कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर 6-8 सप्ताह तक हमला (अटैक) कर सकता है

जितेन्द्र कुमार सिन्हा-विश्व के स्वास्थ्य विशेषज्ञ, चिकित्सक, वैज्ञानिक, वायरोलॉजिस्ट और महामारी विशेषज्ञों ने 3-17 जून के बीच कराए गए सर्वे में, माना है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आएगी। अधिकांश विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर अक्टूबर तक आ जायेगी। लेकिन कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि तीसरी लहर अगस्त तक आयेगी या नवंबर से फरवरी के बीच आ सकती है। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर में बच्चे अधिक जोखिम में होंगे। विशेषज्ञों का अनुमान है कि कोरोना संक्रमण भारत में कम से कम एक वर्ष तक जन स्वास्थ्य के लिए खतरा बनी रहेगी।
भारत में कोरोना की दूसरी लहर मंद पड़ने के साथ ही तीसरी लहर की आशंकाएं और इससे निपटने के लिए तैयारियों ने जोर पकड़ लिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत तीसरी लहर का मुकाबला, दूसरी लहर की अपेक्षा, बेहतर तरीके से करेगा।
भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि अगर भारत में कोविड गाइडलाइंस का पालन नहीं किया जाता है और बाजारों या टूरिस्ट स्पॉट पर लगने वाली भीड़ को नहीं रोका जाता है तो कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर आ सकती है।
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि भारत में कोविड के लिए सरकार द्वारा निर्गत गाइडलाइंस का पालन नही किया जाता है तो संक्रमण की तीसरी लहर 6-8 सप्ताह में यानि अगस्त, 2021 के अंतिम सप्ताह तक हमला (अटैक) कर सकता है।
भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के निदेशक ने बताया कि अनुसंधान (रिसर्च) में ऐसे कोई सबूत अभी तक की नहीं मिले हैं कि कोरोना की तीसरी लहर बड़ों से ज्यादा बच्चों को प्रभावित करेगी।
भारत में अप्रैल-मई महीने के बीच कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर अपनी चरम सीमा (पीक) पर पहुंच गई थी। इस अवधि में पूरे भारत में कोरोना संक्रमण से मृत्यु दर में रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज हुई थी। अधिकांश राज्यों में ऑक्सीजन, दवा और अस्पताल में बिस्तरों की कमी भी देखी गई थी। अब पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमण के मामले घटने शुरू हो गए हैं। भारत के महामारी विशेषज्ञों ने इसी बीच सितंबर-अक्टूबर तक कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका जताई थी।
उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए भारत की ज्यादा से ज्यादा आबादी का वैक्सीनेशन करना होगा। लोगों को कोविड गाइडलाइंस का पालन करना होगा। ऐसे इलाकों की मॉनिटरिंग करनी होगी, जहां कोरोना केस तेजी से बढ़ रहे थे। जहां कोरोना पॉजिटिव मरीज 5% से ज्यादा होंगे वहां कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित करना होगा।
महाराष्ट्र की कोविड टास्क फोर्स ने कोरोना महामारी की समीक्षा बैठक में जानकारी दी कि कोरोना संक्रमण के बेहद खतरनाक वैरिएंट डेल्टा प्लस (AY.1) की वजह से तीसरी लहर महाराष्ट्र में 1-2 महीने के अंदर आने की संभावना है।