किशनगंज : टेढ़ागाछ प्रखंड के सभी पंचायत में पंचायती राज विभाग की योजनाओं का जिलास्तरीय जांच टीम ने एक साथ किया निरीक्षण
डीएम श्रीकांत शास्त्री ने मटियारी पंचायत में क्षेत्र भ्रमण कर राज्य सरकार की क्रियान्वित विभिन्न योजनाओं का किया निरीक्षण
किशनगंज, 12 जुलाई (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, प्रशासनिक व्यवस्था को सुदृढ़ एवम संवेदनशील बनाने के निमित जिलाधिकारी, श्रीकांत शास्त्री ने टेढ़ागाछ प्रखंड के 12 पंचायत में संचालित पंचायती राज विभाग के योजनाओं का निरीक्षण जिला स्तरीय टीम से करवाया है। डीएम ने स्वयं मटियारी पंचायत में भ्रमण कर विभिन्न क्रियान्वित योजनाओं का जायजा लिया। डीएम श्रीकांत शास्त्री ने टेढ़ागाछ के मटियारी पंचायत अंतर्गत औचक निरीक्षण, भ्रमण कर पंचायत में क्रियाशील पंचायती राज विभाग की योजनाओ समेत अन्य योजनाओं यथा नली गली, मनरेगा, विद्यालय आदि का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के क्रम में डीएम पंचायती राज विभाग की योजनाओं का बिंदुवार निरीक्षण किया। मुख्य रूप से योजनाओं को ग्राम सभा से पारित करवाने, मास्टर रोल संधारण, मापी पुस्त, प्राक्कलन अनुरूप कार्य की गुणवत्ता आदि का अवलोकन किया गया है। इसके अतिरिक्त कई विद्यालय, मनरेगा की योजना का भी निरीक्षण किया गया।मध्य विद्यालय, बेलाबाड़ी के निरीक्षण में एमडीएम के तहत बनाए जा रहे खाना को देखकर डीएम ने अच्छे बर्तनों में खाना रखने का निर्देश दिया। विद्यालय में 9 शिक्षक उपस्थित थे। सभी क्लास में पर्याप्त रौशनी, गुणवत्ता पूर्ण पठन पाठन कराने का निर्देश दिया गया। पढ़ाई को लेकर फीडबैक भी लिए। निरीक्षण के दौरान मटियारी पंचायत के विभिन्न वार्ड में पीसीसी सड़क निर्माण, पेवर्स ब्लॉक, नाला निर्माण को बारीकी से देखा गया। कई योजनाओं में त्रुटी पाए जाने पर एजेंसी/संवेदक से राशि की वसूली का निर्देश दिया गया। साथ ही, निर्माणाधीन, अपूर्ण योजना में निर्माण कार्य को शीघ्र पूर्ण करने का निर्देश दिया गया है। इसी प्रकार अन्य 11 पंचायत में जिला स्तरीय प्रशासनिक अधिकारियों के नेतृत्व में गठित जांच टीम ने निरीक्षण किया गया। तदनुसार निरीक्षण प्रतिवेदन के आधार पर कार्रवाई अपेक्षित है। मुख्य रूप से पंचायती राज विभाग की योजनाओं यथा नवनिर्मित छठ घाट, सड़क में पेवर्स ब्लॉक, सड़क निर्माण, शौचालय, नाला निर्माण आदि का निरीक्षण किया गया। ज्ञातव्य हो कि स्वयं डीएम के द्वारा क्षेत्र भ्रमण कर योजनाओं का निरीक्षण करते हुए उसकी प्रभाविकता का अनुश्रवण लगातार किया जा रहा हैं। गठित टीम में प्रशासनिक अधिकारियों के साथ एक तकनीकी पदाधिकारी (अभियंता) और संबंधित पंचायत के तकनीकी सहायक-सह-कनीय अभियंता को रखा गया है।