लोक जनशक्ति पार्टी-(रामविलास) के अनुसूचित जाति/जनजाति प्रकोष्ठ द्वारा पटना के स्थानीय श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में अभिनंदन समारोह सह समीक्षा बैठक कार्यक्रम आयोजित की गई।
मुकेश कुमार /उक्त कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन लोजपा रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह केंद्रीय मंत्री श्री चिराग पासवान जी ने दीप प्रज्वलित कर किये। उक्त अवसर पर श्री चिराग ने संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर जी और पार्टी के संस्थापक दिवंगत नेता पद्म भूषण स्वर्ग रामविलास पासवान जी के तैलचित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
उक्त कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री चिराग ने कहां की जब तक रगों में मेरे खून है तब तक आप सबों की लड़ाई हम लड़ते रहेंगे आज भी दलितों के बांटने को बांटने का षड्यंत्र किया जा रहा है इसे हमेशा सावधान रहने की आवश्यकता है अगर हम आपस में बट जाएंगे तो हमारा वजूद खत्म हो जाएगा पार्टी के संस्थापक दिवंगत नेता पद्म भूषण स्वर्गीय रामविलास पासवान जी लगातार दलितों वंचितों और गरीबों की लड़ाई लड़ते रहे यह पार्टी उन्हें के नीतियों और सिद्धांतों पर चलने वाली पार्टी है आपको याद होगा संविधान के पश्चात सरकारों ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जो संविधान निर्माता थे उनकी एक प्रतिमा तक संसद में लगने के लिए संघर्ष करने को मजबूर कर दिया तब हमारे नेता और पिता ने संसद के सेंट्रल हॉल में उनकी प्रतिमा लगाने का प्रयास किया और उन्हीं के प्रयास से संसद में उनके तेल क्षेत्र स्थापित की गई उसे समय की सरकारों ने जगह न होने का हवाला दिया था यह अपने आप में दर्शाता है कि दलितों के प्रति उनकी सोच क्या थी आज भी समाज में जिस तरह से भेदभाव का माहौल है आज भी दलित आईपीएस को घोड़ी चढ़ने से रोका जाता है और घोड़ी चढ़ने के लिए उन्हें सरकार से सुरक्षा मांगनी पड़ती है एक समय था जब दलितों को गांव से बाहर रखा जाता था और उनके गार्डन में घुंघरू बांध दिए जाते थे आज भी समझ में बहुत ज्यादा बदलाव नहीं हुआ है छुआछूत का भेदभाव इस तरह बदल तो जारी है इसलिए आज भी आज आरक्षण प्रासंगिक है जब न्यायालय ने क्रीमी लेयर की बात की तो मैं मजबूती से उसका विरोध किया श्री चिराग ने कहा कि आपको यकीन दिलाता हूं कि जब तक मेरे रगों में खून है तब तक आपका हक हुकूक की लड़ाई लड़ता रहूंगा आपको यकीन दिलाता हूं कि मैं रामविलास पासवान जी के खून मेरे रगों में है ना तो डरूंगा और ना झुकूंगा डरता किसी से नहीं । इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे परशुराम पासवान ने राजनीतिक प्रस्ताव पारित किया ।
पार्टी के संस्थापक माननीय पद्मभूषण रामविलास पासवान जी के गरीबों, दलितों, पिछड़ों, अतिपिछड़ों और अल्पसंख्यकों के प्रति चिंतन उनके ’पावर टू द पुअर और विशेष अवसर के सिद्धांत और राष्ट्रव्यापी दलित सेना के जो सामाजिक और सांस्कृतिक आन्दोलन का वाहक था के संगठन शक्ति के आधार पर लोक जनशक्ति पार्टी का गठन हुआ था। 2005 के पहले विधानसभा चुनाव में हम सबों के नेता माननीय पद्मभूषण रामविलास पासवान जी ने पार्टी के गरीब कार्यकर्ताओं को चुनाव में उम्मीदवार बनाया था। उम्मीदवारों को 5 से 10 लाख रूपये चुनाव लड़ने के लिए दिया गया था, परिणाम स्वरूप 2005 के विधानसभा चुनाव में पार्टी 29 सीटे जीतकर सत्ता का केन्द्र बना था। समय और परिवेश बदला हमारे नेता और माननीय पद्मभूषण रामविलास पासवान आज नही है। आज हम लोगों के नेता चमत्कारी पुरुष भारत सरकार के केन्द्रीय मंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय चिराग पासवान है। हम चाहते हैं की पार्टी पुरानी नींव नया निर्माण की ओर अग्रसर हो। कार्यकर्ताउन्मुखी पार्टी हो। अपने बल-बूते पर नया कीर्तिमान स्थापित करें।
इस अवसर पर आज का यह दलित सम्मेलन देश के दलितों के दशा और दिशा पर चिंतन करते हुए, चिराग पासवान के प्रयासों का सराहना करती है। सर्वोच्च न्यायालय के उस फैसले जिसमें दलितों में क्रिमिलेयर की चर्चा की गई के विरोध में समग्र दलित हितों के लिए संसद और सरकार में संघर्ष कर अनुसूचित जाति और जनजाति के हितों की रक्षा किया।
देश के अनेकों हिस्सों में आज भी दलितों का दोहन होता है अत्याचार और जुल्म की घटनाओं का शिकार बनाया जाता है। हमारे नेता पद्मभूषण रामविलास पासवान के प्रयासों से देश में अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण कानून बनाया गया। माननीय नेता का कहना था अपने घर से सम्मान और अधिकार देना शुरू करों तो बाहर के लोग सम्मान देंगे। इसीलिए पार्टी में नियम बनाया गया था, जिलों में कार्यक्रम होगा तो पार्टी का जिलाध्यक्ष कार्यक्रम की अध्यक्षता करें तो संचालन दलित सेना के अध्यक्ष करते थे। आज भी इस नियम का पालन पार्टी को करना चाहिए क्योंकि आज भी एससी/एसटी प्रकोष्ठ के लोगों को पार्टी के कार्यक्रमों में कही ठेल कर हटा दिया जाता है तो कही मंच से धक्का देकर उतार दिया जाता है। जबकि पार्टी का आधार एससी/एसटी ही है।
हमारे नेता माननीय चिराग पासवान एससी/एसटी के हितों के रक्षक है। सम्पूर्ण हितों की रक्षा तभी होगा, जब हमारे आरक्षण के सवाल को संविधान के नौंवी अनुसूची में शामिल किया जायेगा।
मुख्य मांग 1 अनुसूचित जाति/जनजाति के आरक्षण के अधिकार को संविधान के नौवीं अनुसूची में शामिल किया जायें। 2 प्राईवेट सेक्टर में आरक्षण लागू हो। 3 न्यायधीशों की नियुक्ति में आरक्षण के नियमां का पालन हो। 4 चौकीदारों के नियुक्ति में पासवान जाति को पूर्ण आरक्षण दो। 5 पूनापैक्ट पर पुर्नविचार। इन मांगों के समर्थन में एससी/एसटी प्रकोष्ठ नवम्बर महिने से निरंतर संघर्ष चलायेंगी।