आज जहानाबाद जिले के मोदनगंज प्रखंड अंतर्गत बीबीएम कालेज ओकरी के संरक्षक उद्योगपति दिवंगत सांसद डॉ महेंद्र प्रसाद उर्फ किंग महेंद्र की प्रतिमा का अनावरण महामहिम राज्यपाल, बिहार सरकार श्री राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने किया।
नवीन कुमार रोशन:-इस अवसर पर कालेज परिसर में स्थापित माता मूलूक रानी देवी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया एवं प्रतिमा अनावरण के बाद आयोजित सभा को संबोधित करते हुए महामहिम राज्यपाल ने बताया कि स्व० महेंद्र प्रसाद जैसे युग पुरूष को समाज हमेशा याद रखता है। महाविद्यालय की स्थापना में स्व० महेंद्र प्रसाद का योगदान हर कोई जानता है। समाज ने जो दिया है उसे समाज को वापस देने की सोच जिनकी होती है, उसे महामानव कहा जाता है. स्व० महेंद्र प्रसाद ऐसे ही महामानव थे जिन्होंने।
महाविद्यालय की स्थापना ऐसे सुदुर ग्रामीण इलाके में किया जहां कोई उच्च शिक्षण संस्थान की कल्पना नहीं कर सकता था, वहां स्व० महेंद्र प्रसाद ने जो मार्ग दिखाया है उस पर चलने की आवश्यकता है। पूरे राज्य में इस तरह के उच्च शिक्षण संस्थानों की स्थापना होनी चाहिए ताकि गांव में रहकर ही उच्च शिक्षा प्रदान किया जा सके। यह दूरदृष्टि स्व० महेंद्र प्रसाद में ही था, जिसके बारे में महामहिम राज्यपाल ने अपने उद्बोधन की शुरूआत सियावर रामचन्द्र की जय के जयकारे के साथ बताया। उन्होंने बताया कि यह गूंज अयोध्या तक जाएगी जहां 22 जनवरी को प्रभु श्रीराम पधार रहे हैं. उन्होंने कहा कि शिक्षा ही समाज को आगे ले जाता है. शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति का निर्माण है, व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र का निर्माण होता है, शिक्षा जब कम होती है तभी हम पीछे होने लगते हैं, जो शिक्षित होते हैं वही समाज में कुछ करने के लिए आगे आते हैं. इस बात को ब्रिटिश आक्रांताओं ने समझा था तभी उसने शिक्षा को समाप्त करने का प्रयास किया था. ब्रिटिशों ने शिक्षा पद्धति को जान-बूझ कर नष्ट करने का प्रयास किया था. आज नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से समाज को शिक्षित किया जा रहा है. शिक्षा के बारे में जागरूकता होती है तब समाज में परिवर्तन आता है. संस्कारयुक्त शिक्षा दिया जा रहा है हमें शिक्षा देने का संकल्प लेकर यहां से जाना होगा और उसे पूरे राज्य में फैलाना होगा।
संबोधन से पूर्व महामहिम राज्यपाल के आगमन पर महाविद्यालय परिसर में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। साथ ही कॉलेज के अध्यक्ष सह अरिस्टो फार्मा के एमडी श्री उमेश शर्मा उर्फ भोला बाबू एवं स्व० महेंद्र प्रसाद के छोटे भाई द्वारा आगत अतिथियों को अंगवस्त्र, पौधा, चांदी की स्मृति चिह्न, राम मंदिर का प्रतीक चिह्न, रामलला की मूर्ति देकर स्वागत किया। कार्यक्रम में कई विश्वविद्यालयों के कुलपति उपस्थित थे।