किशनगंज : राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निर्देशक ने किया सदर अस्पताल का निरीक्षण।

मिशन 60 दिवस से जुड़ी उपलब्धियों व अस्पताल परिसर में नव निर्माण से जुडी गतिविधियों का जायजा लेना निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य:-कार्यपालक निर्देशक
- सदर अस्पताल में मिशन 60 मोड के तहत संचालित कार्यों का बारीकी से किया मुआयना
किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, स्वास्थ्य सेवाओं में और अधिक सुधार के लिए समर्पण और जिम्मेदारी से काम करें। उक्त बाते राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार के कार्यपालक निर्देशक संजय कुमार सिंह ने शुक्रवार को जिला स्थित सदर अस्पताल के निरीक्षण के क्रम में कही। निरिक्षण के क्रम में जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री भी साथ रहे। कार्यपालक निर्देशक एवं डीएम ने सदर अस्पताल के सभी वार्डों का बारीकी से मुआयना किया।
संबंधित अधिकारियों से उन्होंने वार्ड में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में जरूरी पूछताछ की। साथ ही वरीय स्वास्थ्य अधिकारियों को सुविधाओं की बेहतरी को लेकर जरूरी निर्देश दिये। निरीक्षण के क्रम में कार्यपालक निर्देशक संजय कुमार ने ब्लड बैंक, सीटी स्कैन, लेबर रूम, एसएनसीयू, पीकू वार्ड, ओपीडी, इलाज के लिये आने वाले मरीजों के लिये उपलब्ध बैठने के इंतजाम सहित अस्पताल में उपलब्ध शौचालय व पेयजल संबंधी इंतजाम का जायजा लिया। उन्होंने 108 एम्बुलेंस के साथ ही स्वास्थ्य सेवायें से संचालित कार्य अंतर्गत सीटी स्कैन सुविधा, डायलिसिस सुविधा, उपकरणों के रख-रखाव, डायग्नोस्टिक टेस्ट संबंधित मॉडल निविदा में की जा रही कार्यवाही को भी समय पर करने की बात कही। सेवाओं की बेहतरी व उपलब्धता को प्रभावी व कारगर बनाने को लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग का प्रयास निरंतर जारी रहने की बात सिविल सर्जन ने कही। मौके पर डीआईओ डॉ देवेन्द्र कुमार, अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक डॉ अनवर आलम, डीपीएम डॉ मुनाजिम, डीपीसी विश्वजीत कुमार, अस्पताल प्रबंधक जुल्ले अशरफ सहित विभाग के अन्य वरीय अधिकारी व कर्मी मौजूद थे।
निरीक्षण के उपरांत कार्यपालक निर्देशक संजय कुमार सिंह ने बताया कि मिशन 60 दिवस से जुड़ी उपलब्धियों व अस्पताल परिसर में नव निर्माण से जुडी गतिविधियों का जायजा लेना निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि पूर्व की तुलना में अस्पतालों में उपल्ब्ध चिकित्सकीय सुविधाओं में बहुत हद तक सुधार हुआ है। लेबर रूम व नवजात शिशु देखभाल संबंधी सेवाएं बेहतर हुई हैं। साफ-सफाई पहले से बेहतर जरूर हुई है। लेकिन इस दिशा में अभी बहुत ज्यादा सुधार की जरूरत है। इसे लेकर अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिये गये हैं। इसमें अपेक्षित सुधार नहीं होने पर संबंधित एजेंसी को चेतावनी देते हुए आवश्यक कार्रवाई की बात उन्होंने कही। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने कहा कि चिकित्सकीय सुविधाओं को सहज व सुविधाजनक बनाने के लिये कार्यपालक निर्देशक द्वारा दिये गये निर्देश का जल्द ही शत प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि निरीक्षण के नतीजों पर कार्यपालक निर्देशक ने संतोष जाहिर किया है। जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग सदर अस्पताल में सकारात्मक बदलाव करने को लेकर संकल्पित है। रंग-रोगन के बाद सदर अस्पताल के भवन अंदर से बाहर तक चकाचक हो गए हैं। मरीजों के लिए नई सुविधाएं बहाल की गई हैं। मरीजों व उनके स्वजनों के बैठने के लिए ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक में पर्याप्त जगह की व्यवस्था की गई है। एसएनसीयू में भर्ती शिशु के मां के ठहरने व बैठने की भी व्यवस्था की गयी है। ओपीडी में डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड लगाया गया है। जिसके माध्यम से मरीज एवं उनके स्वजनों को डाक्टर व कर्मी की ड्यूटी की जानकारी मिलती है। इस डिस्प्ले बोर्ड से अन्य कार्यक्रमों की जानकारी भी उन्हें मिल रही है। अस्पताल भवन की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया गया है। अस्पताल परिसर में पार्किंग का भी निर्माण करवाया जाएगा। वार्ड, शौचालय, यूरिनल आदि की मरम्मत की गयी है। अस्पताल परिसर में बागवानी पर भी ध्यान दिया गया है। कई मेडिसनल प्लांट लगाए गए हैं। अस्पताल परिसर में हर सुविधा को बेहतर करने का प्रयास जारी है। डीएम श्रीकांत शास्त्री ने बताया कि सदर अस्पताल में “मे आई हेल्प यू डेस्क” का संचालन, ओपीडी निबंधन काउंटर पर मरीजों की सहायता के लिये हेल्पर का इंतजाम, अस्पताल के प्रतीक्षालय में अनुमानित औसत उपस्थिति के आधार पर लोगों के बैठने का इंतजाम, टेलीविजन, पंखा, स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सहित अन्य जरूरी इंतजाम किये गये हैं।
24 गुणा 7 मोड में रक्त अधिकोष के संचालन, डिस्प्ले के माध्यम से रक्त व कंपोनेंटर की उपलब्धता का सार्वजनिक प्रदर्शन, मेडिकल कचरा प्रबंधन का उचित इंतजाम, अस्पताल संक्रमण समिति का गठन व बायोमेडिकल कचरा प्रबंधन के लिये कर्मियों को प्रशिक्षित करने की योजना को निर्धारित मानक में शामिल किया गया है। अस्पताल भवन में जगह-जगह लगे अग्निशमन सिलेंडर की फिर से फीलिंग करवायी गयी है। मरीज एवं उनके स्वजनों को कोई भी विभाग खोजने में दिक्कत न हो, इसके लिए हर जगह साईनेज बोर्ड लगाए गए हैं। अस्पताल में मिलने वाली सभी चिकित्सा सुविधा मरीजों एवं स्वजनों को ससमय उपलब्ध हो सके, इसके लिए अस्पताल प्रबंधन का लगातर प्रयास जारी है।