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किशनगंज : हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के सफल संचालन को लेकर जन-आरोग्य समिति में स्थानीय मुखिया की भूमिका महत्वपूर्ण: सिविल सर्जन

जन-आरोग्य समिति के माध्यम से दी जा रही हैं सभी तरह की सुविधाएं

किशनगंज, 12 जून (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, आयुष्मान भारत के तहत जिले में संचालित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स (एचडब्ल्यूसी) को और भी सुदृढ़ किया जा रहा है। ताकि, एचडब्ल्यूसी क्षेत्रान्तर्गत सभी लाभार्थियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिल सके। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने नई पहल की है। जिसमें एचडब्ल्यूसी पर आयुष्मान भारत-जन आरोग्य समिति का गठन किया जाना है। जिसमें स्थानीय पंचायतों के जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों को जोड़कर सुविधाओं के अंतर्गत आने वाली समस्याओं को उठाया जाएगा और उनका निष्पादन पंचायत स्तर से कराने की कवायद की जाएगी। सिविल सर्जन डा० कौशल किशोर ने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत के मुखिया किसी भी तरह के कार्यक्रम या आयोजनों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। क्योंकि स्थानीय स्तर के ग्रामीणों की उम्मीदें एवं अपेक्षा उनसे जुड़ी हुई होती हैं।स्थानीय लोगों के स्वस्थ व सेहतमंद जिंदगी उपलब्ध कराना जनप्रतिनिधियों के महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों में से एक है। जिला योजना समन्वयक विश्वजीत कुमार ने बताया कि आयुष्मान भारत जन आरोग्य समिति में कुल 9 सदस्यों को शामिल करना है। जिसमें पंचायत के मुखिया अध्यक्ष होंगे। वहीं, सेंटर के सीएचओ को सचिव, वरिष्ठ एएनएम को उप सचिव बनाया जायेगा। सदस्य के रूप में संबंधित स्वास्थ्य उपकेन्द्र के पोषक क्षेत्र अन्तर्गत आने वाले सभी वीएचएसएनसी के सचिव, संबंधित स्वास्थ्य उपकेन्द्र के कार्यक्षेत्र की एक आशा फैसिलिटेटर, संबंधित स्वास्थ्य उपकेन्द्र के कार्यक्षेत्र की आईसीडीएस की एक लेडी सुपरवाइजर, संबंधित स्वास्थ्य उपकेन्द्र के कार्यक्षेत्र अन्तर्गत प्रत्येक पंचायत से एक जीविका स्वयं सहायता समूह की अध्यक्षा या प्रतिनिधि, संबंधित स्वास्थ्य उपकेन्द्र के कार्यक्षेत्र अन्तर्गत एक सरकारी स्कूल का आयुष्मान भारत स्कूल का हेल्थ एंड वेलनेस एम्बेसडर व स्वास्थ्य एवं पोषण विषयों पर कार्य कर रहे एक गैर सरकारी संगठन के प्रतिनिधि को जोड़ा जाएगा। सिविल सर्जन ने बताया कि जन आरोग्य समिति को गुणवत्तापूर्ण विस्तारित प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुनिश्चित करने में सहयोग प्रदान करना है। सेंटर के भवन, उपकरणों के साफ-सफाई के साथ उनका रख-रखाव और सुरक्षा सुनिश्चित कराना। परिसर के दुरुपयोग को रोकना। अनटाइड फंड के प्रबंधन एवं उसका बेहतर उपयोग करना। समुदाय स्पर पर स्वास्थ्य एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कार्यक्रमों, गतिविधियों एवं आउटरीच पर उपलब्ध सेवाओं में सुधार के लिए वीएचएसएनडी के माध्यम से सामुदायिक कार्रवाई को नेतृत्व प्रदान करना व गैर सरकारी संगठनों से संसाधानों को जुटाने के साथ सीएसआर फंड की निधियों के माध्यम से सेंटर पर सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाना है। साथ ही, सेवाओं और सुविधाओं का प्रचार प्रसार कराना। स्वास्थ्य योजना बनाने में क्षेत्र की ग्राम पंचायतों को सुविधा और सहायता प्रदान करना। सेंटर पर उपलब्ध सेवाओं की सूची सिटीजन चार्टर के रूप में प्रदर्शित कराना। सेटर में सुरक्षित पेयजल, गुणवत्ता वाले आहार, कूड़े मुक्त परिसर, स्वच्छ शौचालय, साफ सादर, सुव्यवस्थित प्रतीक्षा क्षेत्र, अच्छी सुरक्षा बायोमेडिकल अपशिष्ट व नियमित अपशिष्ठ निपटान और परिसर का स्वच्छ रखरखाव सुनिश्चित करना, सूची के अनुसार मेडिसिन व डायग्नोस्टिक सेंटर पर उपलब्ध कराना, लाभुकों के अनुकूल सेंटर के कर्मचारियों में बेहतर व्यवहार की संस्कृति व जवाबदेही के प्रति निरंतर उन्मुखीकरण करना। यह सुनिश्चित करना कि सेंटर में स्वास्थ्य सेवा के लिए कोई फीस या शुल्क नहीं लिया जाए। सक्रिय प्रयास और नियमित फॉलोअप द्वारा यह सुनिश्चित करना कि समुदाय के गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को सेंटर में स्वास्थ्य सेवा का लाभ उठाने में कोई बाधा ना आए और कोई भी सेवाओं से वंचित न रहे। विभिन्न महिला समूह के माध्यम से महिलाओं और किशोरियों में लैंगिक समानता और उनके स्वास्थ्य के मुद्दों को बढ़ावा देने के लिए उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना। डिजिटल मीडिया प्लेटफार्म का उपयोग करते हुए सरकारी योजनाओं के अंतर्गत सेवाओं और अधिकारों के संबंध में समुदाय को जागरूक करना। गुणवत्तापूर्ण सेवाओं की उपलब्धता के लिए शिकायत निवारण मंच के रूप में कार्य करना। सिविल सर्जन डा० कौशल किशोर ने कहा कि स्थानीय पंचायत जनप्रतिनिधि अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों का नियमित रूप से निरीक्षण कर मूलभूत अधिकारों एवं समस्याओं का निराकरण करने में अपनी भूमिका निभा सकते हैं। स्थानीय स्तर के अस्पताल का भवन एवं चाहरदिवारी निर्माण सहित अन्य आवश्यक रूप से सहयोग करने के अलावा पंचायत विकास मद में उपलब्ध राशि खर्च करने के लिए सभी मुखिया को जागरूक होने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि जनप्रतिनिधियों के उचित सहयोग के बिना स्वस्थ एवं समृद्ध ज़िले की कल्पना नहीं की जा सकती है। स्थानीय स्तर पर कार्यरत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को होने वाली समस्याओं से अवगत होने के बाद दूर करने का प्रयास करें तो कई तरह की समस्याओं का समाधान संभव हो सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में जनप्रतिनिधियों की सजगता से सामुदायिक स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी में महत्वपूर्ण भागीदारी सुनिश्चित कर सकते हैं। ज़िले में फिलहाल 120 जन-आरोग्य समिति के लक्ष्य के आलोक में 36 का निर्माण हो सका है। माह जून के अंत तक 100 प्रतिशत समिति का निर्माण किया जायेगा। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के माध्यम से लगभग 12 तरह की स्वास्थ्य सेवाएं स्थानीय ग्रामीणों को उपलब्ध कराई जा रही हैं।

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