आज दिनांक- 09 जून, 2021 को बिहार विधान परिषद के सभी नवगठित समितियों के अध्यक्ष एवं संयोजक के साथ माननीय सभापति श्री अवधेश नारायण सिंह ने एक महत्वपूर्ण बैठक की। उक्त बैठक में माननीय सभापति महोदय ने समितियों के कार्य एवं उसके महत्व पर विशेष विचार विमर्श किया।

त्रिलोकी नाथ प्रसाद –उन्होंने सदन में उठाए गए लंबित विषयों को विभिन्न समितियों के माध्यम से निष्पादन में तेजी लाने और उसका वार्षिक प्रतिवेदन सुचारू रूप से सदन में रखने हेतु सभी समिति अध्यक्षों और संयोजको को निर्देशित किया। संसदीय लोकतंत्र में विधायी समितियों की महत्ता पर चर्चा करते हुए उन्होंने समितियों को सदन का लघु रूप की संज्ञा दी। माननीय सभापति महोदय ने समिति के माध्यम से लोकहित के विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों को कार्यान्वित कराने तथा इस संबंध में सरकार को अनुशंसा किये जाने के संबंध में चर्चा की। बैठक में विभिन्न समिति अध्यक्षों ने पुर्नगठित समितियों में उन्हें अध्यक्ष मनोनीत किये जाने पर माननीय सभापति महोदय को धन्यवाद दिया तथा समिति के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण विषयों पर ध्यान आकृष्ट किया। समिति की मर्यादा तथा माननीय सदस्यों के अधिकारों पर चर्चा करते हुए माननीय सदस्य श्री उपेन्द्र कुशवाहा ने समिति के निर्णयों को अनुशंसात्मक रूप में ही लिये जाने की बात कही। माननीय समिति अध्यक्ष श्रीमति निवेदिता सिंह सहित अन्य माननीय सदस्यों ने समिति अध्यक्षों के कक्ष में आवश्यक तकनीकी सुविधाए उपलब्ध कराने हेतु माननीय सभापति महोदय से अनुरोध किया। उक्त बैठक में प्रो. (डा.) राम वचन राय, श्री नीरज कुमार, श्री वीरेन्द्र नारायण यादव, श्री सच्चिदानन्द राय, श्री केदारनाथ पाण्डेय, श्री संजय पासवान, प्रो. (डा.) राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता, श्री रजनीश कुमार, डा. एन. के. यादव, श्री देवेश कुमार, प्रो. गुलाम गौस, श्रीमती निवेदिता सिंह, श्री मो. गुलाम रसूल, श्री राजेश कुमार उर्फ बबलू गुप्ता, डा. संजीव कुमार सिंह, श्री प्रेमचन्द्र मिश्रा, श्री रामबली सिंह, श्री संजीव श्याम सिंह, श्री संतोष कुमार सिंह, डा. मदन मोहन झा, श्री राधाचरण साह, श्री संजय प्रकाश, श्री ललन कुमार सर्राफ, श्री उपेन्द्र कुशवाहा एवं श्री रणविजय कुमार सिंह ने भाग लिया। उक्त बैठक में परिषद् सचिवालय की ओर से कार्यकारी सचिव श्री विनोद कुमार, उप सचिव, श्री दिनेश कुमार, अवर सचिव, श्री ज्ञान प्रकाश एवं श्री विश्वजीत कुमार सिंहा उपस्थित रहे।