किशनगंज : प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच के लिये जिले में विशेष अभियान संचालित।

प्रथम तिमाही में गर्भवतियों की पहचान व जच्चा-बच्चा की संपूर्ण सुरक्षा अभियान का उद्देश्य।
- नियमित अंतराल पर प्रसव पूर्व जांच से सुरक्षित प्रसव को मिलता है बढ़ावा
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत सोमवार को जिले में गर्भवती महिलाओं की जांच के लिये विशेष अभियान संचालित किया गया। इसे लेकर जिले के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों के साथ-साथ सभी पीएचसी, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, हेल्थ सब सेंटरों पर विशेष इंतजाम किये गये थे।
अभियान से पूर्व ही संबंधित क्षेत्र की आशा, एएनएम व आंगनबाड़ी सेविकाओं की मदद से जागरूकता अभियान संचालित करते हुए गर्भवती महिलाओं को चिह्नित किया गया था। जिला व प्रखंड स्तर पर गठित स्वास्थ्य अधिकारियों की टीम द्वारा अभियान का लगातार निरीक्षण व अनुश्रवण किया गया। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि प्रसव पूर्व जांच यानी एएनसी एंटी नेटल केयर सुरक्षित प्रसव के लिहाज से बेहद जरूरी है। एएनसी जांच जच्चा व बच्चा दोनों की सेहत व सुरक्षा सुनिश्चित करता है। एएनसी जांच के क्रम में मुख्यत: गर्भवती महिलाओं का वजन, ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन, शुगर, एचआईवी सहित पेट में बच्चों की वास्तविक स्थिति व उनके विकास का आकलन किया जाता है।
जो गर्भवस्था से जुड़ी जटिलताओं की पहचान में मददगार होता है। इससे प्रसव संबंधी जटिल मामलों का उचित प्रबंधन आसान होता है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया कि सामान्य व सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं को प्रसव संबंधी किसी तरह की जटितलओं से निजात दिलाना अभियान का उद्देश्य है। इस क्रम में जरूरी जांच करते हुए गर्भवती महिलाओं को आयरन व कैल्सियम की गोली का नियमित सेवन गर्भवस्था व इसके बाद स्वस्थ व संतुलित पौष्टिक आहार के सेवन के लिये जागरूक व प्रेरित किया जाता है। प्रसव के जटिल मामलों को चिह्नित कर उनका लगातार फॉलोअप किया जाता है। ताकि समय रहते इन जटिलताओं का कुशलता पूर्वक प्रबंधन करते हुए जच्चा व बच्चा की सुरक्षा सुनिश्चित करायी जा सके। जिला योजना समन्वयक विश्वजीत कुमार ने बताया कि जिले में मातृत्व शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिये हर स्तर पर जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं। सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उन्होंने प्रसव पूर्व चार जांच को जरूरी बताया। स्वास्थ्य कर्मियों के सामूहिक सहयोग से अभियान के क्रम में चार हजार से अधिक महिलाओं की जांच की बात कही। सदर अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ उर्मिला कुमारी ने बताया कि प्रसव पूर्व जांच का मुख्य उद्देश्य मातृ-शिशु मृत्यु दर के मामलों में कमी लाना है। इसके लिये हर महीने के निर्धारित तिथि को प्रधानमंत्री मातृत्व योजना के तहत गर्भवती महिलाओं की जांच के लिये विशेष अभियान संचालित किया जाता है।
अभियान के क्रम में गर्भवती महिलाओं का वजन, बीपी, एचआईवी, ब्लड शुगर सहित अन्य जरूरी जांच कर उन्हें जरूरी दवा व चिकित्सकीय परामर्श उपलब्ध कराया जाता है। जरूरी जांच से गर्भावस्था से जुड़ी परेशानी का समय पर पता चल जाता है। जो इसे आसानी से दूर करने में मददगार होता है। डॉ उर्मिला कुमारी ने बताया कि गर्भावस्था से संबंधित जोखिम वो है जिससे गर्भवती महिला व गर्भस्थ शिशु के जीवन को खतरा हो। ऐसे मामलों में विशेष निगरानी रखने की जरूरत है। साथ ही विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में प्रसव जरूरी होता है। उचित खान-पान, व्यवस्थित जीवनशैली, किसी तरह के तनाव से दूरी व जरूरी जांच व दवाओं का सेवन प्रसव संबंधी जटिलताओं को प्रबंधित करने के लिहाज से जरूरी है।