ब्रेकिंग न्यूज़भोजपुर

काउप में फूल की बिक्री नही होने से मुरझा गए फूल लगाने वाले कि चेहरा।

गुड्डू कुमार सिंह –गड़हनी भोजपुर कोरोना वायरस को लेकर जारी लॉक डाउन ने फुल कारोबारियों पर पहाड़ टूट गए हैं। ऐसे में फूल की खेती करने वाले माली समुदाय के लोग भुखमरी के कगार पर पहुच गए है ।वही सुदर्शन भगत की कहना है कि धार्मिक स्थलों पर हर रोज मालाएं व फूल चढ़ाए जाते थे। विवाह समारोह में मालाओं की डिमांड रहती थी। बारात के स्वागत से लेकर वरमाला,सुहागरात को रूम सजावट सहित अन्य कार्यों में फूलों की डिमांड रहती थी। कोरोना महामारी ने फूलों की खेती को चौपट कर दिया है। कोरोना के दूसरे लॉकडाउन में फूलों का कारोबार ठप पड़ा है। फूल उत्पादक कृषक मायूस बैठने को मजबूर हैं।वही काउप गांव में फूल की खेती करने वाले माली समुदाय के लोगों ने अपने खेतों में जमकर बवाल काटा तथा मुआवजा की मांग की।काउप गांव निवासी जयराम भगत का कहना है कि 2 एकड़ में गेंदा का फूल लगाए हैं।यह फूल ही जीविका का साधन था। फुल की बिक्री लॉक डाउन में नहीं होने से भुखमरी के कगार पर पहुंच गए। किसनाथ भगत का कहना है कि 10 कट्ठा में फूल लगाए हैं फूल की बिक्री नहीं होने से खेत में ही फेका जा रहा है।सुदर्शन भगत का कहना है कि एक बीघा में खेती किए हैं इसी पर परिवार की जीविका चल रहा था ।फूलपूरा बर्बाद हो गया है।यह सभी लोग इसी फूल पर निर्भर है बताया जाता है कि जय राम भगत 2 एकड़ में,किस नाथ भगत 10 कट्ठा में ,सुदर्शन भगत एक बीघा, मे राजेंद्र भगत 10 कट्ठा में,अदालत भगत डेढ़ एकड़ फूल की खेती किए हैं। बाद में मुखिया प्रतिनिधि ओम नारायण साह ने इनकी बातों को अधिकारियों तक पहुंचाने की बात कही।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button
error: Content is protected !!