किशनगंज : डीएम की अध्यक्षता में हुई सामेकित बाल विकास परियोजना की समीक्षा बैठक।

पोषण अभियान अंतर्गत पोषण ट्रैकर डैशबोर्ड में शतप्रतिशत लाभार्थियों के इंट्री करना आवश्यक : डीएम
- आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चो की उपस्थिति शत प्रतिशत करना अनिवार्य।
- आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों के कुपोषण जांच, प्री स्कूलिंग, पोषाहार वितरण हेतु नियमानुसार कार्य करने का निर्देश।
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, समेकित बाल विकास परियोजना (आईसीडीएस) विश्व में नवजात शिशुओं से लेकर 6 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं व स्तनपान कराने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य, पोषण एवं शैक्षणिक सेवाओं को लेकर संचालित अनूठे कार्यक्रमों में से एक है। स्वास्थ्य जांच के अंतर्गत छह वर्ष से कम आयु के बच्चों की स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी, प्रसव-पूर्व देखरेख और धात्री माताओं की प्रसव के बाद देखरेख आदि शामिल हैं।
डीएम श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में समाहरणालय सभा कक्ष में आयोजित आईसीडीएस की समीक्षा बैठक में यह बातें कही गई। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी सुमन सिन्हा, ज़िला कार्यक्रम समन्वयक शाहबाज आलम, पोषण अभियान के जिला समन्वयक मंजूर आलम, जिले के सभी प्रखंडों की सीडीपीओ एवं महिला पर्यवेक्षिका मौजूद थे। समेकित बाल विकास परियोजना की समीक्षा में डीएम के द्वारा पोषण ट्रैकर एप्लिकेशन में पोषाहार, टीएचआर वितरण की स्थिति, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी एवं महिला पर्यवेक्षिका द्वारा आंगनबाड़ी क्षेत्र का निरीक्षण, जिला स्तरीय पदाधिकारियों द्वारा आंगनवाड़ी केंद्र निरीक्षण, भवन निर्माण, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, पोषण अभियान, न्यायालयवाद की गहन समीक्षा की गयी।
इसके उपरांत निर्देश दिया गया कि आईसीडीएस द्वारा चलाई जा रही सभी आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चों के कुपोषण जांच, प्री स्कूलिंग, पोषाहार वितरण हेतु नियमानुसार कार्य करने का निर्देश दिया गया। कन्या उत्थान योजना का लाभ अधिक से अधिक परिवार को दिलवाने हेतु मोबलाइज करने का निर्देश दिया गया। पोषण अभियान अंतर्गत पोषण ट्रैकर डैशबोर्ड में लाभार्थियों के इंट्री की गहन समीक्षा की गई। अगले बैठक से पहले सभी योग्य लाभार्थियों की इंट्री करते हुए टीएचआर वितरण की इंट्री प्रत्येक माह शत प्रतिशत करने का निर्देश सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी को दिया गया। मातृत्व वंदना योजना के ज़िला कार्यक्रम समन्वयक शाहबाज आलम ने बताया गर्भावस्था, प्रसव और स्तनपान के दौरान महिलाओं को जागरूक करना और जच्चा-बच्चा देखभाल तथा संस्थागत सेवा के उपयोग को बढ़ावा देना होता है। महिलाओं को पहले छह महीने तक के लिए स्तनपान के साथ-साथ पोषण प्रथाओं का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करना एवं गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताओं को बेहतर तरीक़े से स्वास्थ्य और पोषण के लिए प्रोत्साहन राशि प्रदान करना है। वहीं पीएमएमवीवाई के लिए आवेदन करने के समय आवेदनकर्ता के आधार कार्ड की फोटोकॉपी, आधार नहीं होने पर अन्य पहचान संबंधी विकल्प, राष्ट्रीयकृत बैंक या पोस्ट ऑफिस के खाता की पासबुक, सरकारी अस्पताल द्वारा निर्गत स्वास्थ्य कार्ड, सरकारी विभाग, कंपनी, संस्थान से जारी कर्मचारी पहचान पत्र जमा करना अनिवार्य रूप से जरूरी है। बैठक में जिलाधिकारी ने सभी आंगनाबड़ी केंद्रों पर 0 से 6 साल के बच्चों की लंबाई, वजन की जांच करते हुए इसे पोषण ट्रैकर एप पर अपलोड करने का निर्देश दिया।
डीएम ने परियोजना अंतर्गत क्रियान्वित कार्य जैसे एमपीआर, बाल विकास परियोजना पदाधिकारी एवं महिला पर्यवेक्षिका द्वारा केंद्र निरीक्षण, जिला स्तरीय पदाधिकारियों द्वारा आंगनवाड़ी केंद्र निरीक्षण के कार्रवाई, भवन निर्माण, केंद्र के लिए भूमि उपलब्धता, परियोजना कर्यालय में बायोमेट्रिक में उपस्थिति की स्थिति, न्यायालय वाद की स्थिति पर समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना अंतर्गत सभी परियोजनाओं में पिछले माह की तुलना में संतोषप्रद पाया गया।