छठ महापर्व की तैयारी में जुटे व्रती, आज नहाय-खाय के साथ शुरू होगा लोक आस्था का महापर्व….
गुड्डू कुमार सिंह –भोजपुर । लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा की तैयारी में श्रद्धालु आस्था के साथ जुड़ गये है. प्रखण्ड भर में इसकी तैयारी बड़ी ही धूम-धाम से की जा रही है. लोक आस्था का महापर्व छठ का आरंभ 28, नवम्बर यानि शुक्रवार को नहाय खाय के साथ शुरू हो गया।. कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से सप्तमी तक चलने वाला यह चार दिवसीय अनुष्ठान नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया ,इस दिन चने का दाल व् लौकी के सब्जी सेंधा नमक के साथ अरवा चावल खाकर अनुष्ठान की शुरूआत की जायेगी ।यह अनुष्ठान 36 घटे का निर्जला व्रत होता है।. इस साल छठ 28 नवम्बर को नहाय-खाय, 29. नवम्बर को खरना मनाया जाएगा. इसके बाद छठ व्रती 30 नवम्बर को शाम और 31 नवम्बर को सुबह में भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के बाद छठ व्रत का समापन होगा. दूसरे दिन खरना की विधि की जाती है. खरना के दिन व्रती पूरे दिन निर्जला रह शाम होने पर चावल व गुड़ का खीर प्रसाद के रूप में ग्रहण करते है ,तीसरे दिन पूरे दिन उपवास के बाद शाम को भग्वान भास्कर को अर्घ्य दिया जाता है. मान्यता के अनुसार शाम का अर्घ्य के बाद रात में जागरण किया जाता है ,इसमें ब्रती छठी माता के महिमा मे गीत गाती हैं और व्रत कथा भी सुनी जानें की परम्परा है. छठ पर्व के चौथे और अंतिम दिन सुबह सूर्य निकलने से पहले ही घाट पर पहुंच ब्रती उगते सूर्य को अर्घ्य देकर छठ ब्रत पूर्ण करते है. अर्घ्य देने के बाद घाट पर छठ माता से संतान-रक्षा और घर परिवार के सुख-शांति का वर मांगे जाने की परम्परा है इस पूजन के बाद सभी में प्रसाद बांट कर फिर व्रती खुद भी प्रसाद खाकर व्रत खोल लेते हैं.।
छठ गीत से भक्तिमय माहौल:
पिछले कई दिनों से प्रखंड तरारी में छठ का गीत बजने लगे हैं. क्षेत्र के विभिन्न गांवों एवं मुहल्लों में छठी मैया के गीत का धुन बजना शुरू हो चुका है. हर तरफ इसकी गीतों की गूंज सुनाई दे रही है. छठ गीतों में “उग हो सूरज देव भईल अर्घ्य के बेर”, “कांच ही बांस के बहंगीया, केलावा के पात पर उगी ला सूरज देव” सहित अन्य गीतों की आवाज से चारों ओर का माहौल भक्ति मय बना हुआ है.
छठ घाटों की साफ-सफाई में लगे लोग:
वहीं युवा की टोली छठ घाट की साफ-सफाई के साथ घाट को बनाने में लगे है. , वही देव सूर्य मंदिर ,कुरमुरी सूर्य मंदिर ,व बागर सूर्य मंदिर समेत सभी सोननदी, नहर, तालाब सहित अन्य जगहों की सफाई एवं रास्ते का मरम्मती कार्य करने में स्थानीय लोग एव पुजा समिति के कार्यकर्ता जुटे हुए है.,देव व बागर में दूर दराज से लोग अपना मन्नत पूरा करने आते ,जिसके कारण यहा काफी भीड देखी जाती है।