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महिला बंदी से गैंगरेप मामले ने एक नया मोड़, महिला बंदी से दुष्कर्म की घटना निकली झूठी, एसएसपी ने सीसीटीवी खंगाला…

एसकेएमसीएच में महिला कैदी के साथ गैंगरेप की घटना सामने आने के बाद बिहार सरकार पर विपक्ष का हमला तेज हो गया।वहीं इस मामले पर बिहार राज्य महिला आयोग ने भी संज्ञान ले लिया है।आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मामले की पूरी जानकारी लेने के लिए सीतामढ़ी जाने का फैसला लिया है।लेकिन उससे पहले इस महिला कैदी से गैंगरेप मामले ने एक नया मोड़ ले लिए है।दरअसल मुजफ्फरपुर एसएसपी मनोज कुमार के आदेश पर सिटी एसपी राकेश कुमार और नगर डीएसपी मुकुल कुमार रंजन ने जांच पड़ताल शुरू की।एसकेएमसीएच पहुंचकर पुलिस अधिकारियों ने घटना के दिन की सारी सीसीटीवी फुटेज खंगाली।साथ ही अस्पताल अधीक्षक सहित कर्मचारियों से इस मामले में पूछताछ की।एसकेएमसीएच के सीसीटीवी फुटेज से यह बात सामने आयी है कि घटना के दिन 14 नवंबर की रात महिला बंदी ने बाथरूम जाने की इच्छा जतायी।उसकी सुरक्षा में तैनात महिला सिपाही उसके पैर से बेड़ी खोल रात करीब 1.24.02 बजे उसे बाथरूम के लिए ले गयीं।जहां मात्र चार मिनट बाद ही 1.27.45 बजे वह बाहर चली आयी।इसके बाद महिला सिपाही ने उसके पैर में बेड़ी लगा कर उसे बेड पर सुला दिया।अस्पताल के कर्मचारियों ने भी पूछताछ में इस तरह की कोई घटना होने की जानकारी होने से इनकार किया है।गौरतलब है कि सीतामढ़ी जिले के इलाजरत महिला बन्दी के साथ 14 नवम्बर की रात शौच जाने के दौरान नशीली दवाओं को सुंघाकर दो युवकों द्वार दुष्कर्म की घटना सामने आई थी।वहीँ 22 नवंबर को जब सीतामढ़ी जेल लौटी तब जेल अधीक्षक को घटना के बारे में जानकारी दी।इसके बाद सीतामढ़ी जेल अधीक्षक द्वारा डुमरा थाना से मुज़फ़्फ़रपुर अहियापुर थाना मामला दर्ज करने का आवेदन भेजा गया।इस मामले में अहियापुर थाना अध्यक्ष ने बताया कि जेल अधीक्षक के आवेदन के आधार पर एफआई आर दर्ज कर अनुसंधान की जा रही है।लेकिन जो सीसीटीवी में तथ्य सामने आये हैं उससे साफ जाहिर है कि महिला बंदी से दुष्कर्म की घटना झूठी है।

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