किशनगंज : कालाजार के लक्षण एवं बचाव को सामुदायिक स्तर पर ग्रामीणों को किया जा रहा है जागरूक।

ज़िले में वर्ष 2022 में 05 नए कालाजार मरीजों की हुई पहचान : सिविल सर्जनवेक्टर बॉर्न डिजीज के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से सामुदायिक बैठक आयोजित।
कालाजार के निम्नलिखित लक्षण हैं –
- दुर्बलता।
- भूख कम लगना।
- प्लीहा में नुकसान होता है।
- वजन में लगातार कमी होना।
- त्वचा सूखी और पतली होना।
- शरीर में पीलापन और वजन घटना।
- तिल्ली और लिवर का आकार बढ़ना।
- मक्खी के काटे हुए जगह पर घाव होना।
- व्यापक त्वचा घाव जो कुष्ठ रोग जैसा दिखता है।
- लगातार रुक-रुक कर या तेजी के साथ दोहरी गति से बुखार आना।
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, राष्ट्रीय कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के तहत आम लोगों में कालाजार से बचाव को लेकर जागरूकता पैदा करने के जरूरत है। इस उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी एवं कर्मियों को सामुदायिक स्तर पर ग्रामीणों के साथ समन्वय स्थापित कर इस मुहिम में सहयोग करने के लिए जागरूक की जा रही है। इसी क्रम में जिले के टेढ़ागाछ प्रखंड में कलाकार से जागरूकता के लिए सामुदायिक बैठक का आयोजन बुधवार को किया गया जिसमे सामुदायिक स्वास्थ्य उतप्रेरक के द्वारा कालाजार के उपचार एवं सहयोग राशि के बारे में बताया गया। जिले के सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने कहा कि कालाजार उन्मूलन के तहत शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा राज्य स्तर पर विशेष रूप से सघन कार्य योजना-2023 बनायी गयी है। जिसके तहत ज़िलें के कालाजार रोग संबंधित प्रखंड में सामुदायिक बैठक का आयोजन किया जा रहा है। क्योंकि कालाजार को जड़ से मिटाने के लिए हम सभी को निष्ठावान बनकर कार्य करने के आवश्यकता है। हालांकि ज़िले से कालाजार का उन्मूलन कर दिया गया है लेकिन कुछ ही प्रखंडों में कालाजार के मरीज शेष बचे हुए हैं। इसका भी सफाया करना जरूरी हो गया है। वर्ष 2022 में कालाजार के मात्र 5 मरीज़ों की पहचान की गई है। प्रभारी जिला वेक्टर जनित रोग पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने बताया कि कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम की सफलता में सामुदायिक स्तर पर काम करने वाले स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका महत्वपूर्ण साबित होती है। क्योंकि सामाजिक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाकर कालाजार सहित वेक्टर बॉर्न डिजीज के प्रति ग्रामीणों के बीच जागरूकता लाने के उद्देश्य से सामुदायिक बैठक में वेक्टर बॉर्न यानी मच्छर एवं मक्खी की वजह से होने वाले विभिन्न तरह के रोगों की रोकथाम व रोग से जुड़े विभिन्न पहलुओं के साथ इसके उपचार की विधियों से आमजन को अवगत कराया गया। डॉ मंजर आलम ने बताया कि समुदाय के बीच कार्य करने वाले पदाधिकारी एवं स्वास्थ्य कर्मी सामुदायिक स्तर पर ग्रामीणों को कालाजार बीमारी के लक्षण, उससे बचने के उपाय के साथ ही सावधानी बरतने के लिए जागरूकता अभियान के तहत अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे। क्योंकि बरसात के दिनों में कुछ सावधानी बरतकर आप सभी लोग कालाजार जैसी बीमारी से बचाव के साथ ही अन्य लोगों को भी इस बीमारी के दुष्परिणाम से बचाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। स्वास्थ कर्मियों द्वारा लोगों को मच्छरदानी का नियमित उपयोग करने एवं अपने घर के आसपास गड्ढों या नालों में बरसात या चापाकल के पानी की निकासी करने के लिए जागरूक करेंगे ताकि कालाजार के मच्छरों की संख्या नहीं बढ़े। इसके साथ ही क्षेत्र में छिड़काव के लिए जाने वाली टीम का सहयोग कर प्रत्येक घरों में छिड़काव कराने के लिए प्रेरित करेंगे।