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राजद के सत्ता में बतौर ‘बड़े भाई’ रहते हुए, लालू जी के सगे परिजन पर गोली चलना, जंगलराज की वापसी का सबूत: राजीव रंजन

अपराधियों के आगे घुटने टेक चुकी है बिहार सरकार: राजीव रंजन

त्रिलोकी नाथ प्रसाद-: पूर्व सांसद व लालू यादव के साले सुभाष यादव के बेटे पर हुए जानलेवा हमले को सूबे में अपराधियों के बढ़े मनोबल का प्रत्यक्ष सबूत करार देते हुए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष व मीडिया विभाग के प्रभारी राजीव रंजन ने आज कहा कि लालू जी के जिन परिजनों से कभी पूरा बिहार कांपता था, आज अपराधी उनके बाल-बच्चों पर भी खुलेआम गोली चलाने से भी नहीं हिचक रहे हैं. यह दिखाता है कि बिहार में आज अपराधियों का मनोबल जंगलराज से भी अधिक बढ़ गया है. उन्हें न तो प्रशासन का डर है और न ही पकड़े जाने की चिंता. कानून का इकबाल गड्ढे में जा चुका है.

उन्होंने कहा कि राजद के सत्ता में बतौर ‘बड़े भाई’ की भूमिका में रहते हुए यदि अपराधी लालू जी के सगे परिजनों पर गोलीयां दाग सकते हैं, तो फिर आम जनता कितनी सुरक्षित है यह स्वत: समझा जा सकता है. वास्तव में आज बिहार में फिर से ‘जिसकी लाठी उसकी भैंस’ वाली स्थिति कायम हो चुकी है. जनता के जानोमाल की सुरक्षा एक बार फिर से भगवान के भरोसे सुपुर्द हो चुकी है. लेकिन सरकार को गाल बजाने से फुर्सत ही नहीं मिल रही है.

श्री रंजन ने कहा कि सरकार के निकम्मेपन के कारण ही आज बिहार पुलिस की हालत जंगलराज के जमाने वाली हो गयी है. कभी इनके शराब माफियाओं द्वारा पीटे जाने की खबर आती है तो कभी बालू माफियाओं द्वारा. सरकार में बैठे नेताओं के दबाव में इनकी भूमिका केवल शराब सूंघने और गरीबों को पकड़ने तक ही रह गयी है.

राजद-जदयू के नेताओं को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि ठगबंधन के बयान बहादुर नेता जितनी ताकत भाजपा के खिलाफ दुष्प्रचार में लगाते हैं, अगर उसका 10% भी यह जनता के हित में लगा दें तो बिहार की हालत सुधर जायेगी. लेकिन इन्हें ‘परिवार’ के सामने अपना चेहरा चमकाने के अलावा कोई दूसरा कर्तव्य नजर ही नहीं आता.

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