गांधी की खंडित प्रतिमा का कोई पुरसाहाल लेने वाला नही , सभी की नजर फोटो खिंचाने पर।…

सुमित कुमार मिश्रा :-एक वक्त था जब गुलाम देश में गांधी के अहिंसा रुपी हथियार से अंग्रेज भी खौफ खाते थे।वक्त बदला, फिजाएं बदली और आजादी मिली । दो अक्टूबर आते ही जहां आमलोगों को महात्मा गांधी की विचारधारा एवं अहिंसा परमो धर्म का नारा याद आने लगता है। वहीं टिकारी अनुमंडल के बुढ़वा महादेव स्थान गांधी चौराहे पर स्थित बापू की प्रतिमा आज उपेक्षा का दंश झेल रहा है। गांधी की प्रतिमा को एक दारूबाज ने अगस्त के माह में 2020 को क्षतिग्रस्त कर दिया था। तिथि नजदीक आते ही शहर में गांधी जयंती मनाने की तैयारी शुरू कर दी जाती है। परंतु इस क्षतिग्रस्त किये गये प्रतिमा को पुन: से ठीक करने का नहीं तो स्थानीय पदाधिकारी ने प्रयास किया और नहीं किसी दल ने किया। हर बार जयंती के दिन गांधी को याद करने की औपचारिकता तथाकथित गांधीवादी करते तो हैं पर गांधी जी की टूटे चश्में की मरम्मत की कोई नहीं सोचता। शायद वे गांधी को समाज में व्याप्त बुरे चीजों को देखने नहीं देना चाहते हैं?
कब हुआ था बापू की प्रतिमा स्थापित
6अक्टूबर 2012 को महात्मा गांधी की इस प्रतिमा की स्थापना गांधी चौक बुढ़वा महादेव स्थान में विधायक डॉ अनिल कुमार के द्वारा शिलान्यास किया गया था इसकी स्थापना में मान्यवर लोग और स्थानीय पदाधिकारी एवं आम लोगों का भी योगदान रहा।
क्या कहते हैं यहां के सामाजिक कार्यकर्ता
जफर बारी अंसारी उर्फ छोटू मियां ने बताया कि मैंने कई बार स्थानीय पदाधिकारी को अवगत कराया लेकिन आज तक किसी के कानों तक यह बात नहीं गई उन्होंने अनुमंडलीय पदाधिकारी से लेकर जिला पदाधिकारी को भी पत्र दिया था लेकिन अभी तक किसी का आश्वासन नहीं आया है और ना ही खंडित प्रतिमा ठीक हो पाया