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विशेष मतदाता पुनरीक्षण के दौरान 3 लाख लोगों को नोटिस, नागरिकता और दस्तावेज को लेकर बढ़ी चिंता

किशनगंज,01सितंबर(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह/फरीद अहमद, बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के तहत बड़ी संख्या में मतदाताओं को पहचान से जुड़ी विसंगतियों के आधार पर नोटिस भेजे गए हैं। निर्वाचन कार्यालय के अनुसार, बिहार में अब तक करीब 3 लाख मतदाताओं को दस्तावेजों की जांच और सत्यापन के लिए नोटिस जारी किए जा चुके हैं।

इस प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाता सूची को शुद्ध करना है, लेकिन इससे कई आम नागरिकों की नागरिकता पर सवाल खड़े हो गए हैं।

मजदूरी में बाहर गए रतन सिंह को नोटिस

स्थानीय निवासी रतन सिंह को निर्वाचन कार्यालय से नोटिस मिला है। उन्होंने आधार और मतदाता पहचान-पत्र पहले ही जमा कर दिया था, लेकिन वह मजदूरी के सिलसिले में बाहर रहने के कारण निवास प्रमाण पत्र नहीं दे पाए। रतन सिंह के पिता बांग्लादेश से आए थे, लेकिन रतन और उनके सभी भाई-बहन भारत में जन्मे हैं।

नेपाल मूल की मुनिया देवी का मामला भी चर्चा में

मुनिया देवी, जो नेपाल के पाठामारी की रहने वाली हैं, की शादी 2011 में बिहार के किशनगंज जिले के गलगलिया में हुई थी। उनके पास भारत का आधार कार्ड, वोटर आईडी और अन्य दस्तावेज हैं। बावजूद इसके, अधिकारियों द्वारा उनकी मां के दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। उनकी मां पिछले 8 वर्षों से भारत में रह रही हैं और नियमित रूप से मतदान भी करती हैं।

पंचायत स्तर पर भी असमंजस

किशनगंज जिले के ठाकुरगंज प्रखंड अंतर्गत बेसरबाटी पंचायत की मुखिया अनुपम ठाकुर ने बताया कि उनके क्षेत्र में 12 से 13 लोगों को विदेशी नागरिक बताते हुए नोटिस भेजा गया है। मुखिया ने स्पष्ट किया कि ये सभी लोग यहीं के मूल निवासी हैं, हालांकि उनके पूर्वज नेपाल या बांग्लादेश से आकर बसे थे। उन्होंने सरकार से इन सभी लोगों को भारतीय नागरिकता देने की मांग की है।

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