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*कोविड-19 से लड़ने का एकमात्र और बेहतर उपाय टीकाकरण ही है – एस के मालवीय।।…*

त्रिलोकी नाथ प्रसाद को विभाजित -19 से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए हमें विश्वसनीय स्रोतों, जैसे पीआईबी, स्वास्थ्य मंत्रालय, माई गोव, राज्य सरकार की वेबसाइटों आदि को देखना चाहिएपटना, 25 मार्च, 2021
उसी के ऊपर एक विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने और समझने बढ़ाने के लिए ही बिहार में कार्यरत मंत्रालय के विभिन्न मीडिया इकाइयों के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए ऑनलाइन ओरिएंटेशन वेबिनार का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि कोविड -19 का प्रसार एक बार फिर देखने को मिल रहा है। ऐसे में हमें कोविड -19 से जुड़े नियमों का सख्ती से पालन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कोविड -19 से लड़ने का एकमात्र और बेहतर उपायकरण ही है।उन्मुखीकरण कार्यशाला-सह-वेबिनार में अतिथि लाउंज के रूप में शामिल पीआईबी, नई दिल्ली और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की अपर महानिदेशक मनीषा वर्मा ने कहा कि कोविड -19 से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए विश्वसनीय स्रोतों, जैसे पीआईबी , स्वास्थ्य मंत्रालय, माई गोव, राज्य सरकार की वेबसाइटों आदि को देखना चाहिए। जब तक हम लोग स्वयं सही जानकारी विश्वसनीय स्रोतों से नहीं प्राप्त करेंगे, तब तक हम आमजनों को सही सूचना मुहैया नहीं कर सकते हैं।वेबिनार में अतिथि लाउंज के रूप में शामिल राजकीय संरक्षण पदाधिकारी डॉ। एनके सिन्हा ने कहा कि टीकाकरण के मामले में मौजूदा आंकड़े हमें यह स्पष्ट रूप से बताते हैं कि कोविड -19 का केक पूरी तरह सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि अभी तक बिहार में लगभग 22 लाख 45 हज़ार लोगों को टीका दिया गया है। इसमें से लगभग 18 लाख लोगों को पहले डोज और चार लाख लोगों को दूसरे डोज दिए गए हैं। इसमें से केवल 128 मामले ऐसे हैं जिनमें टीका लेने के बाद लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिला है। हालाँकि इसमें से भी अधिकांश लोगoc लेने के कुछ घंटों के ऑब्जरवेशन के बाद ही अपने घर चले गए और कुछ अगले दिन स्वस्थ होकर वापस लौट आए।] उन्होंने कहा कि टीकाकरण ही कोविड -19 से एकमात्र बचाव है।वेबिनार में अतिथि लाउंज के रूप में शामिलगीम्स, पटना के डॉ। अमित कुमार ने GBT के माध्यम से AEFI (प्रतिकूल घटना के बाद टीकाकरण) के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुए कहा कि टीकाकरण के बाद दिखने वाले प्रतिकूल प्रभाव को हम तीन खंडों माइनर, गंभीर और गंभीर: बैंड बेहतर तरीके से अध्ययन कर रहे हैं। कर सकते हैं। भारत में को विभाजित -19 केकैनीकरण के बाद दिखने वाले प्रतिकूल प्रभाव नगण्य के बराबर हैं। ये टीकें पूरी तरह सुरक्षित हैं। स्वीनिनार में अतिथि वक्ताओं के रूप में वर्दीसेफ, बिहार की संचार विशेषज्ञ निपुण गुप्ता, वर्दीसेफ इंडिया, नई दिल्ली की संचार अधिकारी सोनिया सरकार और शीना शर्मा शामिल थे।उन्मुख सत्यापन कार्यशाला-सह-वेबिनार का संचालन करते हुए पीआईबी पटना के सहायक निदेशक संजय कुमार ने कहा कि आज पूरा विश्व वैश्विक महामारी कोरोना से जंग लड़ रहे हैं। भारत ने मेक इन इंडिया के बल पर कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक विशिष्ट उपलब्धि हासिल कर विश्व मे परचम लहराया है। उन्होंने कहा कि अब तक देश में लोगों को दिए गए कोरोना वैक्सीन डोज की कुल संख्या 5 करोड़ से अधिक हो गई है।उन्मुख अधिसूचना कार्यशाला-सह-वेबिनार में का धन्यवाद ज्ञापन फिल आउटरीच ब्यूरो, छपरा के क्षेत्रीय प्रचारक पवन कुमार सिन्हा ने किया है। वेबिनार में आरओबी, पटना के निदेशक विजय कुमार; पीआईबी, पटना के निदेशक दिनेश कुमार सहित सूचना और प्रसारण मंत्रालय के विभिन्न मीडिया इकाइयों के अधिकारी और कर्मचारी शामिल थे।

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