प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम एक केन्द्र प्रायोजित योजना एवं क्षेत्र विकास कार्यक्रम है, जिसके अंतर्गत चिह्नित क्षेत्रों में सामुदायिक अवसंरचना एवं बुनियादी सुविधिाओं का निर्माण किया जाना है।

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में ऐसी परियोजनाओं से सामुदायिक अवसंरचना एवं बुनियादी सुविधाओं का लाभ मिलेगा और लोगों का जीवन स्तर उन्नत होगा। इसके तहत शिक्षा, स्वास्थ्य एवं कौशल विकास से संबंधित परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जानी है तथा महिलाओं और लड़कियों के लिए परिसंपत्तियों/सुविधाओं के निर्माण पर 33-40 प्रतिशत राशि व्यय की जानी है।
जिलाधिकारी, पटना की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम की संशोधित मार्गदर्शिका के तहत चयन-योग्य प्राथमिकता क्षेत्र की परियोजनाओं पर विचार किया गया। इसमें निम्नांकित क्षेत्र शामिल है:
स्वास्थ्य-अस्पताल, अस्पताल में अतिरिक्त सुविधाएं, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, स्वास्थ्य उप केन्द्र, जाँच केन्द्र, पोषण पुर्नवास केन्द्र, वेलनेस सेंटर, आयुष डिस्पेंशनरी एवं अस्पताल इत्यादि
शिक्षा-विद्यालय, अतिरिक्त वर्ग कक्ष, कम्प्यूटर साक्षरता केन्द्र, विज्ञान प्रयोगशाला, शिक्षण संस्थानों में पेयजल एवं स्वच्छता तथा शौचालय एवं आधारभूत सहयोगी अधःसंरचनाएं मेडिकल कॉलेज, डिग्री कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज, कृषि महाविद्यालय इत्यादि का निर्माण
कौशल विकास-कौशल विकास केन्द्र, पॉलीटेकनिक/आई०टी०आई०, हुनर हब इत्यादि
खेल-स्टेडियम, मिनी-स्टेडियम, खेल के मैदान का विकास इत्यादि
पेयजल-शहरी क्षेत्र में नल का जल की परियोजनाएं इत्यादि
• स्वच्छता-सामुदायिक शौचालयों का निर्माण
• सौर ऊर्जा-सोलर पैनल का अधिष्ठापन
• महिला केंन्द्रित प्रोजेक्टस- कार्यशील महिला छात्रावास, बालिका विद्यालय (आवासीय विद्यालय सहित), बालिका महाविद्यालय, बालिका छात्रावास/बालिका पॉलीटेकनिक/आई०टी०आई०, मैटरनिटी वार्ड इत्यादि
परियोजनाओं की लागत के अनुसार तीन प्रकार की परियोजनाओं का उल्लेख है:-
• क-लघु परियोजनाएं (पचास लाख रूपये तक),
• ख-मध्यम परियोजनाएं (पचास लाख रूपये से दस करोड़ रूपये तक),
• ग- (दस करोड़ रूपये से अधिक)
4. योजना का क्रियान्वयन प्रखण्ड स्तरीय समिति (BLC), जिला स्तरीय समिति (DLC)- जिला स्तरीय 15-सूत्री कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति तथा राज्य स्तरीय समिति के माध्यम से अल्पसंख्यक मामले मंत्रालय, भारत सरकार के मार्गदर्शन में किया जाना है।
जिलाधिकारी द्वारा सहायक निदेशक, अल्पसंख्यक कल्याण, पटना को निदेश दिया गया कि अनुमंडल पदाधिकारियों एवं अन्य संबंधित अधिकारियों से संपर्क करते हुए शीघ्र योजनाओं का चयन कर सूची उपलब्ध करायें। उप विकास आयुक्त, पटना को अनुश्रवण करने का निदेश दिया गया।