जलवायु और प्रकृति के नष्ट होना मानव जाति के लिए खतरा -श्री कुमार सर्वजीत।

त्रिलोकी नाथ प्रसाद:-माननीय मंत्री, कृषि विभाग, बिहार श्री कुमार सर्वजीत द्वारा आज बामेती के सभागार में प्रधानमंत्री कृृषि सिंचाई योजना-2.0 के अंतर्गत जलछाजन परियोजना क्षेत्र के मुखिया, जलछाजन सचिव, सहायक निदेशक, भूमि संरक्षण के लिए आयोजित एक दिवसीय क्षमता संवर्द्धन प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया।
माननीय मंत्री ने कहा कि जलवायु और प्रकृति के नष्ट होना मानव जाति के लिए खतरा है। पानी का जल स्तर काफी घटता जा रहा है, जिससे भविष्य में पानी का संकट बहुत जटिल होने वाला है। जल छाजन के द्वारा इसका संरक्षण किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मुखिया जी का नैतिक कर्तव्य है कि वे अपने क्षेत्र में जल छाजन योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित कर पर्यावरण/जलवायु को बचाने में अपना योगदान दें। नहर-आहर, तालाब आदि का संरक्षण कृषि कार्य हेतु अति आवश्यक है। उन्होंने जल छाजन वाले क्षेत्रोें में नलकूप योजना को प्रत्येक पंचायत में क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का आग्रह किया तथा अधिकारियों को जल छाजन से संबंधित सभी निर्माणाधीन कार्य पंचायत के लोगांे के द्वारा ही कराने का निदेश दिया।
उन्होंने कहा कि इस योजना के अंतर्गत जलछाजन विकास की योजना जलछाजन समिति के माध्यम से क्रियान्वित की जाती है। जलछाजन समिति के कुल 11 सदस्य के अध्यक्ष संबधित पंचायत के मुखिया होते हंै। जलछाजन समिति के योजना कार्यान्वयन में मदद हेतु जलछाजन सचिव तथा 04 डब्ल्यू॰डी॰टी॰ का एक दल सम्मिलित होते हैं। मुखिया जी को सौंपे गये दायित्व के तहत संयुक्त हस्ताक्षरकर्ता के रूप में लोक भागीदारी सुनिश्चित करना है। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद््ेश्य जलछाजन क्षेत्र में पड़ने वाले प्राकृृतिक संसाधनों का प्रबंधन है। मिट््टी के उर्वरा शक्ति एवं फसलों का उत्पादकता बढ़ाने के साथ ही, ग्रामीण बेरोजगारों को जीविका का स्रोत विकसित करने का प्रयास इस योजना के तहत किया जाता है।
इस कार्यशाला में निदेशक, भूमि सरंक्षण-सह-मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी, बिहार जल छाजन विकास सोसाईटी श्री बैंकटेश नारायण सिंह, निदेशक बामेती श्री आभांशु सी0 जैन, संयुक्त निदेशक (कृृषि अभियंत्रण), भूमि संरक्षण श्री रवीन्द्र कुमार वर्मा, सहित कुल 18 जिलों गया, बाँका, जमुई, मंुगेर, नवादा, रोहतास, कैमूर, औरंगाबाद, पटना, जहानाबाद, अरवल, शेखपुरा, लखीसराय, भागलपुर, बक्सर, भोजपुर, बेगूसराय एवं नालंदा के परियोजना क्षेत्र से संबंधित 200 मुखिया/जलछाजन सचिव एवं उप निदेशक (कृृषि अभियंत्रण), भूमि संरक्षण तथा सहायक निदेशक (शष्य), भूमि संरक्षण ने भाग लिया।
माननीय मंत्री से मिले ताईवान, सिंगापुर एवं मलेशिया के प्रतिनिधिगण
चतुर्थ कृषि रोड मैप के लाँच एवं बिहार सरकार के कृषि विभाग द्वारा किसानों के लिए जो अच्छे कार्य किये जा रहे हैं, उससे प्रभावित होकर उसे देखने ताईवान, सिंगापुर एवं मलेशिया के प्रतिनिधिगण आये हंै। उनके द्वारा बिहार के किसानों के हित में पटवन कार्य से संबंधित निःशुल्क व्यवस्था करने की इच्छा प्रकट की गई है।