किशनगंज : टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की सफलता में महत्वपूर्ण है हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की भूमिका, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के माध्यम से टीबी उन्मूलन को लेकर किया जा रहा कारगर प्रयास।

एचडब्ल्यूसी में कार्यरत सीएचओ पर है टीबी मरीजों की देखरेख व इलाज की जिम्मेदारी।
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिले में टीबी रोग को पूर्णत: खत्म करने की कवायद जारी है। 24 मार्च से 15 अप्रैल तक टीबी मरीजो की खोज के लिए सघन अभियान चलाया जा रहा है, वर्ष 2025 तक देश को पूर्णत: टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित है। इसे लेकर विभिन्न स्तरों पर जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं। टीबी उन्मूलन के प्रयासों की पहुंच दूर-दराज के ग्रामीण इलाकों तक सुलभ कराने के उद्देश्य से जिले में टीबी मुक्त भारत एबी एचडब्ल्यूसी अभियान संचालित किया जा रहा है। गौरतलब है कि टीबी उन्मूलन के प्रयासों में अब आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की भूमिका महत्वपूर्ण हो चुकी है। स्वास्थ्य उपकेंद्र व एचडब्ल्यूसी में कार्यरत कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर को क्षेत्र में टीबी उन्मूलन के लिये संचालित गतिविधियों के संचालन, जागरूकता अभियान का संचालन सहित अन्य महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गयी है। ताकि इस अभियान को ज्यादा प्रभावी व कारगर बनाया जा सके।
प्रभावी रूप से हो रहा है टीबी उन्मूलन का प्रयास :
जिला यक्ष्मा रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ देवेंद्र कुमार ने कहा कि जिले में टीबी उन्मूलन के प्रयासों को मजबूती देने के लिये गंभीर प्रयास किये जा रहे हैं। इसे लेकर लगातार जागरूकता संबंधी गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एचडब्ल्यूसी में कार्यरत सीएचओ टीबी उन्मूलन के प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। संबंधित क्षेत्र में बीते पांच साल में जो टीबी के मरीज मिले हैं उनकी सूची सभी सीएचओ को उपलब्ध करायी गयी है। ताकि इन मरीजों का समुचित ध्यान रखा जा सके। क्षेत्र में सीएचओ के माध्यम से टीबी मरीजों के लिये विशेष अभियान संचालित किये जा रहे हैं। टीबी मरीजों के शुरुआती इलाज, काउंसिलिंग सहित उन्हें निक्षय पोषण योजना के तहत प्रति माह सरकार द्वारा उपलब्ध करायी जा रही 500 रुपये सहायता राशि मरीजों को उपलब्ध कराने में सीएचओ को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
सामुदायिक स्तर पर किया जा रहा लोगों को जागरूक :
जिला टीबी समन्वयक अभिनाश कुमार ने बताया कि जिले के सभी सीएचओ व एसटीएस के माध्यम से टीबी उन्मूलन को लेकर अपेक्षित गतिविधियों का संचालन एचडब्ल्यूसी के स्तर पर संचालित किया जा रहा है। जांच में टीबी संक्रमित पाये गये मरीजों की गृह भ्रमण करते हुए उनके सेहत की समुचित निगरानी रखने,
संक्रमित मरीज के परिवार के तमाम सदस्यों का टीबी प्रीवेंटिव थेरेपी की सुविधा उपलब्ध कराने का दायित्व सीएचओ को सौंपी गयी है। ताकि परिवार के किसी अन्य सदस्य को टीबी संक्रमण की चपेट में आने से बचाया जा सके। इसके अलावा सीएचओ संबंधित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की मदद से सामुदायिक स्तर पर लोगों को रोग के प्रति जागरूक करने के लिये विभिन्न गतिविधियों के आयोजन के लिये जिम्मेदार हैं।