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महिला सशक्तिकरण के नायक माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी का महिलाओं से संवाद उनका सम्मान: अंजुम आरा।..

मुकेश कुमार/जद (यू0) प्रदेश प्रवक्ता श्रीमती अंजुम आरा ने मीडिया में जारी एक बयान में कहा कि राज्य में महिला सशक्तिकरण के नायक माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार का राज्य भर की महिलाओं से सीधा संवाद कार्यक्रम महिलाओं का न सिर्फ सम्मान है, बल्कि महिलाओं के संपूर्ण सशक्तिकरण के उनके संकल्प एवं संवेदनशीलता को स्थापित करता है। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी ने हाशिए पर पड़ी बिहार की करोड़ों बेटियों के सशक्तिकरण के विजन को मिशन के तौर पर लेते हुए अनेकों योजनाओं एवं कार्यक्रमों के माध्यम से उन्हें राजनीतिक, सामाजिक, शैक्षणिक तथा आर्थिक रूप से सशक्त करने का काम किया एवं राज्य में कानून का राज स्थापित किया।
उन्होंने कहा कि आज बिहार की बेटियां राष्ट्रीय पटल पर कीर्तिमान स्थापित कर राज्य का नाम रोशन कर रहीं हैं। उन्होंने साल 2005 में बिहार की सत्ता संभालते ही माननीय मुख्यमंत्री ने महिलाओं के सशक्तिकरण को अपनी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल किया है और सत्ता संभालते ही साल 2006 में उन्होंने पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण देने का काम किया साथ ही साल 2007 में उन्होंने नगर निकायों में महिलाओं के लिए 50 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की।
पार्टी प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि ये माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की सोच ही थी कि उन्होंने महिलाओं को पुलिस भर्ती में 35 फीसदी आरक्षण देने का काम किया जिसका परिणाम ये हुआ कि आज देशभर में महिला पुलिस बलों की तादाद के मुकाबले बिहार में महिला पुलिस बलों में महिलाओं की तादाद सबसे ज्यादा है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए उन्होंने ‘जीविका’ योजना लागू की और आज इस ‘जीविका’ कार्यक्रम की मदद से पूरे राज्य में 10 लाख 50 हजार स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है जिसमें जीविका दीदियों की तादाद 1 करोड़ 31 लाख के करीब है।
उन्होंने कहा कि स्कूली छात्राओं के लिए लिए माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी सरकार की साइकिल योजना, पोशाक योजना, छात्रवृत्ति योजना से आज बडे़ पैमाने पर राज्य में लड़कियां शिक्षित हो रही हैं और उनका आत्मविश्वास बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि ये महिलाओं के प्रति माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार का सम्मान ही था कि उन्होंने महिलाओं की मांग पर साल 2016 में राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू करने का काम किया, जिसका परिणाम है कि आज राज्य के गांवों में घर-घर में खुशहाली है।

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