नवजात बच्ची की मौत के बाद अस्पताल में हंगामा।..
डॉक्टर , नर्स व कर्मी पर लगाया लापरवाही का आरोप।..

नवजात बच्ची की तवियत बिगड़ने पर नही देखे डॉक्टर व नर्स, एम्बुलेंस भी नही कराया उपलब्ध
हिलसा अनुमंडलीय अस्पताल की घटना
अस्पताल में हंगामा करते परिजन को समझाती पुलिस
सोनू यादव :-हिलसा (नालंदा):- सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने का दावा और इसके लिये किये जा रहे प्रयास के बीच एक बार फिर हिलसा अनुमंडलीय अस्पताल में डॉक्टर व कर्मियों की एक बड़ी लापरवाही का मामला सामने आई है। जहां डॉक्टर व नर्स की घोर लापरवाही के कारण एक नवजात बच्ची की मौत हो गई है।घटना के बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया जहां ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए कर्मी अस्पताल छोड़कर भाग निकले। परिजन ने अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर व कर्मी लापरवाही बरतने के साथ साथ अस्पताल प्रबंधन पर नवजात की तबीयत बिगड़ने के उपरांत एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराने का भी आरोप लगाया है।प्रसूता मधु कुमारी ने डॉक्टर व नर्स के खिलाफ नवजात बच्ची की मौत के लिये जिम्मेवार ठहराते हुए स्थानीय थाने में शिकायत किया है।दरअसल इस्लामपुर प्रखंड के खुदागंज की रहने वाली चंदन कुमार की पत्नी मधु कुमारी जो वर्तमान में अपने मायका हिलसा के खोरामपुर में रह रही है। जिसे प्रसव पीड़ा होने के उपरांत परिजनों के द्वारा हिलसा अनुमंडलीय अस्पताल में गुरुवार की सुबह भर्ती कराया गया।दिन भर दर्द से गर्भवती महिला कराहती रही काफी आरजू विनती के बाद शाम 7:00 बजे डॉक्टर की देखरेख में उपचार बाद एक बच्ची ने जन्म लिया। प्रसव कराने के एवज में अस्पताल कर्मियों के द्वारा 2 हजार रुपए भी लिया गया। रात 1:00 बजे नवजात की तबियत अचानक बिगड़ने लगी।जिसके बाद परिजन दौड़े दौड़े डॉक्टर व नर्स के कमरे पहुची जहाँ डॉक्टर व नर्स सभी गहरी नींद में सो रहे थे । आरजू विनती करने के काफी समय बाद एक नर्स उठकर आयी और डपटकर बोली कि बच्ची की तवियत ठीक नही है कहीं अन्यत्र जगह इलाज के लिए ले जाएं और इतना कह कर नर्स एवं अन्य अस्पताल कर्मी सोने चले गए। जब परिजन नवजात को ले जाने के लिए एंबुलेंस की मांग करने लगे तो अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें एंबुलेंस भी उपलब्ध कराना मुनाशिव नही समझा। नवजात की हालत धीरे धीरे और बिगड़ते का रही थी इधर परिजन डॉक्टर व नर्स के आगे हाथ जोड़ बच्चों को इलाज करने के लिये बिनत कर रहे थे लेकिन किसी ने परिजन की एक नही सुनी गई। अंततः परिजन ने निजी एंबुलेंस को बुलाकर वे लोग बिहार शरीफ इलाज के लिए चल पड़े, रास्ते में ही नवजात की मौत हो गई।
तड़पती नवजात बच्ची पर नही आया दया,फरमाते रहे आराम
जन्म लेने के उपरांत बच्ची हर तरह से स्वस्थ्य थी दी तीन घण्टे बाद जब बच्ची की अचानक तवियत खराब हुई तो परिजन छटपटाने लगे। इधर नवजात बच्ची तड़प रही थी उधर अस्पताल के डॉक्टर व नर्स कमरे में आराम फरमा रहे थे।लोगो का कहना है कि इस तरह की पहली घटना नही है बल्कि अस्पताल आये दिन डॉक्टर की लापरवाही के कारण कई की जान पहले भी जा चुकी है। दिन में तो एक्का दुक्का डॉक्टर अस्पताल में नजर आते है वो भी पूरे फॉर्म में रहते है मरीज से ऐसी डपटकर बात करते करते है जैसे लगता है उनकी डपट सुनने के बाद मरीज की धड़कने और तेज हो जाती है वही कर्मी अस्पताल में असुविधा का हवाला देकर उन्हें अपने जाल में फंसाकर निजी अस्पताल में जाकर भर्ती कराते है नही तो सीधे रेफर कर अपना पल्ला झाड़ लेते है।निजी अस्पताल में मरीज को पहुचाने पर उन्हें मोटी कमीशन मिलता है। रात का तो कुछ कहना ही नही है रात में अस्पताल में भर्ती मरीजो का इलाज भगवान भरोसे होता है। डॉक्टर नर्स व कर्मियों के लिये महज आराम का केंद्र बना रहता है। अस्पताल की कुव्यवस्था पर अधिकारी भी मौन रहते है।
समय पर मिलती एम्बुलेंस शायद बच जाती नवजात की जिंदगी
अस्पताल के डॉक्टर व नर्स के साथ साथ अस्पताल प्रबंधन की भी बड़ी लापरवाही माना जा रहा है। अगर समय से परिजन को एम्बुलेंस उपलब्ध करा दिया होता तो शायद नवजात की जान बच जा सकती थी।
इस घटना से गुस्साए परिजनों ने शुक्रवार को अस्पताल पहुंचकर जमकर हंगामा किया। हंगामा की सूचना मिलते ही हिलसा पुलिस दल बल के साथ पहुंची और आक्रोशित परिजनों को समझा-बुझाकर कार्यवाही का आश्वासन दे मामले को शांत कराया।प्रभारी थानाध्यक्ष मो शोएब अख्तर ने बताया कि परिजन के द्वारा अभी आवेदन नही मिला है आवेदन मिलने के बाद अग्रेतर कार्रवाई की जायेगी।
बोले सिबिल सर्जन
नालंदा सिविल सर्जन ने बताया कि हिलसा अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक ट्रेनिंग में गए हुए हैं। जो भी रिस्पांसिबल पर्सन होंगे उनसे घटना के बारे में विस्तृत जानकारी लेकर जिनकी भी इनमें लापरवाही होगी, उन पर कार्यवाही की जाएगी। फिलहाल मामले का पता लगाया जा रहा है।