ताजा खबर

*साइबर अपराध और मादक पदार्थों की खास पड़ताल के लिए दो इकाई बनी*

– पुलिस महकमें में दो इकाइयों, साइबर सुरक्षा और एंटी नारकोटिक सह प्रोविशन यूनिट का हुआ गठन
– इस प्रस्ताव पर कैबिनेट के स्तर पर लगने जा रही अंतिम मुहर
– राज्य में बढ़ रहा मादक पदार्थों का उपयोग, रसायनिक मादक पदार्थों के प्रति बढ़ी युवाओं की ललक

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/बिहार पुलिस साइबर अपराधों और मादक पदार्थ की तस्करी पर नकेल कसने के लिए व्यापक स्तर पर कवायद करने जा रही है। पुलिस महकमा में दो तरह की इकाइयों का गठन किया गया है। साइबर क्राइम सह साइबर सुरक्षा और स्टेट एंटी नारकोटिक सह मद्य निषेध इकाई तैयार कर ली गई है। इस पर जल्द ही कैबिनेट के स्तर से अंतिम रूप से मुहर लगने जा रही है। इसके बाद यह पूरी तरह से काम करने लग जाएगा। इन दोनों इकाइयों की कमान एडीजी या आईजी रैंक के अधिकारी संभालेंगे। यह जानकारी एडीजी (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन ने सोमवार को पुलिस मुख्यालय के सभागार में आयोजित प्रेस वार्ता में दी।

उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों एवं अवैध हथियारों की तस्करी के जरिए अवैध तरीके से कमाई करने वाले अपराधियों की पहचान की जा रही है। इनकी संपत्ति अंतिम रूप से जब्त करने की प्रक्रिया की जाएगी। अब तक ऐसे 6-7 अपराधियों की पहचान कर ली गई है। इनकी संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू होने जा रही है। एडीजी श्री कृष्णन ने कहा कि बिहार में रसायनिक या ओपियम (अफीम का फल) से बनने वाली मादक पदार्थों का उपयोग सर्वाधिक होता है। कई रसायनिक पदार्थों या दवाओं मसलन कफ सिरप या कुछ चुनिंदा सुइयों का उपयोग नशीले पदार्थ के तौर पर होता है। कई दुकानदार इन दवाओं को बिना किसी डॉक्टरी पुर्जा के भी दे देते हैं।

एडीजी ने कहा कि बिहार में नेपाल, यूपी, उत्तर-पूर्वी राज्यों खासकर मणीपुर से मादक पदार्थों की तस्करी होती है। म्यांमार से भी इसकी तस्करी बड़ी मात्रा में होती है। गया से सटे झारखंड के कुछ इलाकों चतरा, पलामू, कौऔकोल समेत अन्य में अफीम की अवैध तरीके से खेती होती है। इन इलाकों में कार्रवाई करने के लिए मादक निषेध इकाई की भूमिका बेहद अहम होगी। इस इकाई की कार्यशैली एनसीबी (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो) की तर्ज पर होगी। कुछ महत्वपूर्ण मामलों की जांच एनसीबी के साथ मिलकर की जाएगी।

उन्होंने कहा कि मादक पदार्थों की तस्करी में भोजपुर, मोतिहारी (पूर्वी चंपारण) जिले हॉटस्पॉट माने जाते हैं। हाल में आरा में एक बड़े तस्करी की गिरफ्तारी की गई, जिसके पास से एक डायरी मिली है। इसमें एक दर्जन छोटे तस्करों या डीलरों का ब्योरा मिला है। इनकी जांच कर कार्रवाई की जा रही है। एक बैंक खाते में 30 लाख रुपये का लेनदेन भी पकड़ा गया है। उन्होंने कहा कि मादक पदार्थ बेचने वाले छोटे स्थानों झोपड़ी, गुमटी जैसे अन्य स्थानों पर भी कार्रवाई होगी।

एडीजी ने कहा कि साइबर अपराध इकाई को सेंटर ऑफ एक्सिलेंस के तौर पर विकसित किया जाएगा। साइबर अपराधियों को दबोचने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। इसमें एक साइबर लैब भी तैयार किया जाएगा, जिसमें मोबाइल फोन, लैपटॉप समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामानों का विश्लेषण किया जाएगा। इसके लिए कुछ खास पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है।

*पिछले वर्ष से घटे रेप, लूट के मामले*
एडीजी कुंदन कृष्णन ने कहा कि पिछले वर्ष 2024 की तुलना में इस वर्ष अब तक रेप और लूट के मामले कम हुए हैं। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि हत्या के मामलों में थोड़ी बढ़ोतरी हुई है। 2024 में 2205 रेप के मामले हुए थे। पिछले वर्ष मई तक 490 मामले दर्ज किए गए थे। पिछले वर्ष राज्य में प्रति महीने औसतन 104 घटनाएं रेप की सामने आई थी, जो इस वर्ष अब तक हुई घटनाओं के आधार पर घटकर 98 मामले औसतन प्रति महीने सामने आई हैं। पिछले वर्ष हत्या के औसतन 232 मामले प्रति महीने दर्ज किए गए थे। इस वर्ष यह आंकड़ा औसतन 235 प्रति महीने का है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button