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किशनगंज : स्वास्थ्य कार्यक्रमों के सुदृढीकरण के लिए आशा फैसिलिटेटरों का प्रशिक्षण।

सदर अस्पताल में दो बैच में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन।

  • प्रशिक्षक द्वारा 18 बिन्दुओं पर दिया जा रहा है प्रशिक्षण।
  • अपने-अपने क्षेत्र की आशाओं को प्रशिक्षित करेंगी फैसिलिटेटर।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिले में संक्रमण की गति कम होने पर अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों को निरंतर जारी रखने का प्रयास किया जा रहा है। बेहतर और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। इसके लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का क्षमता वर्धन भी किया जा रहा है। इसके तहत आशा फैसिलिटेटरों का सदर अस्पताल सभागार में 06, 07 एवं 08, 09 दिसंबर के बीच दो बैच में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसमें जिला स्वास्थ्य समिति के डीडीए एवं आशा प्रशिक्षक द्वारा स्वास्थ्य कार्यक्रम के अलग-अलग विषयों पर प्रशिक्षित किया जा रहा है । 18 बिन्दुओं पर आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जायेगा। इस प्रशिक्षण में आशा कार्यकर्ता, गतिविधियां, कौशल और परिणाम, आशा फैसलिटेटर की भूमिका, आशा फैसलिटेटर के लिए जरूरी कौशल, सहायक साधन, अश्विन पोर्टल, लाभार्थियों की गणना, गृह भ्रमण जांच सूची, आरोग्य दिवस और कलस्टर बैठक से संबंधित जानकारी जायेगी। डीडीए सुमन सिन्हा ने बताया कि आशा कार्यकर्ता को स्वास्थ्य संबंधी 92 योजनाओं पर कार्य करने का अवसर मिलता है। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद आशा फैसिलिटेटर आशा कार्यकर्ताओं को 2 दिन की ट्रेनिंग देंगी और उन्हें बताएंगी कि उन्हें क्या करना है ? कार्यशाला में बताया गया कि मातृत्व देखभाल कैसे करनी है ? गर्भावस्था के कारण स्वास्थ्य देखभाल के लिए गर्भवती महिलाओं को सलाह देना, घरों में नवजात शिशुओं के पास जाकर शिशुओं की देखभाल करना और स्तनपान के बारे में जानकारी देना आदि कार्य शामिल है। हर हाल में मां को नवजात बच्चों को स्तनपान कराना है। बाहरी दूध बच्चे को नहीं पिलाना है 6 माह तक, अगर बच्चा पैदा लिया है और वजन कम है तो उसकी पहचान कर इलाज के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाने के बारे में जानकारी दी गई। कार्यशाला में कई प्रखंड के आशा फैसिलिटेटर पहुंची हुई थी। जिला स्वास्थ्य समिति के डीडीए सुमन सिन्हा ने बताया कि प्रशिक्षण से लाभ लेकर आशा फैसिलिटेटर अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन बेहतर तरीके से कर सकेंगी। साथ ही, समाज के प्रत्येक व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवा का लाभ पहुंचाएंगी। इसके माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ मिल सकेगा और लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिलना सुनिश्चित होगा। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण सत्र में आशा कार्यकर्ताओं को लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने, महिलाओं को प्रसव पूर्व की तैयारियां, सुरक्षित प्रसव, सुरक्षित गर्भपात, समय से पूर्व जन्मे बच्चे औऱ जन्म के समय कम वजन वाले शिशुओं का कैसे मूल्यांकन किया जाना है, साथ ही होने वाले खतरों से कैसे सुरक्षित करना है आदि के संबंध में वृस्तित जानकारी दी जा रही है। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ मुनाजिम ने बताया कि प्रशिक्षण के माध्यम से आशा फैसिलिटेटरों का क्षमता वर्धन होगा। प्रसव के बाद उनके कार्यों की गहन समझ पैदा होगी। इसके माध्यम से आशा कार्यकर्ताओं को शिशुओं की देखभाल संबंधी जानकारियां, मां को शिशुओं के देखभाल संबंधित जानकारी व परामर्श, नवजात शिशुओं में रक्त संक्रमण की पहचान एवं जांच के साथ स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी जा रही है। उन्हें बताया गया है कि सुरक्षित प्रसव के बाद भी वे गृह भ्रमण कर जच्चा, बच्चा के स्वास्थ्य का पता लगाएंगी, साथ ही किसी तरह की परेशानी होने पर उन्हें अस्पताल लेकर आएंगी, उचित इलाज में सहायता उपलब्ध कराएंगी।

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