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किशनगंज : कोरोना की संभावित चौथी लहर की आशंका के बीच मास्क का इस्तेमाल बेहद जरूरी : सिविल सर्जन

मास्क को समय पर बदलना आवश्यक, मास्क का समुचित तरीके से लोग नहीं कर रहे इस्तेमाल।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, देश दुनिया में एक बार फिर कोरोना संक्रमण धीरे धीरे फैलने लगा है। परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय ने भी देश के कई हिस्सों में कोविड संक्रमण के मामले दर्ज किये गये हैं। जिसको देखते हुए सूबे में 18 से ऊपर उम्र के लाभार्थियों के लिये प्रीकॉशनरी डोज देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बुधवार को जानकारी देते हुए बताया कि टीकाकरण अभियान के साथ-साथ जिले में कोविड जांच भी तेज कर दी गई है। साथ ही, उन समूहों के टीकाकरण पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिन्हें इस संक्रमण से ग्रसित होने का जोखिम अधिक है। इसमें बुजुर्ग तथा गंभीर रोगों से ग्रसित लोग शामिल हैं। ऐसी स्थिति में संक्रमण से बचाव के लिए भारत सरकार के गाइडलाइन के अनुसार कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन करना आवश्यक है सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि संक्रमण से बचाव के लिए मास्क का सही तरीके से इस्तेमाल करना जरूरी है। बताया संक्रमण के मामले कम होने से लोग लापरवाह होने लग गए तथा मास्क का नियमित प्रयोग करने से परहेज करने लगे हैं। वहीं कई लोग टीके की दूसरी डोज लेने के बाद निश्चिंत हो गए कि संक्रमण हमें नहीं हो सकता। उन्होंने बताया ऐसा नहीं है टीके की दोनों खुराक लेने के बाद भी मास्क का नियमित प्रयोग करना अनिवार्य है। कोरोना वायरस से बचने के लिए मास्क के इस्तेमाल को सबसे उपयोगी माना गया है।

मास्क पहनने के फायदे :

  • मास्क पहनने पर आप खुद के साथ-साथ दूसरों की भी सुरक्षा करते हैं।
  • भीड़भाड़ वाले जगहों पर जाने से पहले संक्रमण के बचाव के लिए मास्क बेहद जरूरी है।
  • मास्क से कोविड के साथ-साथ टीबी और इन्फ्लूएंजा जैसी अन्य श्वसन संबंधी बीमारियों के प्रसार को रोकने में भी मदद मिलती है।

कोविड-19 मुख्य रूप से श्वसन बूंदों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। जब आप खांसते, छींकते, बात करते हैं तो श्वसन की बूंदें हवा में चली जाती हैं। फिर ये बूंदें आपके आस-पास के लोगों के मुंह या नाक में जा सकती है। मास्क संक्रामक वायरल कणों से युक्त श्वसन बूंदों का प्रसार कम करने में मदद कर सकता है। स्वस्थ व्यक्ति को भी मास्क पहनना चाहिए, क्योंकि कोविड-19 वाले लोग जिनमें कभी भी लक्षण विकसित नहीं हुए वे मास्क ना पहनकर अन्य लोगों में वायरस फैला सकते हैं। यदि आप संक्रमित हैं लेकिन लक्षण नहीं दिख रहे हैं तो मास्क पहनने से आपके आस-पास के लोगों की रक्षा करने में मदद मिलती है।मास्क पहनना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जब आप उन लोगों के साथ घर के अंदर होते हैं, जिनके साथ आप नहीं रहते और जब आप कम से कम 6 फीट अलग रहने में असमर्थ होते हैं। क्योंकि कोविड-19 मुख्य रूप से उन लोगों के बीच फैलता , जो एक-दूसरे के निकट संपर्क में हैं। कपड़े का मास्क भी आपको कुछ सुरक्षा प्रदान करता है।

ऐसे बदलावों को देखते ही बदलें अपना मास्क :

मास्क लगाए हैं और यदि अपने मास्क में इनमें से कोई भी परिवर्तन देखते हैं, तो इसका उपयोग बंद कर देना चाहिए। यदि आपका मास्क गीला हो गया हो, मास्क पसीने से भीग गया हो, मास्क पर धूलकण जम गए हों, मास्क आपके चेहरे पर ठीक से फिट नहीं बैठ रहा हो, आपके मास्क का इलास्टिक खराब हो गया हो।

स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है प्रीकॉशनरी डोज :

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. देवेन्द्र कुमार ने बताया, प्रीकॉशनरी डोज के तहत वही वैक्सीन दी जाती जो पूर्व में लगायी गयी है। कोविन पोर्टल से मोबाइल फोन पर मैसेज भी भेजा जाता है। ताकि लाभार्थियों को अपने तीसरे डोज का समय पता चल सके। अमूमन प्रीकॉशन डोज दूसरी खुराक के नौ माह पूरे होने पर दिये जाते हैं। शोध के मुताबिक ओमिक्रॉन के खिलाफ लड़ाई में दो डोज कम हैं। इसके लिए प्रीकॉशनरी डोज से अधिक सुरक्षा मिलती है। प्रीकॉशनरी डोज के बाद कोविड के लक्षण के खिलाफ 75 प्रतिशत तक की सुरक्षा देखी गयी है। जिले के सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर प्रीकॉशनरी डोज उपलब्ध है। जहां इच्छुक लाभार्थी अपना निर्धारित डोज ले सकते हैं।

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