पीरपैंती के रिश्वतखोर राजस्व कर्मचारी का वीडियो हुआ वायरल।।..

रवि कुमार :-सुशासन की सरकार ने भ्रष्ट कर्मियों द्वारा रिश्वतखोरी का मामला रुक नहीं रहा है ताजा मामला पीरपैंती अंचल का है जहां दाखिल खारिज हेतु दिए गए आवेदनों के निष्पादन में रिश्वत लेने का वीडियो वायरल हुआ है 12 सितंबर 2020 को दाखिल खारिज हेतु ऑनलाइन किए गए आवेदन संख्या 1632/2020-21 को जानबूझकर रिश्वत के लिए आज लगभग 9 महीनों से लटका कर रखा गया है ।जबकि 15 मार्च 2021 को ऑनलाइन किए गए आवेदन संख्या 6003/2020-21 का निष्पादन मात्र 18 दिनों में 3 अप्रैल को ही हो जाता है। मतलब साफ है कि रिश्वत देने पर तुरंत काम हो जाता है ।वरना महीनों दौड़ लगाने के बाद भी नहीं होगा बेवजह अस्वीकृत कर दिया जाएगा बता दें कि पीरपैंती के राजस्व कर्मचारी शमीम अख्तर अपने निजी दलालों के माध्यम से गरीब जनता का आर्थिक शोषण कर रहे हैं।संबंधित दाखिल खारिज मामले में आवेदित केवला में भूमि का रकबा 18.5 बिस्मिल है जबकि विक्रेता के जमाबंदी में मात्र 18 .3 डिसमिल जमीन है शेष बचा है आवेदक के द्वारा 18.3 डिसमिल जमीन का ही मोटेशन करने का आवेदन देने के बाद 2500 रुपया भी वसूला गया है।जिसे आप इस वीडियो में अस्पष्ट देख सकते हैं। आश्चर्य की बात यह है। कि रिश्वत लेने के बाद दाखिल खारिज वाद संख्या 1632/2020-21 मैं राजस्व कर्मचारी ने अपना प्रतिवेदन रिपोर्ट 4 अप्रैल को और फिर अंचल निरीक्षक ने भी 5 अप्रैल को अपना प्रतिवेदन समर्पित कर दिया है ।बावजूद आज भी लगभग 83 दिनों से अंचल अधिकारी के स्तर पर यह वाद पेंडिंग है ।सवाल है कि गरीब कहां-कहां रिश्वत देगा इस वीडियो में आप देख सकते हैं ।कि कैसे एक किसान को महीनो परेशान करने के बाद उससे बतौर रिश्वत 2500 रुपए वसूल लिया गया इस संबंध में प्रीपेड थी अंचलाधिकारी को प्रमाण के साथ 10 दिन पूर्व ही शिकायत की गई है ।पर उनके द्वारा किसी प्रकार की जांच या कार्यवाही की सूचना नहीं मिली है ।आश्चर्य और गंभीर चिंता की बात है। कि जब जनता मालिक यहां व्याप्त भ्रष्टाचार से परेशान है। तो अब अधिकारी चुप्पी साधे मौन क्यों है। बिहार में जमीन के विवाद मामले में सुधार को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सराहनीय प्रयासों पर यहां के रिश्वतखोर भ्रष्ट कर्मियों ने पानी फेर दिया।