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सीयूजे (CUJ) का तीसरा दीक्षा समारोह, तीन छात्रों को राष्ट्रपति ने चांसलर्स मेडल प्रदान कर किया सम्मानित

प्रकृति के बीच स्वर्णरेखा नदी के सानिध्य में शिक्षा प्राप्त करना सीयूजे के विद्यार्थियों के लिए सौभाग्य की बात : राष्ट्रपति


रांची : मौका था सेंट्रल यूनिवर्सिटी आफ झारखंड (CUJ Jharkhand) के तीसरे दीक्षा समारोह का, 28 फरवरी को आयोजन स्थल पर सुबह से ही प्रशासनिक पदाधिकारी, यूनिवर्सिटी प्रशासन और छात्र छात्राओं की चहलकदमी तेज थी। दरअसल, सीयूजे की प्रतिभाओं को सम्मानित करने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का आगमन होना था। चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था के बीच राष्ट्रपति, राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन, केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी का जैसे ही आगमन हुआ, शंखध्वनि से सीयूजे परिसर गूंज उठा। शंख ध्वनि के बीच जहां सीयूजे के कुलपति प्रो. क्षिति भूषण दास के नेतृत्व में अकादमिक जुलूस निकाला गया, इस जुलूस में सभी गणमान्य भी शामिल हुए। जुलूस के सभागार में प्रवेश करने के साथ ही तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत किया गया और राष्ट्रगान से समारोह की शुरूआत की गई।

राष्ट्रपति ने तीन छात्रों सत्र 2021-23 में इंटीग्रेटेड एम-टेक करने वाले शुभम भट्टाचार्या, सत्र 2021-23 में ट्रांसपोर्ट साइंस एंड टेक्नोलाजी से एम-टेक करने वाले उत्पल और सत्र 2022-24 में इनवायरेंटल साइंस से एमएससी करने वाले अभिजीत गांगुली को चांसलर्स मेडल व विभाग का गोल्ड मेडल प्रदान कर सम्मानित किया। राष्ट्रपति ने डिग्री प्राप्त करने वाले सभी छात्र छात्राओं को शुभकामनाएं देते कहा कि सीयूजे परिसर के पास बहती स्वर्णरेखा नदी के पानी पीने मात्र से ही मनुष्य को ज्ञान की प्राप्ति हो जाती है। ऐसी भूमि और नदी के सानिध्य में शिक्षा प्राप्त करना अपने आप में सौभाग्य की बात है। कहा कि आज देश की बेटियां हर क्षेत्र में श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही हैं। प्रत्येक बाधा एवं अवरोध को पार कर वे सफलता प्राप्त कर रहीं है और हमारे समाज के लिए प्रेरणास्रोत के रूप में उभर रही हैं। कहा कि सीयूजे पठन पाठन के कार्य के लिए अच्छा वातावरण प्रदान करने के साथ ही अपने पर्यावरण अनुकूल प्रथाओं से समाज के लिए पर्यावरण संरक्षण का अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करती है। कहा कि हमारे जीवन का लक्ष्य केवल अपने लिए अच्छे जीवन का निर्माण करना ही नहीं बल्कि समाज और देश के निर्माण के लिए भूमिका निभाना भी है। पिछड़े और वंचित वर्ग के हित के लिए हमें हमेशा प्रयासरत रहना चाहिए।

इससे पूर्व सीयूजे के चांसलर प्रो. जय प्रकाश लाल ने छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि छात्रों को जीवन में अकादमिक उन्नति के साथ-साथ नैतिक मूल्यों पर भी ध्यान देना आवश्यक है। कठिन परिश्रम और शिक्षकों के मार्गदर्शन का परिणाम यह है कि सबके चेहरे खिले हैं। हमें इस उत्साह और उर्जा को बरकरार रखते हुए जीवन पथ पर सदैव आगे बढ़ते रहना चाहिए। वहीं कुलपति प्रो. क्षिति भूषण दास ने युनिवर्सिटी की प्रगति रिपोर्ट पेश करते हुए सभी छात्रों को बधाई दी। साथ ही उन्होंने आगत अतिथियों को शाल व मोमेंटो प्रदान कर सम्मानित किया।

राज्यपाल ने शिक्षकों को दी बधाई :
राज्यपाल ने कहा कि मैं उन शिक्षकों को बधाई देता हूं जिनके समर्पण ने युवा दिमागों को भविष्य के नेताओं के रूप में आकार दिया है। उन्होंने सीयूजे के कुलपति द्वारा लिखित पुस्तक परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम का प्रभाव : पूर्वी भारत के स्कूलों का एक अध्ययन…के बारे चर्चा की। परीक्षा पे चर्चा हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक उत्कृष्ट पहल है। इसका उद्देश्य छात्रों से सीधे जुड़ना, उनका मनोबल बढ़ाना और परीक्षाओं से संबंधित चिंताओं को कम करना है, जिसका उद्देश्य बोर्ड परीक्षाओं में बैठने वाले छात्रों के बीच सकारात्मक मानसिकता को बढ़ावा देना है। कहा कि मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि गौरांग चंद्र दास और रविंद्र कुमार नायक द्वारा लिखित पुस्तक द सागा आफ टू स्पिरिचुअल एडवेंचर्स का विमोचन राष्ट्रपति द्वारा किया जाएगा। ये दोनों पुस्तकें जनता के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होंगी। कहा कि मैं अपने सामने जो युवा, उज्ज्वल और प्रसन्न चेहरे देख रहा हूं, वे हमारे राष्ट्र की आशा और ताकत का प्रतिनिधित्व करते हैं। याद रखें कि शिक्षा केवल एक डिग्री नहीं बल्कि जीवन भर चलने वाली गतिविधि है। अपने चुने हुए क्षेत्र के निरंतर विकसित होते परिदृश्य में सीखने, बढ़ने और अनुकूलन करने का हर अवसर छीन लें। किसी भी शैक्षणिक संस्थान के लिए उसके छात्र उसकी सबसे मूल्यवान संपत्ति और ब्रांड एंबेसडर होते हैं। जब ये छात्र सफलता और प्रमुखता प्राप्त करते हैं, तो संस्थान को भी पहचान मिलती है। वहीं मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन ने आश्वासन दिया कि राज्य सरकार सीयूजे के विकास में अपनी भूमिका निभाएगी।

भारतीय परंपरा के अनुसार किया गया आयाेजन :
दीक्षा समारोह की विशेष बात यह भी रही कि संपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन भारतीय परंपरा के अनुसार किया गया। जिसमें सभी डिग्रीधारक एवं अकादमिक परिषद के सदस्य पारंपरिक परिधान में थे। सीयूजे की ओर से सभी डिग्री धारकों एवं अकादमिक परिषद के सदस्यों के लिए पारंपरिक उत्तरीय की व्यवस्था की गई थी। शैक्षणिक शोभा यात्रा भी भारतीय परंपरा के अनुसार शंखनाद के साथ निकाली गई। तीसरे दीक्षा समारोह में वर्ष 2021-2022 के कुल 1539 विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की गई। इनमें कुल 64 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक, तीन विद्यार्थियों को चांसलर्स मेडल से सम्मानित किया गया और 35 शोधार्थियों ने डाक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।

चांसलर्स मेडलिस्टों ने ये कहा :

राष्ट्रपति के हाथों सम्मनित होना मेरे लिए गौरवपूर्ण क्षण था। जियो-इंफार्मेटिक्स में रूचि थी, चांसलर्स व गोल्ड मेडल मिला तो लगा कि परिश्रम साकार रूप ले रही है। फिलहाल पीएचडी कर रहा हूं और शोध के क्षेत्र में करियर बनाउंगा।
: शुभम भट्टाचार्या, चांसलर्स मेडलिस्ट

अपने गुरूजनों के सामने राष्ट्रपति के हाथों चांसलर्स मेडल से सम्मानित होना मेरे जीवन का सबसे यादगार पल बन गया है। साथ ही गोल्ड मेडल मिलने के बाद हौसले बुलंद हैं। फिलहाल चंडीगढ़ प्रशासन के साथ मिलकर कार्य रहा हूं। साथ ही आइईएस में सफल होने के लिए प्रयासरत हूं।
: उत्पल, चांसलर्स मेडलिस्ट

राष्ट्रपति के हाथों चांसलर्स और गोल्ड मेडल से सम्मानित होने के बाद काफी प्रोत्साहन मिला है। पर्यावरण के क्षेत्र में काम करना चाहता हूं। फिलहाल बैंगलुरू स्थित एक कंपनी में प्रबंधक के पद पर कार्यरत हूं। इसी क्षेत्र में अपना करियर बनाउंगा।
: अभिजीत गांगुली, चांसलर्स मेडलिस्ट

गोल्ड मेडलिस्टों ने ये कहा :

अपने शैक्षिक कौशल का उपयोग न केवल अपने करियर को आकार देने के लिए बल्कि समाज की बेहतरी में योगदान देने के लिए भी करना चाहिए। सम्मानित होने के बाद हौसले बुलंद हैं।
: तीर्थंकर घोष, गोल्ड मेडलिस्ट

स्वर्ण पदक मिलने पर मैं अत्यंत गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। यह मेरे संघर्ष और समर्पण का परिणाम है। यह पदक मुझे आगे और अच्छा करने के लिए प्रोत्साहित करता रहेगा।
: जस्सी शर्मा, गोल्ड मेडलिस्ट

एनवायरेंटल साइंस के क्षेत्र में करियर बनाना चाहती हूं। गोल्ड मेडल मिलने के बाद हौसला बढ़ा है। फिलहाल एक निजी कंपनी में कार्यरत हूं।
: प्रियंका कुमारी, गोल्ड मेडलिस्ट

गोल्ड मेडल मिलने के बाद काफी गर्वित हूं। जियोग्राफी जैसे विषय में करियर संवारने की अपार संभावनाएं हैं। फिलहाल पीएचडी कर रही हूं और आगामी दिनों शोध के क्षेत्र में करियर बनाउंगी।
: सूर्यप्रभा दास, गोल्ड मेडलिस्ट

सत्र 2019-21 की छात्रा हूं और हिंदी विषय में गोल्ड मेडल मिला है। पठन पाठन के क्षेत्र में करियर बनाना चाहती हूं। एक जिम्मेदार शिक्षिका बनने का सपना है।
: मुस्कान कुमारी, गोल्ड मेडलिस्ट

सत्र 2016-21 की छात्रा हूं। लाइफ साइंस विषय में गोल्ड मेडल मिला है। फिलहाल हैदराबाद की एक निजी कंपनी में कार्यरत हूं। आगे इसी क्षेत्र में करियर बनाना है।
: सृष्टि स्नेहिल, गोल्ड मेडलिस्ट

सत्र 2020-22 की छात्रा हूं और लाइफ साइंस विषय में गोल्ड मेडल मिला है। फिलहाल राउरकेला में एक निजी कंपनी में कार्यरत हूं। पर्यावरण के क्षेत्र में कुछ अलग करना चाहती हूं।
: वंदिता नायक, गोल्ड मेडलिस्ट

सत्र 2016-21 बैच में इंटीग्रेटेड वाटर इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट का कोर्स पूरा किया। दीक्षा समारोह का हिस्सा बनकर बेहद खुश हूं। यहां से पढ़ाई पूरी करने के बाद डीआइएमटीएस में कार्यरत हूं।
: क्षितिजा कंचन, छात्रा, सीयूजे।

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