बिहार में फेल हो रहा है तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सहयोगी घूम-घूम कर जनता पर इसका दोषारोपण कर रहे हैं। जबकि शराबबन्दी पूरी तरह से बिहार सरकार का लिया गया फैसला था। ये फैसला तब लिया गया था जब सरकार में राजद भी थी। अब जब एक बार फिर राजद साथ में है और मुख्यमंत्री पर शराबबन्दी को समाप्त करने का दबाव है तो अपने सहयोगी के माध्यम से अलग बात कहलवा रहे हैं।
पिछले दिनों जदयू के संसदीय बोर्ड के चेयरमैन उपेन्द्र कुशवाहा ने साफ कहा कि बिहार में शराबबन्दी फेल है। जबतक जनता साथ नही देगी तबतक ये सफल नही होगा। जबकि शराबबंदी का पूरा का पूरा फैसला सरकार का था ये जनता का फैसला नही था। लेकिन अब जब नीतीश कुमार के हाथ से सबकुछ निकलने लगा है तो वो जनता के सर पर दोषारोपण कर रहे है। दरअसल, नीतीश कुमार शराबबन्दी को लेकर रॉलबैक करने के फिराक में है तभी उनके सहयोगी इस तरह की बात कर रहे है।
उधर, नीतीश कुमार के सहयोगी जीतनराम मांझी भी अपना फार्मूला सरकार को समझा रहे है। कहते है कि जो 250ML पीता है तो उसे पकड़ना नही चाहिए। उसे छोड़ देना चाहिए। मांझी जी ने शराबबन्दी के खिलाफ अक्सर आवाज उठाइ है। और कहते रहे है कि इस शराबबन्दी में गरीब समुदाय के लोग ही फंसते जा रहे है।
अब तो नीतीश कुमार के सबसे नजदीक रहे और शराबबंदी लागू करने में नीतिकार रहे प्रशांत किशोर भी कहने लगे है कि बिहार में शराबबंदी फेल है। पीके तो एक कदम आगे बढ़ कर कहते है कि नीतीश कुमार के इस नीति से गरीब फंस रहे है। नीतीश कुमार का शराबबन्दी फेल है।
धन्यवाद
मनोज शर्मा
प्रदेश प्रवक्ता/ पूर्व विधायक
भारतीय जनता पार्टी, बिहार प्रदेश